अरशद आब्दी, ब्यूरो चीफ, झांसी (यूपी), NIT:
मण्डलायुक्त डॉ० अजय शंकर पाण्डेय का पत्र जो इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है। मण्डलायुक्त ने सभी प्रधानों को जो पत्र जारी किया है, उसमें उन्होंने प्रधानों एवं हारे हुये प्रत्याशियों/क्षेत्र पंचायत सदस्यों को गांव के विकास के लिये एक मंच पर लाने का आह्वान किया है। मण्डलायुक्त ने जनपद गाजियाबाद के जिलाधिकारी के पद पर रहते समय “सद्भावना ग्राम योजना शुरू की थी, जिसे बहुत ही सराहना मिली थी। जनपद गाजियाबाद की तैयार पुस्तिका झॉसी मण्डल के सभी ग्राम प्रधानों / क्षेत्र पंचायत सदस्यों को प्रेषित की गयी है। पत्र में कुछ यूं कहा गया है:
“”जैसाकि आप सभी अवगत हैं कि ग्राम पंचायत सामान्य निर्वाचन 2021 के बाद विधिवत् पंचायतों का गठन हो चुका है। निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधि / प्रधान द्वारा अपनी-अपनी ग्राम पंचायतों में कल्याणकारी व विकासपरक कार्य सम्पन्न कराये जा रहे हैं। पंचायतीराज व्यवस्था में बहुमत से ज्यादा महत्व सर्वसम्मत का होता है। शासन प्रणाली के रूप में पंचायतीराज व्यवस्था अपने सभी हितधारकों को शामिल कर स्व-शासन की अवधारणा को मूर्तरूप प्रदान करती है, लेकिन सभी पक्षों को साथ में लिये बिना ग्राम पंचायत के सर्वांगीण विकास का लक्ष्य हासिल कर पाना सम्भव नहीं है।
क्या है मण्डलायुक्त की ग्राम सद्भावना योजना
• जीते व हारे हुए प्रधानों को संयुक्त रूप से गांव के विकास हेतु एकजुट रहने का संकल्प पत्र देना होगा
• ऐसे ग्राम को ग्राम सद्भावना का नाम दिया जायेगा। ग्राम सद्भावना में जीते हुए प्रधान को कुशल प्रधान व हारे हुए प्रधान को ‘विकास सलाहकार के नाम से जाना जायेगा और नाम जीते प्रधान द्वारा पराजित को और पराजित प्रधान द्वारा ही निर्वाचित को दिया जायेगा।
• दोनों सार्वजनिक कार्यक्रम में एक-दूसरे को इन नामों का बैच पहनायेंगे।
गांव सभा / पंचायत की सभी प्रकार की बैठक में विकास सलाहकार को विशेष रूप से आमंत्रित किया जायेगा तथा कार्यवृत्त का हिस्सा बनाया जायेगा।
विकास सलाहकार द्वारा जो भी सलाह दिया जायेगा उसे नोट करते हुए उस पर अमल किया जायेगा।
सभी कार्यवाहियों की सूचना विकास सलाहकार को लिखित रूप में दी जायेंगी।
यदि कोई सलाह स्वीकार नहीं होती है तो उसका कारण बताया जायेगा और सम्मानित ढंग से उसका विकल्प खोजते हुये उसका निराकरण किया जायेगा।
विकास के इसी सर्वसमावेशी लक्ष्य को हासिल करने के प्रयासों के क्रम में जनपद गाजियाबाद के जिलाधिकारी के रूप में कार्य करते हुये मेरे द्वारा “सद्भावना ग्राम योजना” (Village Solidarity Scheme) का क्रियान्वयन किया गया। परिणाम स्वरूप पंचायत प्रतिनिधियों की कार्यशैली में परिवर्तन आया और ग्रामीण विकास में सभी प्रतिनिधियों यहां तक कि पंचायत चुनाव के प्रतिपक्षी / पराजित उम्मीदवारों को भी साथ लेकर ग्रामीण विकास का कारवां सौहार्दपूर्ण परिवेश में तीव्र गति से प्रगति के मार्ग पर अग्रसर होने लगा।
उक्त अभियान की श्रृंखला में “सद्भावना ग्राम योजना की पुस्तिका संलग्न कर इस आशा और विश्वास से आपके पास प्रेषित की जा रही है कि आप संलग्न पुस्तिका का अध्ययन स्वयं करेंगे एवं अपने सहयोगियों के साथ इसे साझा करेंगे। यदि आप ग्राम पंचायत में विकास के लक्ष्य के लिये सद्भावना स्थापित करने का प्रयास करेंगे तो मुझे अति प्रसन्नता होगी।
सद्भावना ग्राम बनाने के लिये आपकी पहल एवं प्रयासों में मेरा सहयोग सदैव आपके साथ है।
इस सम्बन्ध में आपकी प्रतिक्रिया एवं सुझावों की मुझे प्रतीक्षा रहेगी। आप पत्र के माध्यम से अथवा ई-मेल आई०डी०
commjha@nic.in एवं ddprjh-up@nic.in के माध्यम से अपने बहुमूल्य सुझाव एवं प्रतिक्रिया संलग्न फीडबैक पर प्रेषित कर सकते हैं।”
उपर्युक्त पत्र पर अभी लोगों से फीडबैक पत्र के माध्यम से मांगा गया है।
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