मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:
दारुस सुरूर बुरहानपुर और किछौछा शरीफ का अध्यात्मिक रिश्ता काफी पुराना है। यूपी के किछौछा शरीफ में उर्स ए शेख़ आज़म का इनएक़ाद असातिज़ा (गुरूजन) और तलबा (छात्रगण) जामेअ अशरफ़ दरगाह किछौछा के जेरे ऐहतेमाम हज़रत अल्लामा क़मर आलम अशरफी साहब की सदारत में और हज़रत मौलाना सैय्यद शाह मुख़्तार अशरफ (मुहामिद मियां) अशरफियुल जीलानी की क़यादत में इतवार 15 अक्टूबर 2023 को सुबह 8 बजे से किया गया था। इस बाविक़ार तक़रीब में बुरहानपुर के युवा धार्मिक विद्वान और नबीरा ए सरकार ए बुरहानपुर हसनैन अशरफ वल्द हज़रत मौलाना अलहाज अहमद अशरफ अशरफी ने सवानेह हयात(जीवनी) हुज़ूर शेख़ आज़म पर अंग्रेजी भाषा में अपना मक़ाला (शोध पत्र) पढ़कर बुरहानपुर का नाम रोशन किया।
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