कासिम खलील, बुलढाणा (महाराष्ट्र), NIT; कुछ माह पुर्व राज्य में स्थानिक निकाय के चुनावों में सत्ताधारी भाजपा ने आश्चर्यकारक जीत दर्ज की थी। इस जीत की पूरी पोल बुलढाणा जिल्हाधिकारी कार्यालय ने खोल कर रख दी है। बुलढाणा जिला परिषद के चुनाव में ईवीएम मशीन के अंदर छेड़छाड़ किए जाने की रिपोर्ट बुलढाणा जिलाधीश कार्यालय ने पेश की है, जिससे ये बात साफ़ हो रही है कि ईवीएम मशीन में बदलाव किया जा सकता है। इस बात का खुलासा सूचना के अधिकार से सामने आने के बाद चुनाव आयोग एक बार फिर से सवालों के घेरे में खड़ा दिखाई दे रहा है।
वर्षा 2017 में महाराष्ट्र सहित देश के अन्य राज्यों में हुए निकाय चुनाव में भाजपा को भारी सफलता मिली थी। इसी के साथ पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी भाजप ने बड़ी जीत दर्ज करते हुए सभी को अचंभित कर दिया था। भाजपा की इस अनापेक्षित जीत के बाद विरोधियों ने ईवीएम मशीन पर आरोप लगाया था कि मशीन में गड़बड़ी की गई है। ईवीएम मशीन का कोई भी बटन दबाने पर वोट भाजपा के निशान कमल को ही जाता है। विरोधियों के इन आरोपों के बाद चुनाव आयोग ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। इतना ही नहीं चुनाव आयोग ने विरोधियों को चैलेंज किया कि वह ईवीएम मशीन में छेड़छाड़ करके दिखाएं। चुनाव आयोग के इस चैलेंज को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कम्युनिस्ट पार्टी ने स्वीकार किया। तत्पश्चात चुनाव आयोग की ओर से हैकेथॉन में ईवीएम से छेड़छाड़ करके दिखाने के लिए दोनों ही राजकीय दलों को 4-4 घंटे का समय दिया गया किंतु यह दोनों ही पक्ष इस चैलेंज को पूरा कर नहीं पाए थे।बुलढाणा जिला परिषद के लिए विगत फरवरी माह में चुनाव संपन्न हुए थे। चुनाव के दिन ग्राम सुल्तानपुर के एक मतदान केंद्र पर रखी हुई एक ईवीएम मशीन पर किसी भी उम्मीदवार को वोट देने पर केवल भाजपा के कमल निशान के सामने का ही लाल लाइट जल उठता था। इस बात की शिकायत जब बूथ पर मौजूद चुनाव अधिकारी से की गई तो पहले नजर अंदाज कर दिया गया था किंतु जब दोपहर के समय एक मतदाता ने जब “नारियल” निशान का बटन दबाया तो फिर से “कमल” निशान के सामने का लाईट जला, यह बात मतदाता के ध्यान में आई तो उसने इसकी शिकायत बूथ पर ड्यूटी कर रहे अधिकारी- कर्मचारियों से करने पर इस बार शिकायत को गंभीरता से लेते हुए मशीन को सील कर दिया था। जिसकी जांच की गई तो उसमें तथ्य मिले तथा सुल्तानपुर के इसी मतदान बूथ पर दोबारा मतदान कराया गया था।
मुंबई के मशहूर आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने इस विषय में बुलढाणा जिलाधीश कार्यालय में अपना आरटीआई का आवेदन देते हुए जानकारी मांगी थी। जिसके जवाब में बुलढाणा जिलाधीश कार्यालय ने गलगली को अहवाल पेश किया जिसमें कहा गया है कि सुल्तानपुर में हुए जिला परिषद के चुनाव के समय ईवीएम मशीन का कोई भी बटन दबाने पर वोट “कमल” को जा रहा था। इस प्रकार बुलढाणा जिलाधीश कार्यालय ने चुनाव आयोग के साथ ही भाजपा की अनापेक्षित जीत की सच्चाई का पिटारा भी खोलकर रख दिया है।
- बूथ का चुनाव हुआ था रद्द
विगत 16 फ़रवरी को बुलढाणा में ज़िला परिषद के सदस्यों के लिए चुनाव हुआ था। लोणार तहसील के ग्राम सुल्तानपुर के बूथ क्र.56 पर अनेक मतदाताओं ने निर्दलीय प्रत्याशी श्रीमती आशा झोरे को अपना मत देने के लिए उनके चुनावी निशान “नारियल” के सामने का बटन दबाया किन्तु एवीएम मशीन पर भाजपा के प्रत्याशी के “कमल” निशान के सामने का लाईट जल रहा था। यह जानकारी कुछ मतदाताओं ने प्रत्याशी श्रीमती झोरे को दी। तब श्रीमती झोरे ने सुबह 10 बजे बूथ अधिकारी से शिकायत की किन्तु उनकी एक नहीं सुनी गई। तत्पश्चात अन्य प्रत्याशियों ने भी आवाज़ उठाई तो दोपहर में करीब 1 बजे मशीन की जांच की गई तो ईवीएम में गड़बड़ी का तथ्य सामने आने के बाद बूथ पर दूसरी मशीन लगाने की सुचना दीईगई। किन्तु प्रत्याशियों ने इसका विरोध करते हुए चुनाव दुबारा करने की मांग की। आखिर इस बूथ नम्बर 56 के चुनाव को प्रशासन ने रद्द कर दिया था और दुबारा चुनाव 21 फ़रवरी को कराया गया था।
- गलत खबर फैलाई जा रही है: पुलकुंडवार
इस विषय में बुलढाणा के जिलाधीश चन्द्रकांत पुलकुंडवार से संपर्क किये जाने पर पहले तो वह कुछ बोलने को तैयार ही नहीं थे फिर उन्होंने आगे “NIT” संवाददाता को बताया कि सुल्तानपुर के चुनाव की ईवीएम मशीन को ले कर गलत खबरें फैलाई जा रही हैं। यह मामला चुनाव आयोग से जुड़ा होने के कारण चुनाव आयोग द्वारा अधिकृत जानकारी प्रसार माध्यम को देने की बात कही।
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