11 निर्वाचित पंचों व उप सरपंच ने सरपंच/सचिव पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप, जिला पंचायत CEO ने दिए जांच के आदेश  | New India Times

पीयूष मिश्रा, सिवनी ( मप्र ), NIT; ​11 निर्वाचित पंचों व उप सरपंच ने सरपंच/सचिव पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप, जिला पंचायत CEO ने दिए जांच के आदेश  | New India Timesपंचायत छपारा मुख्यालय की ग्राम पंचायत छपारा जो जिले की सबसे बड़ी पंचायतों में मशहूर है जिसमें आर्थिक अनियमितताएं एवं लापरवाही के चलते मंगलवार को ग्राम पंचायत छपारा के 11 पंचों , उप सरपंच ने एक लिखित आवेदन में 10 बिंदुओं की शिकायत की है जिसमें ग्राम पंचायत में आर्थिक अनियमितताओं के भी मामले शामिल हैं।

शिकायत में बताया गया है कि ग्राम पंचायत में होने वाली मासिक बैठक में निर्वाचित पंचों को बैठक में नहीं बुलाया जाता ना ही ग्राम पंचायत में होने वाले निर्माण कार्य एवं आय-व्यय की जानकारी पंचायत के पंचों को दी जाती है, जिसमें पंचायत के भारी गोलमाल की शिकायत पत्र में व्यक्त की गई है। शिकायत में पंचों ने बताया है कि पंचायत द्वारा गठित विभिन्न विभागों की समितियों की सहमति और अनुमोदन के बिना मनमर्जी से प्रस्ताव पारित कर लिए जाते हैं, इतना ही नहीं बिना कोटेशन के लाखों रुपए की फिटकिरी एवं ब्लीचिंग का भुगतान फर्जी बिल में लगाकर किया गया है, जबकि आज भी नगर में अधिकांश वार्डों में प्रदूषित पानी सप्लाई किया जा रहा है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ने की संभावना है। सचिव ग्राम पंचायत छपारा द्वारा मोटर सुधार के लिए आई नल जल योजना , सामान्य संधारण, स्टेट लाइट एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति के नाम पर बिना प्रस्ताव के फर्जी बिलों के माध्यम से अपने कार्यालय के समस्त वित्तीय वर्षों में लाखों की राशि आहरण कर भुगतान किए गए हैं। पंचायत द्वारा मकान, बिजली, सफाई से संग्रहीत होने वाले टैक्स के रूप में जो राशि को बैंक में जमा ना करते हुए स्वयं के उपयोग में खर्च करना जो शासकीय नियमों के विरुद्ध है, जबकि इसके विपरीत अधिक राशि स्वयं के ऊपर खर्च कर फर्जी बिल लगाकर उसका समायोजन किया जा रहा है,साथ ही सरपंच पति की दखल अंदाजी की भी शिकायत पत्र में किया गया है कि ग्राम पंचायत की सरपंच श्रीमती पूनम सैयाम के पति संदीप सैयाम द्वारा पंचायत के समस्त कार्यों में हस्तक्षेप करते हैं और ग्राम पंचायत में प्रतिदिन पंचायत के एंप्लायर की तरह उपस्थित हो जाते हैं जो पंचायत के गोपनीय दस्तावेजों के साथ भी छेड़छाड़ करते हैं। प्रत्येक कार्य में नियमित रूप से शारीरिक उपस्थिति देकर पंचायत के कार्यों में भी सरपंच पति द्वारा दखल अंदाजी की जाती है जबकि पंचायत राज अधिनियम के यह विपरीत है।

  • प्रस्ताव लेने के बाद भी नहीं कि गईं ड्राइवर की नियुक्ति

ग्राम पंचायत छपारा में जिला अंश निधि से जिला पंचायत सदस्य द्वारा ग्राम पंचायत को ट्रैक्टर दिलवाया गया है जिसमें आजतक ड्राइवर की नियुक्ति नहीं की गई है जो पंचायत अघोषित रुप से बाहरी व्यक्ति के द्वारा अवैधानिक रूप से ट्रेक्टर ड्राइवर रखा हुआ है जिससे एक बार दुर्घटना भी हो चुकी है। वर्तमान में ट्रैक्टर छपारा पुलिस ने जप्त कर लिया है। यह भी कहा गया है शिकायत पत्र में ग्राम पंचायत में ट्रैक्टर ट्राली उपलब्ध है इसके बावजूद भी अन्य किराए के ट्रैक्टर लगाकर फर्जी बिल लगाए जा रहे हैं, पेयजल के लिए भी बिना कोटेशन वाले व्यक्ति से पानी बुलवाया जा रहा है जबकि जिस ट्रैक्टर टैंकर का कोटेशन पास किया गया है उसे नहीं बुलवाया जा रहा है जो आर्थिक अनियमितताओं को जन्म देती है। 

  • विधायक निधि स्वीकृत कामों से भी परहेज

केवलारी विधायक रजनीश हरवंश सिंह द्वारा ग्राम पंचायत छपारा को मई 2016 में शमशान घाट में टीन शेड, महाराणा प्रताप कॉलोनी में नाली निर्माण, दुर्गा नगर वार्ड में चबूतरा, लालमाटी में सभा मंच के लिए राशि विधायक द्वारा पंचायत को मुहैया करा दी गई है, जबकि वह काम आज भी अपूर्ण हैं इतना ही नहीं अन्य मदों के कार्यों में भी यही स्थिति बनी हुई है।

  • मुरम के नाम पर घोटाला 

विगत फरवरी-मार्च माह में 48000 रूपय की मोरम के बिलों का भुगतान किया गया है जिसमें ग्राम पंचायत द्वारा दर्शाया गया है कि सार्वजनिक स्थानों पर मुरम डाली गई है जब कि ऐसे कोई सार्वजनिक स्थानों पर मोरम डाली ही नहीं गई ,यदि मुरम डाली भी जाती है तो टैक्टर या डंपर के भाड़े का भुगतान किया जाता है जबकि मुरम या अन्य खनिज संपदा पंचायत के कारणों के लिए निशुल्क है जो मुरम के नाम पर घोटाला होना प्रतीत होता है पंचायत द्वारा ऐसी अनेकों अनियमितताएं की जा रही हैं जिससे अमूमन पंचायत के सभी पंच नाराज हैं इन्हीं समस्याओं को लेकर जिला कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ से लिखित शिकायत दे कर ग्राम पंचायत छपारा में अनियमितताओं एवं घपले-घोटालों की जांच की मांग की गई है जिसमें जिला पंचायत सीईओ श्री सोमवंशी ने पंचायत के पंचो एवं उपसरपंच को 1 सप्ताह में जांच कराने का आश्वासन दिया है गौरतलब है कि पंचायत की सभी पंचों ने जिला स्तरीय जांच टीम से जांच कराए जाने की मांग की है।


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