गिरीश महाजन को मैंने जो आशिर्वाद दिया है उसको लेकर मेरी भूमिका से शरद पवार सहमत: ईश्वर जैन | New India Times

नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

गिरीश महाजन को मैंने जो आशिर्वाद दिया है उसको लेकर मेरी भूमिका से शरद पवार सहमत: ईश्वर जैन | New India Times

राजनीति में हर किसी का अपना स्वार्थ है, हर कोई अपनी तरक्की चाहता है, उसके लिए कई शॉर्ट कट खोजे जाते हैं लेकिन मैं पुरानी पीढ़ी के राजनीतिक संस्कारों में पला बढ़ा हूँ और उसी दिशा में आगे चलना अपना कर्तव्य समझता हूँ। मेरे दादाजी ने आबाजी नाना पाटील और गजानन गरुड़ के लिए बैलगाड़ी में घूमकर प्रचार किया, जब गरुड़ निर्दलीय विधायक बने तक मैं उनके साथ मुंबई गया वे विधानसभा के उपसभापति बने। उस दौर में वैचारिक मतभेदों के बावजूद हम सभी के बीच प्रेम कायम था। यह भाषण है NCP के पूर्व राज्यसभा सांसद ईश्वर जैन का। अपने जन्मदिन पर जामनेर स्थित पुश्तैनी हवेली ईश्वर भवन (सुपारी बाग) में आयोजित कार्यक्रम में वह बोल रहे थे। वो कहते हैं कि मैंने जामनेर में गिरीश महाजन को आशिर्वाद दिया है लेकिन आज भी मैं शरद पवार के साथ हूं। मैंने पवार से मिलकर अपनी इस भूमिका के विषय में सब कुछ साफ साफ बताया, पवार मेरी इस भूमिका से सहमत थे। आज सूबे की राजनीति की स्थिति बदल चुकी है, महाविकास आघाडी के कारण भाजपा में चिंता का माहौल है जिसके चलते मुंबई महानगर पालिका के चुनाव कराने मे जानबूझकर देरी की जा रही है। राजनीति में सक्रियता को लेकर जैन ने कहा कि 70 साल का होने के बाद मैंने सक्रिय राजनीति से अलग होने का फैसला कर लिया था, अब मनीष जैन स्व सेठ जी की राजनीतिक विरासत को आगे लेकर जाएंगे। पारस ललवानी, राजू बोहरा, डी के पाटिल, दगडू पाटिल समेत सभी राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों ने हाजरी लगाई। किसी जमाने में शरद पवार के करीबी के रूप मे ईश्वर जैन की तूती बोलती थी।

गिरीश महाजन को मैंने जो आशिर्वाद दिया है उसको लेकर मेरी भूमिका से शरद पवार सहमत: ईश्वर जैन | New India Times

गिरीश महाजन के खिलाफ 1995, 1999 का विधानसभा चुनाव हारने के बाद जैन ने अपनी ही पार्टी और गठबंधन धर्म के प्रत्याशियों के विरोध में जाकर भाजपा के गिरिश महाजन का खुला समर्थन किया। छः बार के विधायक गिरीश महाजन आज शिंदे फडणवीस की असंवैधानिक सरकार में दूसरी बार मंत्री बने हैं। जैन की इसी भूमिका के कारण नई जनरेशन का वोटर उनसे सीधे जुड़ा नहीं, जैन के सैकड़ों समर्थक समय समय पर भाजपा में शामिल होते रहे। इन हालातों में संजय गरुड़, डी के पाटिल जैसे बहुजन नेताओं के नेतृत्व में NCP स्वतंत्र रूप से मजबूत होने के प्रयास करती रही जो आज भी जारी है। मंत्री पद के प्रभाव में गिरीश महाजन ने शुरू शुरू में जैन की मदद से सहकार क्षेत्र में पैर जमाए उसके बाद सभी संस्थाओं पर बिना जैन को साथ लिए अपने बलबूते भाजपा का परचम लहराया। राष्ट्रीय राजनीति की बदलती तस्वीर को देखते हुए जैन की ओर से दिए गए संकेतों में कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस को मिली जबरदस्त जीत का अक्स साफ साफ नजर आ रहा है। इस साल के अंत में 230 सीटों वाली मध्य प्रदेश विधानसभा के चुनाव होने हैं। NIT के प्राथमिक सर्वे के मुताबिक सब कुछ ठीक रहा तो कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस 135 + सीटें जीतकर सत्ता में वापसी करेगी।


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