राजस्थान कायमखानी बिरादरी को सिविल सेवा परीक्षा क्रेक करने के लिये ज़कात फाउंडेशन की तरह मजबूत संस्थान कायम करने पर जरा सोचना होगा, अभी  UPSC के आये रिजल्ट में 52 मुस्लिम चयनित हुए जिनमें से पांच ने टाॅप-100 में जगह बनाई | New India Times

अशफ़ाक़ क़ायमखानी, ब्यूरो चीफ, जयपुर (राजस्थान), NIT:

राजस्थान कायमखानी बिरादरी को सिविल सेवा परीक्षा क्रेक करने के लिये ज़कात फाउंडेशन की तरह मजबूत संस्थान कायम करने पर जरा सोचना होगा, अभी  UPSC के आये रिजल्ट में 52 मुस्लिम चयनित हुए जिनमें से पांच ने टाॅप-100 में जगह बनाई | New India Times

आर्मी व ब्यूक्रेशी में ठीक से प्रतिनिधित्व करने वाली  राजस्थान की कायमखानी बिरादरी को बड़े भाई की भूमिका में आकर भारतीय स्तर पर कायम संस्थान ज़कात फाउंडेशन की तरह कायम फाऊंडेशन बना कर प्रदेश में भारतीय सिविल सेवा सहित भारतीय संघ लोकसेवा आयोग की विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी के लिये अच्छा कोचिंग संस्थान कायम करने पर विचार करना चाहिए जिससे राजस्थान के मुस्लिम समुदाय में बदलाव की बयार बह सके।

राजस्थान कायमखानी बिरादरी को सिविल सेवा परीक्षा क्रेक करने के लिये ज़कात फाउंडेशन की तरह मजबूत संस्थान कायम करने पर जरा सोचना होगा, अभी  UPSC के आये रिजल्ट में 52 मुस्लिम चयनित हुए जिनमें से पांच ने टाॅप-100 में जगह बनाई | New India Times

हालांकि यूपीएससी की तैयारी करने वाले बच्चे ज़रुरी नहीं है कि सभी बच्चे भारतीय प्रशासनिक व पुलिस सेवा के अधिकारी ही चयनित हो जायें। लेकिन कोचिंग लेने पर उनका मेंटल लेवल इतना बढ़ जाता है कि कुछ बच्चे IAS-IPS बन जाते हैं। ओर नहीं बनने वाले बच्चे UPSC की अन्य सेवाओं के अतिरिक्त राजस्थान लोकसेवा आयोग की RAS-RPS सहित विभिन्न तरह की अन्य परिक्षाओं में निश्चित सफल हो सकते हैं।

जीवन में बदलाव व ज़माने की ठीक से समझ के लिये आला दर्जे की शिक्षा ज़रुरी है। शासन में आने के लिये समाज के अनेक लोग राजनीति में भागदौड़ कर रहे हैं। लेकिन प्रशासन में पैर जमाने के लिये शिक्षा में कड़ी मेहनत करके विभिन्न तरह की परीक्षाओं को क्रेक करना एक मात्र रास्ता है। जिस रास्ते को अपनाने में मुस्लिम समुदाय अभी तक उदासीन व काफी पीछे है।

पिछले सप्ताह UPSC के आये 2023 के परिणाम में मुस्लिम समुदाय के देशभर के 52- बच्चों के सेलेक्ट होने के समाचार हैं जो पहले के मुकाबले ठीक संख्या मानी जा रही है। चयनित 52 बच्चों में पांच बच्चे  टाॅप-100 में और नौशीन तो पांचवीं रेंक पर है बाकी रुहानी, बारदाह खान, जुफिशान हक व फैबी रशीद है।

राजस्थान कायमखानी बिरादरी को सिविल सेवा परीक्षा क्रेक करने के लिये ज़कात फाउंडेशन की तरह मजबूत संस्थान कायम करने पर जरा सोचना होगा, अभी  UPSC के आये रिजल्ट में 52 मुस्लिम चयनित हुए जिनमें से पांच ने टाॅप-100 में जगह बनाई | New India Times

UPSC में सलेक्ट होने वाले मुस्लिम बच्चों पर नज़र डालें तो संख्या के हिसाब से 2023 के परिणाम में सबसे अधिक है। इसके अतिरिक्त 2012-में 30, 2019- में 44, 2018- में 28, 2020- में 31, 2014- में 36, 202- में 28, 2022- में 29 मुस्लिम बच्चे सलेक्ट हुये हैं। 2006 में भारत में सबसे कम IAS IPS मुस्लिम थे। 3- प्रतिशत IAS व 4- प्रतिशत IPS थे।

जिनमें सभी धर्म व वर्ग के बच्चों के लिये जकात फाऊंडेशन द्वारा संचालित जामीया के कोचिंग सेंटर के बच्चे अधिक बताते हैं। जामीया के अलावा जामीया हमदर्द, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी सहित विभिन्न हज कमेटियों द्वारा संचालित कोचिंग के बच्चे भी हैं।

शिक्षा में आगे बढ़ाने के कायमखानी बिरादरी के कुछ लोगों ने कुछ समय पहले एक कायम जकात फाऊंडेशन का गठन किया था। जो मात्र एक साल पैसा इकठ्ठे किया। उस जमा राशि का सदुपयोग अच्छे से हुवा पर वो फाऊंडेशन आगे नहीं बढ़ पाया।

राजस्थान के कुछ बच्चों ने UPSC को सीधे तौर पर क्रेक ज़रूर किया है। जो बहुत कम तादाद में बताये जाते हैं। जिनमें असलम खान IPS, जफर मलिक IAS, मकसूद खान IPS, फराह हुसैन IRS, अब्दुल जब्बार IAS व जाकीर खान IRS जैसे कुछ ओर चंद लोग हो सकते हैं। जिन्हें ऊंगलियों पर गिना जा सकता है। जिनमें जफर मलिक केरल केडर, मकसूद खान हरियाणा केडर, असलम खान केन्द्र शाशित प्रदेश सेवा व फराह हुसैन आयकर विभाग जयपुर में पदस्थापित हैं।

राजस्थान कायमखानी बिरादरी को सिविल सेवा परीक्षा क्रेक करने के लिये ज़कात फाउंडेशन की तरह मजबूत संस्थान कायम करने पर जरा सोचना होगा, अभी  UPSC के आये रिजल्ट में 52 मुस्लिम चयनित हुए जिनमें से पांच ने टाॅप-100 में जगह बनाई | New India Times

UPSC से सीधे तौर पर चयनित IAS -IPS राजस्थान के किसी बच्चे को राजस्थान केडर अभी नहीं मिल पाया है।  राजस्थान में सीधे तौर पर चयनित IAS-IPS जो पदस्थापित हुये हैं। वो अभी तक अन्य प्रदेशों के रहे हैं। जिनमें 1975-76 में यूपी गाजीपुर के सलाऊद्धीन अहमद खान IAS थे। जो मुख्य सचिव पद से सेवानिवृत्त हुये हैं। उनके करीब छत्तीस साल जम्मू काशमीर के रहने वाले कमर उल जमान चौधरी IAS हैं। जो वर्तमान में सीकर जिला कलेक्टर हैं। उनके बाद जम्मू काशमीर के ही अतर आमिर IAS हैं। जो वर्तमान में काश्मीर में पांच साल के लिए डेपुटेशन पर हैं। उनके बाद केरल के जुनेद खान IAS आये हैं। जो वर्तमान में वित्त विभाग में जोईंट सेक्रेटरी पद पर पदस्थापित हैं। इसके अलावा अब तक एक मात्र IPS राजस्थान में शाहीन सी आये हैं। जो वर्तमान में सीकर शहर में उप पुलिस अधीक्षक के पद पर पोस्टेड हैं।

राजस्थान में रियासतों के विलय के समय रियासतों से कलेक्टर पद के लिये पांच मुस्लिम सीधे तौर पर आये थेः उनमें बूंदी रियासत के अलाऊद्दीन खिलजी व जयपुर रियासत के रहमत अली जाफरी प्रमुख थे। इनके अलावा राजस्थान प्रशासनिक व पुलिस सेवा सहित अन्य सेवाओं से तरक्की पाकर भी IAS – IPS बने हैं। जिनमें जे.एम खान, एम एस खान, ऐ.आर खान,अशफाक हुसैन, मोहम्मद हनीफ खान, शफी मोहम्मद, जाकीर हुसैन,व  इकबाल खान प्रमुख बताते हैं।

राजस्थान कायमखानी बिरादरी को सिविल सेवा परीक्षा क्रेक करने के लिये ज़कात फाउंडेशन की तरह मजबूत संस्थान कायम करने पर जरा सोचना होगा, अभी  UPSC के आये रिजल्ट में 52 मुस्लिम चयनित हुए जिनमें से पांच ने टाॅप-100 में जगह बनाई | New India Times

इसी तरह तरक्की पाकर IPS भी बने हैं। जिनमें फिरोज खान, मुराद अली अब्रा, लियाकत अली खान, निसार फारुकी, कुवर सरवर खान, हबीब खान गौरान, हैदर अली जैदी, तारिक आलम व अरशद अली खान प्रमुख है। जिनमें वर्तमान में केवल अरशद अली सलम्बूर पुलिस अधीक्षक पद पर पदस्थापित हैं। बाकी आईजी व डीआईजी पद से सेवा निवृत्त हो चुके हैं।

इनके अलावा राजस्थान हाईकोर्ट में सर्विस कोटे व सीधे वकील कोटे से जस्टिस भी बने हैं। उनमें  जस्टिस सैयद फारुक अली नकवी, जस्टिस मोहम्मद असगर अली चौधरी, जस्टिस यामिन अली, जस्टिस मोहम्मद रफीक, जस्टिस भंवरु खान व जस्टिस फरजंद अली है। इनमें जस्टिस मोहम्मद रफीक व जस्टिस फरजंद अली वकील कोटे से हैं। बाकी सर्विस कोटे से बने हैं। जस्टिस मोहम्मद रफीक मेघालय, मध्यप्रदेश व हिमाचल के चीफ जस्टिस भी रहे हैं। जस्टिस फरजंद अली वर्तमान में जस्टिस हैं।

कुल मिलाकर यह है कि राजस्थान में सिविल सेवा सहित अन्य सेवाओं में मुस्लिम समुदाय की भागीदारी बढ़ाने के लिये गाईडेंस ब्यूरो व मदद के लिये फाऊंडेशन का गठन करना आज ज़रूरत बन गया है। राज्य में मुस्लिम समुदाय के सेवानिवृत्त IAS IPS व ओनरेबलस  की एक लम्बी सुची है। जो मिलकर इस तरफ कदम बढ़ा सकते हैं।


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