नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
9 अप्रैल की दोपहर जलगांव के जामनेर, चालीसगांव और रावेर बेल्ट में आचनक आए तूफ़ान से हजारों एकड़ ज़मीन पर खड़ी केला बागान की खेती ने जमीन चूम ली। महज 20/25 मिनट तक चली इस आंधी ने किसानों का करोड़ों रुपए का नुकसान कर दिया। राजकीय मकबुलियत के तौर तरीकों के प्रोटोकॉल के अनुसार भाजपा नेता गिरीश महाजन ने अपने हि निर्वाचन क्षेत्र के गारखेड़ा जाकर तूफ़ान से बर्बाद केला बागानों का मुआयना किया। सरकार की ओर से किसानों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। इस प्रकार की खबरों में पक्ष-विपक्ष का पैटर्न सेम होता है बस बदलते हैं नेताओं के स्टेटमेंट। सत्तापक्ष का नेता प्रशासन को बोलता है पंचनामे करो लाभधारक पत्रकार इसे चेतावनी के लहज़े में “आदेश” लिखते हैं। विपक्ष के नेता को पेपर के आखरी पन्ने के किसी कोने में फोटो कैप्शन न्यूज़ के साथ निपटा दिया जाता है। महाजन के दौरे को गोदी मीडिया में बढ़िया कवरेज मिला है उम्मीद है की किसानों को सरकार से माकूल सहायता मिलेगी। आज शिवसेना (UBT) के नेता पूर्व सांसद उन्मेष पाटील ने फसल बीमा योजना को लेकर गिरीश महाजन पर जमकर हमला बोला। पत्रकार वार्ता में पाटील ने केंद्र और राज्य के सहकार नीति की धज्जियां उड़ा दी कहा कि जिला सहकारी बैंक ने 876 में से 291 ग्राम विकास सोसायटीस को ऋण देने से मना कर दिया जिससे 50 हजार किसान प्रभावित हो गए हैं। 10,679 केला उत्पादक किसानों का बीमा प्रीमियम सरकार के पास जमा है जिसके कारण किसानों को 380 करोड़ रुपया नहीं मिला। 11,300 किसानों की कृषि ज़मीन नपाई में प्रशासन ने गड़बड़ी कर रखी है इस विषय पर महाजन ने बैठक करी थी हल क्यों नहीं निकला ? सरकार ने इन किसानों का प्रीमियम का पैसा बीमा कंपनी को जमा कराने के बजाय खुद अपने पास रख लिया तो किसानों को सहायता कैसे मिलेगी ? पाटील ने गिरीश महाजन को लताड़ते हुए कहा कि सूट बूट शॉर्टिंग कर ने वालों के सामने विभिन्न किस्म के दाल दलिहान रखे जाए तो उनको पता नहीं चलेगा की कौन कौन सा दाल है। पाटील ने महाजन को सलाह दी कि मंत्री पद को साथ लेकर घूमिए नहीं ये जनता ने दिया पद है कोई जागिर नहीं इस पद को न्याय दीजिए। भाजपा जलगांव लोकसभा की सांसदी से इस्तीफ़ा देकर शिवसेना (UBT) में शामिल हुए उन्मेष पाटील ने गिरीश महाजन की राजकीय कार्यशैली पर हमले जारी रखे है। आज पाटील जनता से मुखातिब नहीं होते तो जिला सहकारी बैंक और फसल बीमा योजना का काला सच सामने नहीं आता। ज्ञात हो कि विपक्ष ने फसल बीमा योजना में महा घोटाले की बात की थी। क्या पाटील ने इसी घोटाले की ओर इशारा किया है ?
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