बुलढाणा जिले की सभी 1537 राशन दुकानों की होगी जांच, जिलाधीश पुलकुंडवार की NIT से ख़ास बात-चीत | New India Times

कासिम खलील, बुलढाणा (महाराष्ट्र), NIT; ​
बुलढाणा जिले की सभी 1537 राशन दुकानों की होगी जांच, जिलाधीश पुलकुंडवार की NIT से ख़ास बात-चीत | New India Timesबुलढाणा जिले में राशन माफियाओं ने आतंक मचा रखा है। राशन के अनाज की कालाबाजारी में केवल राशन माफिया ही नहीं बल्कि इस प्रणाली के राशन दुकानदार सहित आपूर्ति विभाग के अधिकारी और कर्मी भी शामिल हैं।

 राशन की तस्करी पर अंकुश लगे इसलिए जिला प्रशासन द्वारा विविध उपाय किए जा रहे हैं। आगामी दिनों में बुलढाणा जिले की 1537 राशन दुकानों की जांच किए जाने की बात जिलाधीश चंद्रशेखर पुलकुंडवार ने “NIT” से हुई बात-चीत में कही है।

शासन ने शहर, गांव, कस्बे में सस्ते अनाज की सरकारी राशन दुकानें खोल रखी हैं ताकि गरीब और जरूरतमंद लोगों को कम दाम में अनाज मिले और यह लोग अपनी उपजीविका चला सके। बुलढाणा जिले की 13 तहसीलों में 1537 राशन की दुकानें चलाई जा रही हैं। जिले के 5 लाख 50 हज़ार राशन कार्ड धारकों को विविध योजनाओं के तहत प्रति माह 12 हज़ार 46 मेट्रिक टन अनाज शासन मुहैय्या कराती है, किंतु प्रश्न यह है कि क्या शासन से मिलने वाला पूरा आना गरीब जनता तक पहुंचता है या फिर वितरण प्रणाली में शामिल भ्रष्ट लोग राशन माफियाओं से हाथ मिलाकर हज़ारों क्विंटल अनाज डकार जाते हैं? ​बुलढाणा जिले की सभी 1537 राशन दुकानों की होगी जांच, जिलाधीश पुलकुंडवार की NIT से ख़ास बात-चीत | New India Timesबुलढाणा जिले में राशन के अनाज की कालाबाजारी की कुछ घटनाओं पर नजर डालें तो यह स्पष्ट होता है कि कालाबाजारी में कोई और नहीं बल्कि राशन दुकानदार, राशन अनाज यातायात ठेकेदार खुले रुप से शामिल हैं और यह कालाबाजारी आपूर्ति विभाग के आशीर्वाद से की जा रही है। बुलढाणा जिले में सामने आ रही राशन के अनाज की कालाबाजारी के विषय पर बुलढाणा जिलाधीश चंद्रशेखर पुलकुंडवार से बात किए जाने पर उन्होंने बताया कि राजस्व एवं पुलिस विभाग संयुक्त रूप से राशन की तस्करी को रोकने के लिए काम पर लगा हुआ है। उन्होंने राशन अनाज की कालाबाजारी को लेकर 3 बातें कही हैं, जैसे कालाबाजारी में जाने वाला अनाज राशन दुकानों से जाता है? या शालेय पोषण आहार का है? जबकि तीसरी तरफ गांव में घूम कर कुछ भंगार विक्रेता कार्ड धारकों से अनाज खरीद कर उसे कालाबाजारी में बेचते हैं। इन मुद्दों की जांच की बात भी कही है। पिछली कुछ घटनाओं में राशन अनाज की कालाबाजारी में कुछ राशन दुकानदार लिप्त पाएएगए हैं जिन पर जीवन आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत पुलिस थाने में अपराध दर्ज किए गए हैं। इस बात से साफ होता है कि राशन का अनाज बड़ी मात्रा में राशन दुकानदारों के जरिए ही कालाबाजारी में जाता है। इस बात को मद्देनजर रखते हुए जल्द ही बुलढाणा जिले की सभी 1537 राशन दुकानों का रिकॉर्ड चेक किया जाएगा और जिन दुकानदारों का राशन वितरण का रिकॉर्ड व्यवस्थित नहीं मिलेगा उन पर उचित कारवाई किए जाने की बात भी जिलाधीश पुलकुंडवार ने कही है। साथ ही बुलढाणा ज़िले के सभी राशन गोदामों की जांच के आदेश उपविभागीय अधिकारियों को दे दिए गए हैं। गोदामों की क्रॉस जांच की जाएगी जैसे बुलढाणा गोदाम की जांच बुलढाणा के एसडीओ नही करेंगे बल्कि दूसरे एसडीओ द्वारा की जाएगी, साथ ही जिलाधीश ने बताया की देवलघाट की 6 राशन दुकानदारों पर अपराध भी दर्ज किया जानेवाला है।

  • देवलघाट की 6 दुकानें होंगी रद्द?

बुलढाणा तहसील अंतर्गत के ग्राम देवलघाट के 2 युवकों पर राशन अनाज की तस्करी का अपराध दर्ज होने के बाद बुलढाणा तहसीलदार सुरेश बगले ने अपनी टीम भेज कर देवलघाट की 6 राशन दुकानों की जांच कराई। जांच में पता चला है कि दुकानदारों के पास अनाज वितरण का रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है, तत्पश्चात तहसीलदार ने यह दुकानें रद्द किए जाने का प्रस्ताव जिला आपूर्ति अधिकारी कार्यालय को भेज दिया है। अब देखना यह है कि इस विषय में जिला आपूर्ति विभाग आगे क्या निर्णय लेता है?

कलेक्टर के आदेश को डीएसओ का ठेंगा

विगत 25 जनवरी को शेगांव में 350 कट्टे राशन का अनाज एक निजी गोदाम पर यातायात ठेकेदार श्रीनाथ ट्रांसपोर्ट कंपनी के वाहन से उतारा गया था। ये अनाज “द्वारा पहुंच योजना” का था जो कि निर्धारित राशन दुकान पर ही उतारा जाना चाहिए था किंतु ऐसा नहीं किया गया। यह मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने इसकी जांच कराई जिस में यातायात ठेकेदार सहित कुछ कर्मियों को दोषी पाए जाने के बाद जिलाधीश चंद्रशेखर पुल कुंडवार ने डीएसओ यू.बी. काले को लिखित रुप से निर्देश दिया कि तत्काल यातायात ठेकेदार पर अपराध दर्ज किया जाए। कई दिन बीत जाने के बाद भी जिला आपूर्ति अधिकारी श्री. काले ने संबंधित ठेकेदार पर अपराध दर्ज नहीं कराया जिससे यह साफ पता चल रहा है कि आपूर्ति अधिकारी श्री. काले यातायात ठेकेदार को संरक्षण देते हुए जिलाधीश के आदेश को ठेंगा दिखा रहे हैं।


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