जैन संतों के अपमान से आक्रोशित हुआ जैन समाज, दूकानें बन्द कर पहुंचा पुलिस थाने, ज्ञापन देकर दर्ज करवाई एफआईआर | New India Times

रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:

जैन संतों के अपमान से आक्रोशित हुआ जैन समाज, दूकानें बन्द कर पहुंचा पुलिस थाने, ज्ञापन देकर दर्ज करवाई एफआईआर | New India Times

सकल विश्व को शांति का पाठ पढ़ाने वाले शांत व सभ्य समाज में शुमार जैन समाज जब आंदोलित हो जाता है तो घटना बहुत बड़ी होती है।

सत्य अहिंसा अचौर्य ब्रम्हश्चर्य अपरिग्रह जैसे वर्तमान भारत के लिए भी प्रासंगिक जैन धर्म के मूल सिद्धांतों को अपनाने वाले जैन समाज के शांति व सहिष्णुता की प्रतिमूर्ति कहे जाने वालें जैन संत जिनका पूरा जीवन अहिंसात्मक तरीके से मर्यादा में रहकर पांच समिति व तीन गुप्ति का पालन करते हुए एक मात्र मोक्ष की कामना के लिए चलता है। उनके जीवन यापन की कला से किसी भी प्राणी मात्र मनुष्य तो क्या चींटी जैसे छोटे से जीव को भी कष्ट नहीं पहुंचता है ऐसे में कुछ शरारती व आदतन अपराधी प्रवृत्ति के युवक अपनी मर्यादा भूलकर उनके साथ भी अभद्र व्यवहार करने से बाज़ नहीं आते हैं तब जैन समाज के लोगों का आक्रोशित होना स्वाभाविक है।

जैन संतों के अपमान से आक्रोशित हुआ जैन समाज, दूकानें बन्द कर पहुंचा पुलिस थाने, ज्ञापन देकर दर्ज करवाई एफआईआर | New India Times

घटना कुछ इस तरह की है कि भक्त मलूकदासजी की यह पावन धरा जहाँ जैन समाज के प्रमुख जैनाचार्य पूज्य श्री जवाहरलालजी म.सा. व जिन शासन गौरव पूज्य गुरुदेव श्री उमेशमुनिजी म.सा., मधुर स्वभावी पूज्य श्री पुण्यसागरजी जैसे प्रखर विद्वान संतों ने जन्म लिया जिसके कारण थांदला को धर्म धरा के रूप में जाना पहचाना जाने लगा ऐसी धर्म नगरी थांदला में विराजित जैन संत अपने नित्य कर्म के लिए नगर के उत्तरी छोर पर रपट के आगे गोचर भूमि जाते हैं वहीं कुछ धर्म विशेष के युवक उनका रास्ता रोकते हैं, गंदी गालियां देते हैं, मांस मटन खाने की बात करते हैं और न जाने क्या क्या करते हैं ऐसे में भी जैन संत क्षमा की प्रतिमूर्ति उन्हें माफ कर देते हैं लेकिन जब यह घटना रोज होने लगती है तो उनके साथ आने वाले श्रावक संघ अध्यक्ष को बताते हैं वहीं अन्य समाजजनों को पता लगता है सभी आक्रोशित होकर अपनी दुकानदारी उसी समय छोड़कर नगर के मध्य आजाद चौक से रैली के रूप में थांदला थाना परिसर पहुंचते हैं व जिला एसपी से मिलने की मांग करते हैं। एसडीओपी रविन्द्र राठी सबके आक्रोश को शांत कर जल्द कठोर कार्यवाही का आश्वासन देते हैं व जिला एसपी द्वारा सबसे मिलने का आश्वासन भी देते हैं तब कहीं जाकर मामला कुछ ठंडा होता है। इस दौरान खबर आग की तरह अन्य स्थानों पर भी पहुँच जाती है और सबका आक्रोश फुट पड़ता है। मेघनगर, बामनिया, पेटलावद, खवासा के प्रतिनिधि तो थांदला भी पहुँच जाते हैं वहीं थांदला के हिन्दू समाज के अनेक प्रतिनिधि, विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधियों का जमावड़ा भी पुलिस थाना परिसर में लग जाता है और दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की मांग करता हैं, तब जाकर पुलिस जैन समाज कि ओर से अज्ञात शरारती बदमाशों के खिलाफ धारा 294, 341 व 505 (2) के तहत कार्यवाही करते हुए एफआईआर दर्ज करती है। थांदला में एक धर्म विशेष के कुछ शरारती युवक नशे में अंधें बनकर अपने ही धर्म को बदनाम करने पर तुले हुए है वही उनके परिजनों व समाज के वरिष्ठजनों को आगे आकर उनकी खिलाफत करना चाहिए वरना धर्म नगरी थांदला साम्प्रदायिक आग लगने में देर नही लगेगी।
जैन संतों के खिलाफ अभद्र टिप्पणी को लेकर जैन समाज के संरक्षण में क्षेत्र के विधायक विरसिंह भूरिया, सांसद प्रतिनिधि दिलीप कटारा, अजजा प्रदेशाध्यक्ष कलसिंह भाभर के प्रतिनिधि के रूप में युवा नेता संजय भाभर, नगर परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि सुनील पणदा, हिन्दू समाज के अशोक अरोड़ा, दिनेश नागर, समर्थ उपाध्याय, रोहित बैरागी सहित अन्य हिन्दू सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि व सकल जैन समाज के सभी वर्ग के सदस्यों ने धर्म विशेष के कुछ युवकों द्वारा किये गए अमर्यादित दुष्कृत्य की घोर निंदा करते हुए उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की है।


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