राजस्थान शिक्षक संघ युवा जिला अध्यक्ष मनीष पहाड़िया ने शिक्षकों की लंबित 11 सूत्री मांगों का ज्ञापन मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री को भेजा | New India Times

यूसुफ खान, ब्यूरो चीफ, धौलपुर (राजस्थान), NIT:

राजस्थान शिक्षक संघ युवा जिला अध्यक्ष मनीष पहाड़िया ने शिक्षकों की लंबित 11 सूत्री मांगों का ज्ञापन मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री को भेजा | New India Times

धौलपुर जिला अध्यक्ष मनीष पहाड़िया ने ज्ञापन की जानकारी देते हुए बताया कि शिक्षकों के पिछले कई वर्षो से लंबित द्वितीय श्रेणी और तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण से बेन हटाकर स्थानांतरण के ऑनलाइन आवेदन पत्र शीघ्र लिए जाने की हम लगातार राज्य सरकार से कर रहे हैं। इसके लिए राजस्थान शिक्षक संघ युवा ने प्रदेश स्तर पर ट्विटर अभियान भी चलाया था। जिला उपाध्यक्ष प्रभाव शर्मा ने कहा कि लंबे समय से महंगाई भत्ते पर लगाई रोक को अविलंब हटाई जाए। जिला उपाध्यक्ष अजमल पठान ने एनपीएस योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू किए जाने की मांग रखी जिससे कर्मचारियों का बुढ़ापा सुरक्षित रह सके। जिला उपाध्यक्ष शिवराज मीणा ने पीडी मद का बजट एकमुश्त जारी किए जाने तथा आहरण वितरण अधिकार पीईईओ को दिए जाने की बात रखी।शिक्षकों को 7 ,14, 21, 28 वर्ष पर चयनित वेतनमान दिए जाने की मांग रखी है। जिला उपाध्यक्ष मनोज यादव ने पंचायत सहायकों को स्थाई किए जाने, 2008 के प्रबोधक और शिक्षकों की वेतन विसंगति दूर किए जाने , केंद्र के समान वेतनमान की बात रखी है।
जिला उपाध्यक्ष अजय सिंह ने बीएलओ शिक्षकों को चुनाव कार्य के अतिरिक्त अन्य कार्यों से मुक्त रखने क्योंकि कोराना महामारी के दौरान हर कार्य का भार बीएलओ पर ही रहा है जिससे बीएलओ शिक्षकों में असंतोष व्याप्त हो रहा है।जिला संघठन महामंत्री पारसराम पंवार ने कप्यूटर शिक्षकों की 14000 पदों पर निकाली गई संविदा भर्ती के स्थान पर स्थाई कम्प्यूटर शिक्षक भर्ती जल्द निकाली जाए जिससे विद्यालयों में ऑनलाइन कार्य अधिक बेहतर तरीके से संपादित किए जा सकें,कुक कम हेल्पर का वेतनमान न्यूनतम पंद्रह हजार की जाने की मांग रखी है । तथा 2020-2021 वर्ष की डीपीसी जल्द की जाने की बात रखी है। संगठन के जिला सचिव प्रीतम चौधरी ने कहा कि सरकार के गठन को ढाई साल हो चुके हैं लेकिन शिक्षकों की वाजिब मांगों का निराकरण अभी तक नहीं किया गया है जिससे शिक्षकों में रोष व्याप्त है। शिक्षकों की मांगों पर सरकार से आशा है जल्द सकारात्मक कदम उठाएगी। नहीं तो मजबूरन आंदोलन की राह अपनानी पड़ेगी।


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