मंत्री गिरिश महाजन के हाथों जामनेर शहर के विभिन्न जगहों पर विकास कार्यों का हुआ भूमिपूजन, जनता को नगर परिषद की ओर से स्कूल और अस्पताल की है प्रतीक्षा | New India Times

नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

मंत्री गिरिश महाजन के हाथों जामनेर शहर के विभिन्न जगहों पर विकास कार्यों का हुआ भूमिपूजन, जनता को नगर परिषद की ओर से स्कूल और अस्पताल की है प्रतीक्षा | New India Times

ग्रामविकास मंत्री गिरीश महाजन के गृह नगर जामनेर में बुनियादी विकास कार्यों का औपचारिक तौर पर सार्वजनिकीकरण किया गया। नगर परिषद के सर्वेलेंस में किए जाने वाले 29 किस्म के विकास कामों के लिए करीब दस करोड़ रूपए का फंड निर्धारित किया गया है। श्री महाजन के हाथों संपन्न भूमिपूजनों के दौरान कार्यकर्ताओं को ताबड़तोड़ तरीके से नारियल तोड़ने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।

मंत्री गिरिश महाजन के हाथों जामनेर शहर के विभिन्न जगहों पर विकास कार्यों का हुआ भूमिपूजन, जनता को नगर परिषद की ओर से स्कूल और अस्पताल की है प्रतीक्षा | New India Times

समारोह के लिए जिलाधीश आयुष प्रसाद विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहे जबकि संरक्षक मंत्री गुलाबराव पाटिल नहीं पधार सके। मंच पर तहसीलदार नानासो श्रीपत आगले, सी ओ चंद्रकांत भोसले, महेंद्र बाविस्कर, डॉ प्रशांत भोंडे, आतिश झालटे, प्रल्हाद सोनवने समेत नगरसेवक और भाजपा के कार्यकर्ता मौजूद रहे। कुल आठ ठिकानों पर होने वाले भू – पूजन हेतु मुंबई लोकल ट्रेन की समय सारणी की तर्ज़ पर मंत्री जी का आधे-आधे घंटे के अंतराल वाला विजिटिंग प्रोग्राम सेट किया गया था। कौन से इलाके में क्या काम होने वाले हैं इसकी जानकारी पाना टैक्स पेयर्स नागरिकों का अधिकार है इस लिए हमने विकास कार्यों की सूची खबर में प्रकाशित की है।

नए कीर्तिमान की ओर

मंत्री गिरिश महाजन के हाथों जामनेर शहर के विभिन्न जगहों पर विकास कार्यों का हुआ भूमिपूजन, जनता को नगर परिषद की ओर से स्कूल और अस्पताल की है प्रतीक्षा | New India Times

साल 2002 में नगर परिषद बनने के बाद आज तक 20 बरसों में जामनेर शहर के सड़क, बिजली, पानी, ड्रेनेज सिस्टम, जलापूर्ति, सरकारी भूखंडों के सहारे सामाजिक न्याय की सौगात, सार्वजनिक साफ-सफाई, आवास इत्यादि कामों पर अंदाजन 600 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। ग्रामीण इकाई में इतना पैसा खर्च करने का कीर्तिमान स्थापित करने वाली जामनेर नगर परिषद शायद पहली संस्था होगी। आम लोग चाहते हैं कि थोड़ा सा धन शिक्षा, अस्पताल और स्वयं रोजगार जैसी सुविधाओं के लिए खर्च कराया जाए तो बहुत अच्छा होगा।


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