वी.के. त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT:
बढ़ती महंगाई ने आम जनता की कमर तोड़ दी है, बढ़ती सब्जियों की क़ीमत ने रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। शनिवार को गोला गोकर्णनाथ खीरी में फुटकर दुकानों में कहीं 120 रुपये तो कहीं 140 से 180 रुपये किलो के दाम में एक किलो टमाटर बिका है। बामुश्किल 180 रुपये दाम बताने के बाद 10 से 15 रुपये की छूट देते हैं। इसकी मुख्य वजह वर्षा में उत्पादन गिरना और अच्छा दाम पाने के लिए कोल्ड स्टोरेज में टमाटर को देर तक रखना सामने आ रहा है।
टमाटर 100 रुपये नहीं अब 180 रुपये किलो तक बिक रहा है। जबकि कुछ ही दिन पूर्व सरकारी दावा सामने आया था कि अगले 10 दिन में दाम गिरने शुरू हो जाएंगे पर ऐसा नहीं हुआ। शनिवार को तहसील की फुटकर दुकानों में कहीं 120 रुपये तो कहीं 140 से 180 रुपये किलो के दाम में एक किलो टमाटर बिका है। यहीं नहीं, कुछ टमाटर बेचने वालों के भाव भी बढ़े हुए हैं। ये ग्राहकों से सीधे मुंह बात नहीं कर रहे हैं। टमाटर के भाव पूछो तो ये अपनी पर आ जाते हैं, कहते हैं लेना भी है या केवल भाव पूछने के लिए पूछ रहे हैं।
बढ़ते सब्जियों के दाम से बिगड़ा रसोई का बजट।
इन दिनों हरी सब्जियों के भाव आसमान छू रहे हैं।
बढ़ते हुए सब्जियों के दामों से रसोई का जायक़ा बिगाड़ दिया है। गरीबों की थाली से हरी सब्जी इन दिनों गायब हो गई है। सब्जी और दाल के भाव आसमान छू रहे हैं, जिसके चलते गरीब चटनी-रोटी खा रहे हैं। सब्जियों की दुकान लगाने वाले दुकानदारों ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों से सब्जी नहीं आने की वजह से सब्जियों के भाव बढे हुए हैं।
टमाटर, हरी धनिया व मिर्ची के भाव आसमान छू रहे हैं जिसके चलते रसोई का जायका बिगड़ गया है। 40 रुपये प्रति किलो से कम किसी भी सब्जी के दाम नहीं हैं। टमाटर इन दिनों अधिक महंगा हो गया है। हरी सब्जियां अधिकतम 100 रुपये प्रति किलो तक बिक रही हैं। सब्जी दुकानदारों ने बताया कि टमाटर 120 से 150 रुपये प्रति किलो, भिंडी 60 से 80 रुपये प्रति किलो, फूल गोभी व पत्तागोभी 60 से 70 रुपये प्रति किलो, मिर्च 150 से 160 रुपये प्रति किलो, बैगन 40 रुपये किलो, प्याज 30 से 40 रुपये प्रति किलो, हरा धनिया 200 रुपये किलो तक बिक रही है।
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