कल खडसे थे, आज गिरीश महाजन, इतिहास खुद को दोहरा रहा है, पाटील की संसदीय भाषा का काट खोजने में भाजपा विफल
नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT: कहते हैं नियती किसी को नहीं छोड़ती, इतिहास अपने आप को कहीं न कहीं दोहराता ज़रूर है। जलगांव की राजनीति में ठीक ऐसा…