भोपाल एम्स में नर्सिंग स्टाफ को ड्यूटी और क्वॉरेंटाइन के दौरान कई तरह के समस्याओं का करना पड़ रहा है सामना, यदि कोई शिकायत करता है तो उसको हटाने की दी जाती है धमकी | New India Times

अबरार अहमद खान/मुकीज़ खान, भोपाल (मप्र), NIT:

भोपाल एम्स में नर्सिंग स्टाफ को ड्यूटी और क्वॉरेंटाइन के दौरान कई तरह के समस्याओं का करना पड़ रहा है सामना, यदि कोई शिकायत करता है तो उसको हटाने की दी जाती है धमकी | New India Times

कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश में इस वक़्त हाहाकार मचा हुआ है। लॉकडाउन में पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग अपनी अहम भूमिका निभा रहा है लेकिन इस मुश्किल घड़ी में दुख की बात यह है कि भोपाल एम्स में नर्सिंग स्टाफ की सुध लेने वाला कोई नहीं है।

भोपाल एम्स में नर्सिंग स्टाफ को ड्यूटी और क्वॉरेंटाइन के दौरान कई तरह के समस्याओं का करना पड़ रहा है सामना, यदि कोई शिकायत करता है तो उसको हटाने की दी जाती है धमकी | New India Times

NSUI मेडिकल विंग के प्रदेश समन्वयक रवि परमार ने भोपाल एम्स में कार्यरत नर्सिंग स्टाफ की समस्याओं से संबंधित एम्स के डायरेक्टर को पत्र लिख कर आरोप लगाते हुए कहा कि मेडिकल और नर्सिंग स्टाफ इस समय कोरोना महामारी में अपनी ड्यूटी कर रहा है उसको ड्यूटी और क्वॉरेंटाइन के दौरान कई तरह के समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अगर कोई स्टाफ इसकी शिकायत करता है तो उसको या तो हटा दिया जाता है या हटाने की धमकी दी जाती है।

भोपाल एम्स में नर्सिंग स्टाफ को ड्यूटी और क्वॉरेंटाइन के दौरान कई तरह के समस्याओं का करना पड़ रहा है सामना, यदि कोई शिकायत करता है तो उसको हटाने की दी जाती है धमकी | New India Times
  1. जिस हॉस्टल में नर्सिंग स्टाफ को कोरनटाइन किया गया है उस हॉस्टल में सफाई की बिल्कुल भी सुविधा नहीं है जिससे कि संक्रमण का खतरा दुगना बढ़ जाता है ।
  2. हॉस्टल में खाना बिल्कुल भी गुणवत्ता वाला नहीं मिलता जिससे की पहले कई बार स्टाफ बीमार हो चुके हैं और कई बार खाने में इल्लियाँ निकलना या फिर खाने की प्लेट ठीक से साफ ना होना जैसी समस्या बार-बार उत्पन्न होती है।
    इस समय संक्रमण का खतरा ज्यादा है उसके बावजूद भी खाने की डिस्पोजेबल प्लेट यूज नहीं की जाती खाने के दौरान काम में ली जाने वाली प्लेटें दूबारा उपयोग में ली जा रही हैं उनसे संक्रमण का खतरा बहुत ज्यादा रहता है।
  3. हॉस्टल में ड्यूटी के दौरान स्टाफ को जो पीने का पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है वो भी वाटरकुलर से खुले बर्तनों/मग के अन्दर दिया जा रहा है जिसमें संक्रमण से बचाव के कोई उपाय नहीं है जबकि मरीजों तक को पैकिंग पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है जिससे कि स्टाफ में संक्रमण का खतरा और ज्यादा बढ़ जाता है।
  4. जो स्टाफ क्वॉरेंटाइन में हैं उनको ना तो हैंड वॉश दिया जा रहा है ना ही सैनिटाइजर दिया जा रहा है ना ही उनके रूम को सैनिटाइज किया जा रहा है जिससे की एक-दूसरे को संक्रमण होने का खतरा हमेश बना रहता है।
भोपाल एम्स में नर्सिंग स्टाफ को ड्यूटी और क्वॉरेंटाइन के दौरान कई तरह के समस्याओं का करना पड़ रहा है सामना, यदि कोई शिकायत करता है तो उसको हटाने की दी जाती है धमकी | New India Times

5. U.G. boys and girls हास्टलों में उन स्टाफ के रहने की व्यवस्था की गई है जो ड्यूटी कर रहे होते हैं, इस दौरान काम में लिए जा रहे टायलेट व बाथरूम काॅमन है जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बहुत ज्यादा रहता है।रवि ने डायरेक्टर एम्स की कार्यवाही पर पूर्ण भरोसा जताते हूये कहा कि जल्द से जल्द इस पर कार्रवाई कर व्यवस्थाओं को सुचारू किया जाएगा। अगर ऐसा नहीं किया गया तो एनएसयूआई को आने वाले समय में उग्र प्रदर्शन के लिए बाध्य होगा।


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