त्रिवेंद्र जाट, देवरी/सागर (मप्र), NIT:
विगत 24 सितम्बर 2021 को स्थानीय वन अमले द्वारा ग्राम चरगुवां में अनुसूचित जनजाति/अनुसूचित जाति/ अन्य पिछड़ा वर्ग के व्यक्तियों के साथ हुए बर्वरता, अन्याय व अत्याचार के विरुद्ध स्थानीय किला मैदान देवरी में एकत्रित जन समुदाय द्वारा देवरी नगर की सड़कों पर रैली निकालकर अपना आक्रोश व्यक्त किया गया। रैली में उपस्थित जनसमुदायों ने प्रदेश की भाजपा सरकार के विरुद्ध नारेबाजी की. गौडवाना महासभा, जयश, भीम आर्मी एवं अन्य पिछडा वर्ग द्वारा आयोजित कार्यक्रम की अगुवाई स्थानीय विधायक व पूर्व मंत्री श्री हर्ष यादव ने की। कार्यक्रम स्थल किला मैदान में आम सभा के कार्यक्रम में मुख्य रुप से गौडवाना गणतंत्र पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मोनिका दीदी, जयश जिला अध्यक्ष इ्ंजी. रजत दीवान, गौडवाना महासभा जिलाध्यक्ष श्री प्रहलाद उईके, भीम आर्मी जिला अध्यक्ष धर्मेन्द्र जी, अ.भा. संतरविदासिया धर्म संगठन के प्रदेशाध्यक्ष धनसींग अहिरवार जी, आदिवासी कांग्रेस कमेटी जिलाध्यक्ष रामशंकर आदिवासी सहित अन्य पदाधिकारी व हजारों लोग उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में संबोधित करते हुये क्षेत्रीय विधायक हर्ष यादव ने कहा कि यह लड़ाई अभी शुरू हुई है यह तब ही खत्म होगी जब चरगुवां ग्राम के मेरे दलित वर्ग के लोगों को न्याय नहीं मिलता, मैं यह मुद्दा विधानसभा में भी उठाऊंगा, जबतक न्याय नहीं मिलेगा तब तक शान्त नहीं बैठूंगा, यह दलित वर्ग के भाई मेरे अपने हैं, इन के ही आर्शिवाद से मैं आज विधायक हूं तो मेरा भी कर्तव्य है कि मैं इनको न्याय दिलाऊ तथा घटना में हुये नुकसान पर मुआवजा व पट्टे दिलाऊं तथा लापरवाह वनविभाग के अधिकारी कर्मचारी पर जल्द एससी/एसटी एस व आगजनी आदि अन्य धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज जल्द हो. वहीं जनपद अध्यक्ष आंचल आठया ने कहा कि चरगुवां ग्राम के मेरे दलित वर्ग से आने वाले भाईयों के साथ हुई घटना में भाजपा की ओछी राजनीति दिख रही है. क्या भाजपा का एक भी नेता घटना स्थल पहुंचा? क्या वहां पर उन लोगों से जाना कि आप सब का क्या हाल है, कैसे हैं? आप लोग उनको खाने पीने पहनने कुछ है या नहीं. उलटा भाजपा ओछी राजनीति कर आदिवासी भाईयों को ही गलत ठहरा रही है कि घटना वन विभाग ने नहीं आदिवासी भाईयों ने ही की है. गजब हैं भाजपा के नेता, मैं ऐसी राजनीति की निंदा करती हूं. वहीं मोतीलाल कुशवाहा ने कहा कि यह लड़ाई अब समस्त एससी/एसटी के साथ कुशवाहा समाज पूरी ताकत से लडेगी. वहीं ओविसी क्रांति सेना के एडवोकेट देवेन्द्र ठाकुर ने कहा कि समस्त संगठन यह लडाई मिलकर लडें, मैं कोर्ट में भी यह मामला लगाऊंगा और इन सभी पीडित लोगों का केस फ्री लडूंगा. वहीं जयस संगठन के जिला अध्यक्ष रजत दीवान ने कहा कि हम सब आज जो न्याय के लिये प्रदर्शन कर रहे हैं वह तो शुरूआत है, यह नजारा तो देवरी का बस है, पूरे जिले में ऐसे आन्दोलन जल्द होंगे यदि न्याय शीघ्र नहीं मिला तो. वही भीम आर्मी के अध्यक्ष धर्मेन्द्र अहिरवार ने कहा कि भीम आर्मी सामाजिक संगठन है, यह लड़ाई पूरी दम से लड़ी जायेगी, यदि शीघ्र प्रशासन द्वारा कार्यवाही नहीं होती तो उग्र आन्दोलन चक्का जाम जैसे आदोलन भी करने पर हम लोग विवश होंगे. वहीं रविदास संगठन के प्रदेश अध्यक्ष धनसीग अहिरवार ने कहा कि पूरे घटना क्रम के मामले में समस्त अहिरवार समाज पूरी ताकत से समस्त संगठनों के साथ है, यह लड़ाई न्यायपूर्ण है.
कार्यक्रम में उपस्थित अन्य समस्त संगठनों के जिला अध्यक्षों व प्रभारियों सहित अन्य पदाधिकारियों ने कार्यक्रम को संबोधित किया। जिसके बाद विशाल रैली का आयोजन किया गया जो किला मैदान से होकर सिविल लाईन होते हुये तहसील परिसर पहुंचकर राष्ट्रपति के नाम एसडीएम देवरी को ज्ञापन सौपा गया. जिसमें मांग की गई कि ग्राम चरगुवां, गौरझामर के भूमिहीन आदिवासी, अनु. जाति, पिछड़ा वर्ग के लोगों द्वारा कई वर्षों से वन भूमि में कब्जा कर खेती कर रहे थे एवं झोपड़ी (रहवासी मकान) बनाकर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे थे, दिनांक 24/09/2021 दिन शुक्रवार को वन विभाग द्वारा आग लगा दी गई जिस से भूमि हीन 19 परिवारों की गृहस्थि का सामान जलकर राख हो गया साथ ही वन विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियो द्वारा जाति सूचक शब्दों का प्रयोग कर गाली गलोच एवं मारपीट की गई, ऐसी घटना को लेकर निम्न मांगें पूरी कराई जावे जिसमें बताया गया कि भूमिहीन आदिवासीयों अनु. जाति. पिछड़ा वर्ग के परिवारों को वन भूमि अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत कृषि भूमि पटटे प्रदान किये जावें। यह कि झोपड़ी (रहवासी मकान) जलाने में वन विभाग के जितने भी अधिकारी एवं कर्मचारी शामिल थे उनके ऊपर एस.सी./ एस.टी. एक्ट एवं आई पी.सी. की धारा 166 के अंतर्गत एफ.आई.आर. की कार्यवाही की जाये। आगजनी की धारा के अंतर्गत कार्यवाही की जाये व पीड़ित परिवारों के प्रत्येक व्यक्ति को 10-10 लाख रूपये की आर्थिक सहायता राशि प्रशासन द्वारा प्रदान की जावे। पीड़ित परिवारों में से जिन परिवारों की आवास कुटी शेष है उन्हें तत्काल प्रभाव से आवास कुटी या 2-2 लाख रूपये आवास बनाने के लिए दिये जावें।
3 माह पूर्व हमारे आदिवासी जनपद प्रतिनिधि स्व.चंदन आदिवासी निवासी थावरी की हत्या हुई थी जिसमें वन विभाग के कर्मचारीयों की भूमिका संदिग्ध थी। जिस पर आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं हुई, उस मामले की पुनः उच्चस्तरीय जाँच करवा कर दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की जावे। इस दौरान हजारों की संख्या में कई संगठन के लोग शामिल रहे.
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