भ्रष्टाचार के मामले में रिश्वतखोर आरोपी को अदालत ने सुनाई 4 वर्ष की सज़ा और ₹2000 का अर्थदंड | New India Times

मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:

भ्रष्टाचार के मामले में रिश्वतखोर आरोपी को अदालत ने सुनाई 4 वर्ष की सज़ा और ₹2000 का अर्थदंड | New India Times
जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री कैलाशनाथ गौतम

जिला लोक अभियोजन अधिकारी बुरहानपुर श्री कैलाशनाथ गौतम द्वारा अभियोजित महत्वपूर्ण बहुचर्चित लोकायुक्त इंदौर द्वारा दर्ज अपराध क्रमांक 492/2014 अन्‍तर्गत धारा 7, 13(1)डी , 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रकरण में बुरहानपुर के प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश माननीय तपेश कुमार दुबे ने आरोपीगण- अनिल गावन्डे पिता श्री अन्ना गावन्डे नगर पालिका परिषद् नेपानगर जिला बुरहानपुर को भ्रष्टााचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13(1)डी , सहपठित धारा 13(2) के अन्तगर्त 04 वर्ष सश्रम कारावास और कुल दो हज़ार ₹ के अर्थदंड से दंडित किया है।

जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री कैलाशनाथ गौतम ने बताया कि, घटना दिनांक 13-11-2014 को ओवदक श्री अजय ओसवाल पिता श्री पुखराज ओसवाल निवासी म.न.पी 8 कंवर कालोनी बड़वाह जिला खरगोन ने लोकायुक्त कार्यालय इंदौर में उपस्थित होकर एक टाईपशुदा शिकायत आवेदन पत्र पुलिस अधीक्षक के समक्ष इस आशय का पेश किया कि आवेदक नगर पालिकाओं में सप्लाई का कार्य करता है। उसने नगर पालिका परिषद् नेपानगर जिला बुरहानपुर में स्वच्छता सामग्री जल संधारण व विद्युत सामग्री सप्लाई हेतु ठेका ले रखा है। उसने दिनांक 01-10-2014 को लगभग 1,80,000 ₹ का सामान नगर पालिका परिषद नेपानगर में सप्लाई किया था, जिसके बिल का भुगतान 4 प्रतिशत वेट टेक्स व टीडीएस काटकर लगभग 1,75000/-रू. के आसपास बनता है, जिसका भुगतान करने के लिये आवेदक सीएमओ श्री सुधाकर कुबड़े से एक माह पूर्व मिला था तो उन्होंने भुगतान हेतु आवेदक को प्राप्त होने वाले रूपयों में से 27 प्रतिशत राशि रिश्वत के रूप में एवं 5 प्रतिशत राशि पृथक से उनके लिए इस प्रकार 32% राशि लगभग 56000/- ₹ रिश्वत की मांग आवेदक से की थी।

जिसकी शिकायत फरियादी अजय द्वारा लोकायुक्त कार्यालय इंदौर में की गई थी। तत्पश्चात प्रकरण में फरियादी को उक्त लोकायुक्त पुलिस द्वारा शासकीय मोबाईल नगरपालिका अधिकारी से रिश्वत की मांग की रिकार्डिंग के लिए दिया गया था जिसमें उसके द्वारा सीएमओ कुबड़े से बातकर रिश्वत की मांग की रिकार्डिंग की थी। तत्पश्चात लोकायुक्त पुलिस द्वारा ट्रेप की कार्यवाही का आयोजन किया गया था तथा फरियादी द्वारा जो नोट रिश्वत में आरोपी को दिए जाने थे, उन पर पावडर आदि लगाकर कार्यवाही प्रारंभ की गयी तथा आरोपी को ट्रेप करने हेतु लोकायुक्त पुलिस मय ट्रेप दल एवं फरियादी के नेपानगर पहुंची तथा जब फरियादी अजय ओसवाल रिश्वत देने सीएमओ कुबड़े के पास पहुंचा तो उन्होंने रिश्वत की राशि 12000 रू. अपने ड्राईवर दैनिक वेतन भोगी वाहन चालक अनिल गावान्डे को रिश्वत राशि देने के लिए कहां। तब फरियादी द्वारा रिश्वत की राशि अनिल गावान्डे को दी गयी, जिस संबंध में तत्काल लोकायुक्त पुलिस द्वारा अनिल गावान्डे एवं सुधाकर कुबड़े को पकड़कर कार्यवाही की तत्पश्चात विवेचना पूर्णकर अभियोजन स्वीकृति आरोपी अनिल गावान्डे के विरूद्ध प्राप्त होने से उसके विरूद्ध अभियोग पत्र विशेष न्यायालय बुरहानपुर में प्रस्तुत किया गया तथा आरोपी सुधाकर कुबड़े के विरूद्ध प्राप्त न होने से विवेचना धारा 173(8) द.प्रं.सं. के अन्तंर्गत लंबित रखी गयी है। प्रकरण में विवेचना लोकायुक्त संगठन इंदौर के निरीक्षक श्री अनिलसिंह चौहान द्वारा की गयी है तथा प्रकरण में पैरवी लोकायुक्त संगठन की ओर से विशेष लोक अभियोजक एवं जिला अभियोजन अधिकारी श्री कैलाशनाथ गौतम द्वारा की गई। प्रकरण में जिले में लोकायुक्त द्वारा की गई कार्यवाही के आधार पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत पहली बार किसी आरोपी को सजा हुई है।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading