नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

किसी एक विधानसभा क्षेत्र के समग्र विकास के लिए उस निर्वाचन क्षेत्र की जनता को उनके विधायक को कैबिनेट मंत्री बनने तक बार बार जितवाकर सदन में भेजना पड़ता है। इसमें राजनीति की कोई अनिवार्यता नहीं बल्की ग्रामीण इलाकों में मतदाताओं के बीच बनी वह धारणा है जो सुंदरतम लोकतंत्र में एक किस्म की कुरूपता को जन्म देती है। महाराष्ट्र में ऐसे कई निर्वाचन क्षेत्र हैं जिन्हें मंत्री पद मिलने के बाद भी उन क्षेत्रों और उनके मुख्य शहरों का रत्ती भर का विकास नहीं हो सका है। जामनेर ब्लॉक उसमें से एक है। इस तहसील में बीते सोलह सालों से आदिवासी युवकों का छात्र निवास किराए की इमारत में चल रहा है। आदिवासी एकता परिषद की ओर से सरकार से मांग की गई है कि स्कूल कॉलेज और यूनिवर्सिटीज में पढ़ने वाली आदिवासी लड़कियों के लिए जामनेर में छात्र निवास बनाया जाएं।

मामले को लेकर संगठन के प्रमुख सुधाकर सोनवने ने यावल प्रकल्प कार्यालय को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञात हो कि जामनेर में सरकार की ओर से एक किराए की इमारत में आदिवासी समुदाय के लड़कों के लिए छात्र निवास चलाया जा रहा है।

30 नवंबर 2022 को New India Times ने अपनी रिपोर्ट में इस छात्रावास को लेकर कई तथ्य सामने रखे थे। एकता परिषद की मांग भारत में रहने वाले हर उस तबके के सामाजिक न्याय के अधिकार की ओर इशारा करती है जो SC/ST/OBC आरक्षण के हकदार हैं।
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