10 घंटे की बिजली कटौती से शहरी परेशान, महावितरण के अधिकारियों पर लापरवाही व भ्रष्टाचार के आरोप | New India Times

ओवैस सिद्दीकी, अकोला (महाराष्ट्र), NIT;​10 घंटे की बिजली कटौती से शहरी परेशान, महावितरण के अधिकारियों पर लापरवाही व भ्रष्टाचार के आरोप | New India Timesशहर का सबसे बडा जन संख्या माने जाने वाला अकोट फैल परिसर में विगत कई दिनों से कारीब 10 घंटे बिजली की काटौती की जा रही है जिसकी वजाह से परिसर के नागरिक ,बच्चे ,विद्यार्थियों को दिक्कतों का सामना करना पड रहा है।

शासकीय नियम के अनुसार जिस परिसर से बिजली बिल की कारीब 80 प्रतिशत वसुली होती है ऐसे परिसर को लोड शेडींग से मुक्त रखें, लेकिन अकोट फैल परिसर में कारीब 70 प्रतिशत वसूली होने के बाद भी 10 घंटे बिजली की कटौती कर उपभोक्ताओं पर जुल्म किया जा रहा है। ​10 घंटे की बिजली कटौती से शहरी परेशान, महावितरण के अधिकारियों पर लापरवाही व भ्रष्टाचार के आरोप | New India Timesकेंद्र अधिकारी से प्राप्त जाणकारी के अनुसार परिसर में प्रति दिन 6 मेगावॉट बिजली का उपयोग किया जाता है, जिसके चलते करीब देढ करोड रुपयों की वसुली अपेक्षित है लेकिन केवल 60 से 70 प्रतिशत की वसूली हो पाती है, जिसकी वजह से नागरिकों को कारीब 10 घंटे बिजली से वंचीत रहना पड रहा है, जिससे जहाँ नवजवान परेशान है वहीं विद्यार्थियों, बच्चों, वृद्धों का गर्मी की वजह से बुरा हाल है, लेकिन जब परिसर से नब्बे लाख रुपयों की वसूली की जा रही है तो 10 घंटे बिजली गुल रहना नियमित बिजली बिल भरने वाले उपभोक्ता पर महावितरण द्वारा नाइन्साफी की जा रही है, इसी के चलते अगर कम बिल वसूली पर गौर करे तो इसमें महावितरण विभाग की लपरवाही का दिख रहा है। परिसर में करिब 50 प्रतिशत उपभोक्ता संवय निवारण केंद्र से बिल निकलवाकर ले जाते हैं तथा कई उपभोक्ताओं को समय पर बिल ही प्राप्त नही होता जबकी महावितरण इस संदर्भ में उपभोक्ताओं से घर पहुंच सेवा कर लेता है। इसी तरह विगत दिनों मीटर रिडिंग में बडे पैमाने पर गड बड किए जाने की शिकायतें भी सामने आई थी, समय पर रिडिंग न लेने तथा मोबाईल द्वारा अनियमित रिडींग की वजाह से नारिकों को ज्यादा रिडिंग की बडी रकम भरना पडती है। परिसर का तबका आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण एक साथ इतने रिडींग का बिल नहीं भर पाते तो दूसरी ओर विभाग द्वारा जनजागृती कार्य ठेका पद्धत से दिए जाने की वजह से केवल दिखावा बन गया है। इन सब कारणों की वजाह से नागरिक परेशान हैं तथा लोड शेडींग का बोझ सह रहे हैं।

इसी के साथ नए कनेक्शन हेतू नागरिकों को विविध रूप से त्रस्त किए जाणे की भी शिकायतें मिल रही हैं परिसर अभियंता द्वारा पुराणी कर पावती को रिजेक्ट किया जाराहा है जबकी इस संदर्भ मे रिजेक्ट करने का कोई अधिकार इन्हे प्राप्त नही तथा विविध त्रुटीयो द्वारा परेशान किए जाने के आरोप नागरिको द्वारा लगाए जा रहे हैं।

  • उपभोक्ताओं द्वारा भ्रष्टाचार के आरोप

नए कनेक्शन तथा अपार्टमेंट मीटरो के लिए अधिकारियो द्वारा घुस लिए जाने तथा न देने पर 1, 2 महीने तक दस्तावेज जांच न किए जाने के आरोप भी नागरिकं द्वारा लगाए ज रहे हैं। इसी के साथ ज्यादा लोड शेडिंग की वजाह से डी. पी के फ्यूज खराब हो जाते है जिसे दुरुस्त करणे मे अधिकारियो द्वारा 2, 2 घंटे तो कभी एक दिन तक तक विलंब किया जाता है।

नागरिकों द्वारा भ्रष्टाचार के आरोप गलत हैं। अगर नए कनेक्शन हेतू किसी से कोई घूस मांगी जाती है तो वो उपभोक्ता मुझसे निवारण केंद्र में संपर्क करें। अगर उपभोक्ता के दस्तावेज सही है, उसमें कोई गल्ती नहीं है तो उन्हें केवल 10 से 15 दिनों में नया कनेक्शन मिल सक्ता है तथा नई घर कर पावती अनिवार्य होंगी जिसकी वजह से उपभोक्ता का सही लोकेशन प्राप्त हो सके। जब तक वसुली 80 प्रतिशत या उससे ज्यादा नही होती लोड शेडींग जारी रहेगी:  राजेश लोणकर, सहा अभियंता तक्रार निवारण केंद्र 6


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