यूसुफ खान, ब्यूरो चीफ, धौलपुर (राजस्थान), NIT:
सुवर्णप्राशन संस्कार आयोजन कमेटी धौलपुर के द्वारा प्रत्येक पुष्य नक्षत्र को नियमित किए जाने वाले सुवर्णप्राशन कार्यक्रम को पूर्व में नियत स्थानों पर आयोजन किया गया राजाबेटी राजकीय जिला आयुर्वेद चिकित्सालय धौलपुर के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर मिट्ठन लाल शर्मा के निर्देशन में कोविड-19 की गाइडलाइन की पालना करते हुए स्वतंत्रता दिवस की 75 वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में शिविर लगाकर नवजात शिशु से लेकर 16 वर्ष तक की आयु के बच्चों को सुवर्णप्राशन की ड्राप पिलाई गई स्वर्ण प्राशन संस्कार का द्वितीय संस्करण जो कि 8 अगस्त को प्रातः 8:00 से 10:00 बजे तक राजाबेटी राजकीय जिला आयुर्वेद चिकित्सालय धौलपुर एवं शाम 5:00 से 7:00 बजे तक मोटे हनुमान जी मंदिर संतर रोड पर आयोजन किया गया आयोजन कमेटी द्वारा आयोजित स्वर्ण प्राशन संस्कार में शहरवासियों में भारी उत्साह देखने को मिला नवजात शिशु से लेकर 16 वर्ष तक की आयु वर्ग के सभी बच्चों द्वारा स्वर्ण प्रशासन संस्कार का लाभ लिया गया इस मौके पर शहर के प्रमुख समाजसेवी ,विद्वान पंडित दुर्गादत्त शास्त्री द्वारा स्वर्ण प्राशन की बूंदे बच्चों को पिला कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया उनके द्वारा इसकी उपयोगिता बताते हुए कहा गया कि सुवर्णप्राशन हि एतत मेधाग्निबलवर्धनम् । आयुष्यं मंगलमं पुण्यं वृष्यं ग्रहापहम् ॥ अर्थात स्वर्ण प्राशन मेधा (बुद्धि),अग्नि (पाचन ),बल( ताकत )बढ़ाने वाला होता है यह आयु बढ़ाने वाला, कल्याणकारी, पुण्य तथा वृश्य एवं ग्रह पीड़ा को दूर करने वाला होता है जिस प्रकार आधुनिक प्रणाली में बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए वैक्सीन का इस्तेमाल किया जाता है उसी प्रकार प्राचीन काल से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए स्वर्ण प्राशन संस्कार या विधि की जाती है यह एक प्रकार की आयुर्वेदिक इम्यूनाइजेशन की प्रक्रिया है डॉ दिनेश शर्मा एवं डॉ प्रज्ञा दीप वर्मा द्वारा इस स्वर्ण प्राशन प्रशन का निर्माण शास्त्रोक्त विधि द्वारा मंत्र उच्चार के साथ स्वयं ही निर्मित किया गया है स्वर्ण प्राशन औषधि को निर्मित करने के लिए स्वर्ण भस्म, वचा, सौठ, काकड़ श्रृंगी, पिपली, अतीस,मालकांगनी शंखपुष्पी, आमला, यष्टिमधु , अमृता, बहेड़ा, शहद एवं गाय के घी जैसी आयुर्वेदिक दिव्य औषधियों का प्रयोग किया जाता है मंदिर के महंत डॉक्टर भगवान दास शर्मा के द्वारा यज्ञ एवं औषध पूजा कर मंत्रोचार एवं पुष्प वर्षा के साथ बच्चों को स्वर्ण प्राशन प्रारंभ करवाया गया स्वर्ण प्राशन संस्कार बच्चों को प्रतिभा वान बनाएगी तथा रोगों से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है जिले में कार्यरत आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर गुरप्रीत ने स्वर्ण प्राशन की विशेषता बताते हुए कहा कि प्राचीन समय में बच्चों की जीभ पर सोने या चांदी की सिलाई से ओम लिखा जाता था हालांकि यह प्रथा अब लुप्त हो चुकी है अब स्वर्ण प्राशन विधि ही करवाई जाती है जिले में आयोजित स्वर्ण प्राशन संस्कार के द्वितीय संस्करण में कुल 1136 बच्चों द्वारा लाभ लिया यह आयुर्वेद के प्रति आमजन का उत्साह दर्शाता है सुवर्णप्राशन हेतु आए अभिभावकों में सतेंद्र गुप्ता ,प्रमोद शर्मा, रामराज सिंह सिकरवार टी आर त्यागी, सुमित पाराशर, श्रीमती गुंजन द्वारा स्वर्ण प्राशन संस्कार आयोजन कमेटी धौलपुर की टीम को बहुत-बहुत धन्यवाद किया गया कि उनके द्वारा जिले में शुरू की अनूठी पहल द्वारा उनके बच्चों को इस ड्राप की पहली बूंद से ही बहुत ही लाभ मिला है तथा उनके द्वारा समस्त नागरिकों को यह अपील की गई कि अपने नवजात शिशु से 16 वर्ष तक की आयु के बच्चों को यहां लाए और एवं स्वर्ण प्राशन संस्कार करवाएं पूरे कार्यक्रम को डाबर फार्मेसी के एरिया मैनेजर राजेंद्र देवासी एवं हिमालय फार्मेसी के एरिया मैनेजर राम प्रकाश गोरिया द्वारा स्पॉन्सर किया गया इस मौके पर राजा बेटी चिकित्सालय धौलपुर के समस्त स्टाफ डॉ बनवारी लाल शर्मा ,डॉक्टर आकाश अग्रवाल, कंपाउंडर अरविंद शुक्ला,बृजेश शर्मा रामनिवास शर्मा, मुन्ना पुरी उपस्थित रहे इसमें वरिष्ठ कंपाउंडर श्री अशोक कुमार शर्मा एवं श्री संदीप गोस्वामी द्वारा विशेष रूप से पूरी टीम का सहयोग किया गया स्वर्ण प्राशन संस्कार आयोजन कमेटी धौलपुर के द्वारा आयुर्वेद को अपनी जीवन शैली में लाने के लिए एवं अपने बच्चों को स्वर्ण प्रशासन करवाने के लिए धौलपुर वासियों का आभार व्यक्त किया अगला पुष्य नक्षत्र 4 सितंबर को है अपने नवजात शिशु से 16 वर्ष तक की आयु के बच्चों को निशुल्क स्वर्ण प्राशन संस्कार के लिए आग्रह करता है .
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