रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:
3 वर्ष का एक मासुम बच्चा 5 का सिक्का गटक गया था जो
सिक्का बच्चे की आहार नली में जाकर फंस गया था। जिला अस्पताल में करीब 1 घंटे के ऑपरेशन के बाद डॉक्टर्स की टीम ने उसे बाहर निकाल दिया। बच्चा भाग्यशाली था, नहीं तो सिक्का यदि श्वास नली में अटक जाता तो मेजर ऑपरेशन करना पड़ता जो यहां संभव नहीं था। अब बच्चा पूरी तरह से सुरक्षित है।
घटना पेटलावद क्षेत्र के ग्राम शामली निवासी डुगर सिंह ने अपने बेटे लक्की को बिस्किट लेने के लिए पांच रुपए का सिक्का दिया था। लक्की ने सिक्का मुंह में रख लिया और अचानक सिक्का उसके गले से नीचे उतर कर आहार नली में जाकर अटक गया। इसके बाद परिजन उसे पेटलावद स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। जहां से लक्की को झाबुआ रेफर कर दिया गया। सुबह नाक, कान, गला विशेषज्ञ डॉक्टर केवल पाटीदार ने उसकी जांच की और ऑपरेशन का निर्णय लिया।
इसके बाद डॉ. पाटीदार के साथ इनस्थेटिक डॉ. सावन चौहान और उनकी टीम ने बच्चे का माइनर ऑपरेशन कर उसकी आहार नली में अटका सिक्का सफलतापूर्वक निकाल दिया।
हर महीने ऐसे आते हैं दो बच्चे: डॉक्टर केएल पाटीदार
हर महीने ऐसे दो मामले आते हैं। मेरा माता-पिता से यही कहना है कि वे छोटे बच्चों को सिक्के न दें। यदि कुछ सामान लाने के लिए सिक्का दे भी रहे हैं तो उन्हें समझाएं कि इसे मुंह में न रखें। यदि सिक्का बच्चे की श्वास नली मे अटक जाता तो यहां ऑपरेशन नहीं हो पाता।
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