कांग्रेसी लीडर दिग्विजय सिंह ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर मनरेगा मजदूरी भुगतान को लेकर उठाए सवाल | New India Times

Edited by Sandeep Shukla, भोपाल, NIT; 

कांग्रेसी लीडर दिग्विजय सिंह ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर मनरेगा मजदूरी भुगतान को लेकर उठाए सवाल | New India Times​पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर मनरेगा मजदूरों के भुगतान को लेकर सवाल उठाए हैं।

दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंडला यात्रा के ठीक पहले केंद्र और राज्य सरकार पर संवेदनहीन होने का आरोप  लगाया है। उन्होंने अकेले मंडला में 13 करोड रुपए की मनरेगा राशि भुगतान ना होने का आरोप लगाया है। उन्होंने लिखा है कि मध्यप्रदेश में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों को मनरेगा मजदूरी नहीं मिल रही है। मजदूरों का 450 करोड़ रुपए की मजदूरी भुगतान अटका हुआ है, जिसके चलते आदीवासी भूखे रहने को मजबूर हो रहे हैं। उन्होंने दौरे से पहले लंबित भुगतान करने की बात कही है।

दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र में लिखा है कि विगत छह महिने से में नर्मदा परिक्रमा यात्रा पर था। इस दौरान मध्यप्रदेश के अंचलों में रहने वाले अनुसूचित जनजाति बाहुल्य जिलों में लोगों से मिलना हुआ। यहां मैने आदिवासियों की पीड़ा और समस्याओं को काफी गहराई से महसूस किया। उन्होंने बताया कि कई महिनों से उन्हें मजदूरी नही मिली है। प्रदेश में मजदूरों का करीब 450  करोड़ रुपये मजदूरी भुगतान अभी बाकी है।मजदूरी ना मिलने के चलते ये आदिवासी वर्ग आए दिन बैंकों और पंचायतों के चक्कर लगाने और भूखे रहने को मजबूर हो रहे है, वही छोटे दुकानदारों का धंधा चौपट हो गया है। मेरा आपसे अनुरोध है कि जिन जिलों में भुगतान नही हुआ है वहां मजदूरों को उनका हक दिया जाए, ताकी वे अपना जीवनयापन ठीक ढंग से कर सकें। साथ ही मेरी मांग है कि इस विलंब के लिए केन्द्र और राज्य के दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

वही सिंह ने पत्र में सूखे को लेकर भी पीएम मोदी से जिक्र किया और जिलों को जल्द से जल्द सूखाग्रस्त घोषित करने की बात कही है। उन्होंने आगे पत्र में लिखा है कि इस साल वर्षा के अभाव में मंडला डिंडौरी और अनूपपूर मे खरीफ फसल को भारी नुकसान हुआ है और यहां पेयजल का भी संकट है ।जिसके कारण आदिवासी पलायन करने को मजबूर हो रहे है। मेरा आपसे अनुरोध है कि इन जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किया जाए और मजदूरों के लिए अन्य रोजगार के रास्ते खोले जाए। वही पेयजल के संकट को दूर करने के लिए उन्हें अतिरिक्त राशि दी जाए।आगे उन्होंने लिखा है कि मुझे उम्मीद है कि मंडला में आपके दौरे के पहले इन बातों पर ध्यान दिया जाएगा और आदिवासियों की लंबित मांगों को पूरा किया जाएगा। 


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading