बुलढाणा के "ज्ञानगंगा अभयारण्य" के तेंदुए का किया शिकार: खाल के साथ 4 तस्करों को भुसावल में वन विभाग ने दबोचा | New India Times

कासिम खलील, बुलढाणा (महाराष्ट्र), NIT; ​बुलढाणा के "ज्ञानगंगा अभयारण्य" के तेंदुए का किया शिकार: खाल के साथ 4 तस्करों को भुसावल में वन विभाग ने दबोचा | New India Times9 मई को जाल बिछाकर जलगांव खान्देश वन विभाग के दल ने 4 तस्करों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से एक तेंदुए की खाल बरामद की गई है। पकडे गए तस्करों में दो मध्यप्रदेश के तीसरा आरोपी खान्देश का तथा चौथा आरोपी बुलढाणा जिले का है। खास बात तो यह है की मृत तेंदुआ बुलढाणा जिले के ज्ञानगंगा अभयारण्य का था। तेंदुए को किस तरह से मारा गया इसकी छानबीन फिल्हाल जारी है।​बुलढाणा के "ज्ञानगंगा अभयारण्य" के तेंदुए का किया शिकार: खाल के साथ 4 तस्करों को भुसावल में वन विभाग ने दबोचा | New India Timesजलगांव खान्देश जिले के मुक्ताई नगर के आरएफओ पी. टी. वराडे को गुप्त जानकारी मिली थी कि कुछ लोग भुसावल में तेंदुए की खाल लेकर आ रहे हैं। जानकारी के आधार पर भुसावल के नाहाटा महाविद्यालय के पास 9 मई को जाल बिछाकर आरोपी कृष्णकुमार अमरसिंह बेस (31), दिलीप अमरसिंह बेस (29) दोनों नि. बरहाणपुर (मध्यप्रदेश), रामचंद्र खवले (42) नि. अमलनेर तथा सुरेश गजानन झाल्टे (21) नि. बोरखेड जि. बुलढाणा को दबोचा गया। इन के पास से एक तेंदुए की खाल तथा 3 मोटर साइकिल जब्त की गई। चारों आरोपियों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण कानुन1972 की धारा 3, 39, 48, 51 के तहत अपराध दर्ज कर उन्हें जामनेर की कोर्ट में पेश किये जाने पर चारों को आगामी 14 मई तक वन कस्टडी में भेज दिया गया है।

आरोपी झाल्टे कर रहा है दिशाभूल

वनविभाग को प्राथमिक जांच में पता चला कि तेंदुए की खाल बुलढाणा जिले के ग्राम बोरखेड निवासी सुरेश झाल्टे लेकर आया था। झाल्टे से पुछ-ताछ शुरू करने पर झाल्टे लगातार अपना बयान बदल रहा है। बता दें कि ग्राम बोरखेड से सटकर ही ज्ञानगंगा अभयारण्य है जहाँ  पर तेंदुए व भालु बडी संख्या में पाए जाते हैं। आरोपी कभी कह रहा है कि तेंदुए की मौत बिजली का करंट लगने से हुई तो कभी कह रहा है कि तेंदुआ कुएं में गिरकर मरा था।​बुलढाणा के "ज्ञानगंगा अभयारण्य" के तेंदुए का किया शिकार: खाल के साथ 4 तस्करों को भुसावल में वन विभाग ने दबोचा | New India Times

आरोपी झाल्टे को गांव में लाया गया

इस तेंदुए की खाल तस्करी के मामले में वनविभाग की जांच का केंद्र बिंदू बना आरोपी सुरेश झाल्टे अपनी बात पर कायम नहीं रहे रहा है।11 मई को मुक्ताईनगर वनविभाग की टीम आरोपी झाल्टे को लेकर बोरखेड पहुंची और अभयारण्य से सटे इलाके में उसे लेकर कई स्थानों पर जांच की। आरोपी झाल्टे ने बताया कि 2 साल तक उसने तेंदुए की इस खाल को प्लास्टिक में बंद कर एक खेत में दफनाया था। उसे ग्राम पलढग शिवार के उस खेत मे भी ले जाया गया था।

आरोपी झाल्टे के सहयोगी की हुई मौत?

वनविभाग की गिरफ्त में आने के बाद आरोपी सुरेश झाल्टे ने वनविभाग को बताया कि उसे यह तेंदुए मृत अवस्था में मिलने के बाद उसने ग्राम पलढग निवासी संजय गायकवाड नामी युवक की सहायता से तेंदुए की खाल निकाली थी। सुरेश झाल्टे के सहायोगी संजय गायकवाड की एक हादसे में मौत होने का दावा आरोपी झाल्टे कर रहा है। फिल्हाल मृत तेंदुए के अवशेष हाथ नहीं लगे हैं।

आरोपी  सुरेश झाल्टे लगातार अपना बयान बदल रहा है। तेंदुए की खाल ज्यादा पुरानी नही है। कल मुंबई से वन अपराध शाखा के लोग आ रहे हैं, उसके बाद जांच की अगली दिशा तय की जाएगी: पी. टी. वराडे, आरएफओ, मुक्ताईनगर।


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