रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:
झाबुआ जिला सहित पूरे प्रदेश में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले लोकप्रिय समाजसेवी सुरेश चंद जैन (पप्पू भैया) ने अपने व्यवसाय के साथ साथ धार्मिक, सामाजिक एवं दूसरों के प्रति हर पल सहयोग की भावना रखने वाले हर दिल अजीज सरल स्वभावी व्यक्तित्व के धनी श्री सुरेश चंद जैन ने कोरोना माहामारी में किए गए सहयोग निराश्रितों की भरपुर मदद और परिवहन आपूर्ति का पूरा ध्यान रखते हुए समय-समय पर राशन अनाज परिवहन भी कई जिलों में माल आपूर्ति का कार्य बखूबी पुरा करने पर भारत सरकार के परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी जी ने उनके हाथों से प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मान किया.
श्री जैन को मीडिया द्वारा पूछा गया कि यह सम्मान प्राप्त करते हुए आपको कैसा लगा तब श्री जैन ने बताया कि यह सम्मान मेरा नहीं मध्य प्रदेश सहित पूरे जिले के हर व्यक्ति का हुआ है मुझे अपने व्यापार के साथ-साथ निराश्रित तो की सेवा करना उन की मदद करके मुझे बहुत सुकून मिलता है मैं यदि किसी के काम आ सकूं तो मैं अपने आप को सौभाग्यशाली समझता हूं और मैं यही सोच कर अच्छी भावना के साथ कार्य करता रहता हूँ.
लोकप्रिय समाजसेवी श्री सुरेशचंद्र जैन (पप्पू भैया) का नाम किसी भी पहचान का मोहताज नहीं है. झाबुआ जिले के मेघनगर विकासखंड के छोटे से गांव रंभापुर में जन्मे पप्पू भैया को व्यापार और संपन्नता विरासत में नहीं मिली थी। उन्होंने शून्य से शुरुआत की और आज प्रदेश के बड़े उद्यमियों में उनका नाम शुमार होता है।
उनकी भगवान के प्रति अटुट आस्था है इसके साथ उनकी सबसे बड़ी आस्था जरूरतमंदों की सेवा है। हर काम की शुरुआत नाकोड़ा जी से होती है। फुटतलाब के प्रसिद्ध वनेश्वर मारुति नंदन कुटीर हनुमान मंदिर को उन्होंने विशाल रूप में सेवारा है। मेघनगर में जब होते हैं फुटतलाब जरूर जाते हैं और जब वो आरती करते हैं तो मंदिर की घंटी की आवाज सुन सैकड़ों गरीब जमा हो जाते हैं ।
ओर उनमें से कोई खाली हाथ नही लोटता सुरेशचंद्र जैन के पास बड़े कारोबार के साथ साथ लंबा – चौड़ा स्टाफ भी है लॉक डाउन में जब काम बंद था तब भी श्री जैन ने अपने स्टाफ सहित जरूरतमंदों की भरपूर मदद की थी.
धार्मिक सामाजिक पारिवारिक आयोजनों में भी मदद करते हैं । इसलिए कर्मचारीयो सहीत अनेक लोग उन्हें भगवान की तरह मानते हैं।
कोरोना काल में जब गुजरात से प्रवासी मजदूर अपने घर लौट रहे थे तो उन परिवारों को अपनी बसों और ट्रकों से घर तक भेजा रास्तों पर आने – जाने वालों को खाने के पैकेट वितरण किए।
प्रतिदिन उन्होंने परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर और साथियों से मिलकर एक हजार खाने के पैकेट वितरण किये थे।
श्री वनेश्वर मारुति नंदन कुटीर हनुमान मंदिर फुटतलाब मंदिर पर पूरे समय भंडारा चलता रहा पप्पू भैया को अगर जानना है तो ये जानना भी जरूरी है ! उनकी दया भावना का उदाहरण है।
पप्पू भैया को राणापुर क्षेत्र के एक युवक के बारे में पता चला के वो कई महीने जेल में बंद था। प्रकरण उसके ससुराल वालों ने दर्ज कराया था, जब पत्नी नाबालिग थी। अपहरण का केस उस युवक पर दर्ज हुआ था। पत्नी को लेकर गुजरात चला गया और जब लौटा तो पुलिस ने पकड़ लिया। जिस लड़को के अपहरण का कैस है वो उसकी पत्नी बनकर घर रह रही है ।
अब वो बालिग है और एक बेटा भी पत्नी दूसरी बार गर्भवती थी। जेल में बंद रहने के पीछे कारण ये था कि उस युवक के पास जमानत कराने का पैसा नहीं था।
सुरेशचंद्र जैन ने उसकी मदद की और जमानत का पैसा दिया । युवक जेल से छूटा तो सबसे पहले पप्पू भैया से मिला ओर बताया पत्नी की डिलीवरी होने वाली है और वो अस्पताल में भर्ती है।
अगर बेटा हुआ तो नाम सुरेश रखूंगा और बेटी हुई तो सीमा दरअसल सीमा जैन, सुरेश जैन की पत्नी का नाम है।
युवक की पत्नी ने बेटी को जन्म दिया और उसका नाम सीमा रखा
समाजसेवा ही ध्येय आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक तौर पर वो काफी संपन्न उद्यमी है।
संपन्न होने के बाद सुरेश जैन ने जरूरतमंदों की सेवा को ध्येय बनाया और इसी मूल्य पर जीवन जी रहे जरूरतमंदों के लिए रोजगार की व्यवस्था जुटाना , उनके भीजन की व्यवस्था करना , बेटियों की शादी में मदद करना , सामाजिक धार्मिक कार्यक्रमों में दिल खोलकर काम करना उनकी पहचान है।
फुटतलाब के हनुमान मंदिर पर साल मे दो चार भव्य आयोजन कराते हैं।
एक चैत्र नवरात्रि में और दूसरा शारदीय नवरात्रि में देश भर से जाने – माने कलाकार यहाँ प्रस्तुतियां देने आते हैं और उन्हें देखने दूर – दूर से लोग अपने हर अच्छे काम के लिए वो अपने पिता के संस्कारों को कारण बताते हैं।
पिता पूरणमल जैन के प्रति उनका अगाध प्रेम है।
पिता ही उनके रोल मॉडल है। दलेर मेहंदी और गोविंदा भी आ चुके यहां फुटतलाब के हनुमान मंदिर का जीर्णोद्धार पप्पू भैया ने कराया यहां हर साल आयोजन होते हैं । नवरात्रि आयोजन की ख्याति दूर – दूर तक है । उनके आयोजनों में दलेर मेहंदी , अनूप जलोटा , पंकज उदहास , गोविंदा जैसे नामी कलाकार आ चुके हैं । भागवत कथा का आयोजन हर साल होता है । भंडारे में पूरे नगर और गांव को न्यौता होता है । इसमें निकलने वाली कलश यात्रा में एक जैसे परिधानों में सैकड़ों महिलाएं नंगे पैर शामिल होती हैं । उनके लिए पूरे रास्ते कारपेट बिछाया जाता है यात्रा में हजारों लोग होते हैं । अखिल भारतीय विराट कवि सम्मेलन के आयोजन में देशभर के जाने माने कवियों के साथ ही स्थानीय कवियों को पूरा महत्व दिया जाता है । मीलों दूर श्रोता आते हैं। ऑर्केस्ट्रा भजन संध्या और जैन भजन कार्यक्रम के आयोजन होते हैं। नवरात्रि के गरबा आयोजन में गुजरात के कलाकारों को बुलाया जाता है । ये आयोजन धर्म , आस्था और देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत होता है । झाबुआ । सुरेशचंद्र जैन (पप्पू भैया) का नाम किसी पहचान का मोहताज नहीं है । झाबुआ जिले के मेघनगर के पास छोटे से गांव रंभापुर में जन्मे पप्पू भैया को व्यापार और संपन्नता विरासत में नहीं मिली थी । उन्होंने शून्य से शुरुआत की और आज प्रदेश के बड़े उद्यमियों में उनका नाम शुमार है । उनकी भगवान में अगाध आस्था है , और इसके साथ उनकी सबसे बड़ी आस्था जरूरतमंदों की सेवा है । हर काम की शुरुआत नाकोड़ाजी से होती है । फुटतलाब के प्रसिद्ध हनुमान मंदिर को उन्होंने विशाल रूप में सेवारा है । जब मेघनगर होते हैं , फुटतलाब जरूर जाते हैं । यहां जब वो आरती करते हैं तो मंदिर की घंटी की आवाज सुन सैकड़ों गरीब जमा हो जाते हैं । उनमें से कोई खाली हाथ नहीं जाता ।सुरेशचंद्र जैन के पास लंबा – चौड़ा स्टाफ है । लॉकडाउन में जब काम बंद था , तब भी किसी परिवार को बुरा समय नहीं देखने दिया । अपने कर्मचारियों के हर बुरे समय में काम आते हैं और उनके पारिवारिक आयोजनों में भी मदद करते हैं । इसलिए कर्मचारी उन्हें भगवान की तरह मानते हैं । कोरोना काल में जब गुजरात से प्रवासी मजदूर अपने घर लौट रहे थे तो उन परिवारों को अपनी बसों और ट्रकों से घर तक भेजा । रास्तों पर आने – जाने वालों को खाने के पैकेट बांटे । हर दिन उन्होंने परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर और साथियों से मिलकर हर दिन एक हजार खाने के पैकेट बांटे । फुटतलाब मंदिर पर पूरे समय भंडारा चलता रहा
पप्पू भैया को जानना है तो ये किस्सा जानना जरूरी है किस्सा उनकी दया भावना का उदाहरण है । पप्पू भैया को राणापुर क्षेत्र के एक युवक के बारे में पता चला । वो कई महीने जेल में बंद था । प्रकरण उसके ससुराल वालों ने तब दर्ज कराया था , जब पत्नी नाबालिग थी । अपहरण का केस उस युवक पर दर्ज हुआ था । पत्नी को लेकर गुजरात चला गया और जब लौटा तो पुलिस ने पकड़ लिया । जिस लड़को के अपहरण का कैस है , वो उसकी पत्नी बनकर घर रह रही है । अब वो बालिग है और एक बेटा भी पत्नी दूसरी बार गर्भवती थी । जेल में बंद रहने के पीछे कारण ये था कि उस युवक के पास जमानत भरने को पैसा नहीं था । सुरेशचंद्र जैन ने उसकी मदद की और जमानत का पैसा दिया । युवक जेल से छूटा तो सबसे पहले पप्पू भैया से मिला । बताया , पत्नी की डिलीवरी होने वाली है और वो अस्पताल में भर्ती है । अगर बेटा हुआ तो नाम सुरेश रखूंगा और बेटी हुई तो सीमा । दरअसल सीमा जैन , सुरेश जैन की पत्नी का नाम है । युवक की पत्नी ने बेटी को जन्म दिया और उसका नाम सीमा रखा ।
समाजसेवा ही ध्येय आर्थिक , सामाजिक और राजनीतिक तौर पर वो काफी संपन्न उद्यमी है । संपन्न होने के बाद सुरेश जैन ने जरूरतमंदों की सेवा को ध्येय बनाया और इसी मूल्य पर जीवन जी रहे जरूरतमंदों के लिए रोजगार की व्यवस्था जुटाना , उनके भीजन की व्यवस्था करना , बेटियों की शादी में मदद करना , सामाजिक धार्मिक कार्यक्रमों में दिल खोलकर काम करना उनकी पहचान है । फुटतलाब के हनुमान मंदिर पर साल दो चार भव्य आयोजन कराते हैं । एक चैत्र नवरात्रि में और दूसरा शारदीय नवरात्रि में देशभर से जाने – माने कलाकार यहाँ प्रस्तुतियां देने आते हैं और उन्हें देखने दूर – दूर से लोग अपने हर अच्छे काम के लिए वो अपने पिता के संस्कारों को कारण बताते हैं । पिता पूरणमल जैन के प्रति उनका अगाध प्रेम है । पिता ही उनके रोल मॉडल है ।
दलेर मेहंदी और गोविंदा भी आ चुके यहां फुटतलाब के हनुमान मंदिर का जीर्णोद्धार पप्पू भैया ने कराया यहां हर साल आयोजन होते हैं । नवरात्रि आयोजन की ख्याति दूर – दूर तक है । उनके आयोजनों में दलेर मेहंदी , अनूप जलोटा , पंकज उदहास , गोविंदा जैसे नामी कलाकार आ चुके हैं । भागवत कथा का आयोजन हर साल होता है । भंडारे में पूरे नगर और गांव को न्यौता होता है । इसमें निकलने वाली कलश यात्रा में एक जैसे परिधानों में सैकड़ों महिलाएं नंगे पैर शामिल होती हैं । उनके लिए पूरे रास्ते कारपेट बिछाया जाता है यात्रा में हजारों लोग होते हैं । अखिल भारतीय विराट कवि सम्मेलन के आयोजन में देशभर के जाने माने कवियों के साथ ही स्थानीय कवियों को पूरा महत्व दिया जाता है । मीलों दूर श्रोता आते हैं । ऑर्केस्ट्रा भजन संध्या और जैन भजन कार्यक्रम के आयोजन होते हैं । नवरात्रि के गरबा आयोजन में गुजरात के कलाकारों को बुलाया जाता है । ये आयोजन धर्म , आस्था और देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत होता है।
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