मो. मुजम्मिल, जुन्नारदेव/छिंदवाड़ा (मप्र), NIT:
छिंदवाड़ा देश के हृदय राज्य मध्यप्रदेश का एक खूबसूरत शहर है जो ऐतिहासिक सांस्कृतिक प्राकृतिक रूप से विश्व में पहचाना जाता है. यह जिला समुद्र तल से 875 मीटर की ऊंचाई के साथ 11815 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है. पर्यटन के दृष्टिकोण से जिले का मुख्य आकर्षण तामिया विकासखंड है जो खूबसूरत पहाड़ियों के बीच बसा हुआ है. अपनी खास भौगोलिक स्थिति और प्राकृतिक सुंदरता एवं औषधि वनस्पतियों के कारण यह स्थान बहुत लोकप्रिय है. लगभग 1200 से 1500 फीट की गहराई के साथ पातालकोट तामिया का आकर्षण भूखंड है इस भूखंड के शीर्ष पर बैठकर यदि हम इस स्थल को देखें तो यह घोड़े की नाल जैसा प्रतीत होगा. पातालकोट अपनी कुदरती सुंदरता और स्थानीय संस्कृति के बल पर विश्व के पर्यटकों को आकर्षित करने का काम करता है, उक्त आशय की जानकारी भूगोल विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ संगीता वाशिंगटन द्वारा दी गई।
रविवार 7 मार्च को शासकीय महाविद्यालय जुन्नारदेव के भूगोल विभाग का शैक्षणिक भ्रमण कार्यक्रम जुन्नारदेव विधानसभा अंतर्गत तामिया, अनहोनी और पातालकोट के लिए किया गया. इस भ्रमण कार्यक्रम के दौरान स्नातकोत्तर तृतीय सेमेस्टर भूगोल विभाग के विद्यार्थियों द्वारा भौगोलिक अध्ययन जिसमें क्षेत्रफल स्थिति, विस्तार, उच्चावच, चट्टान, खनिज, वनस्पति, सभ्यता और संस्कृति, कृषिगत तकनीक, उन्नत उपकरण, जनजातीय जीवन, प्राचीन दुर्लभ वस्तुएं जैसे कपड़े, गहने, हथियार, कला, संगीत, नृत्य, उत्सव और धार्मिक गतिविधियां आदि का भौगोलिक अध्ययन क्षेत्रीय सर्वेक्षण के साथ किया गया। अनहोनी गांव की और विद्यार्थियों ने रूखकर गांव के विभिन्न भौगोलिक और प्राकृतिक रमणीय स्थलों का भी दौरा किया। गांव से लगभग 2 मील की दूरी पर स्थित गंधक युक्त गरम पानी के कुंड के लिए यह क्षेत्र जाना जाता है इस कुंड का जल औषधि गुणों से युक्त है जो त्वचा संबंधी रोगों का निपटारा करता है इसकी जानकारी विद्यार्थियों को दी गई। सतपुड़ा पहाड़ी की श्रंखला के अंतर्गत छोटा महादेव और चौड़ागण पहाड़ जो दूर दूर तक फैला है यहां से सूर्योदय और सूर्यास्त के दृश्य मनोरम दिखाई देते हैं विद्यार्थियों ने इन दृश्यों को भी देखा।
जनजातीय जीवन शैली, एडवेंचर स्पोर्ट्स की भी प्राप्त की जानकारी. भूगोल विभाग के इस शैक्षणिक भ्रमण कार्यक्रम में भूगोल विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ संगीता वाशिंगटन सहित शिक्षिका नीलू कहार द्वारा विद्यार्थियों को भ्रमण कार्यक्रम के दौरान क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति के साथ-साथ एडवेंचर स्पोर्ट्स की जानकारी एवं जनजाति शैली के साथ साथ उपलब्ध वनस्पतियों की जानकारी भी प्रदान की गई. तामिया होते हुए पातालकोट के लिए रवाना होने पर यहां पहुंचकर अनेक छोटे-छोटे पर्यटक स्थल जिसमें चीड़ प्वाइंट, रातेड़, गैलडिब्बा, चिमटीपुर, गिरजा माई तथा लगने वाले हाट बाजार के बारे में विद्यार्थियों ने जानकारी प्राप्त की पातालकोट में गहराई में उतरकर विद्यार्थियों द्वारा पातालकोट के जन-जीवन वहां की जलवायु और वहां की भौगोलिक स्थिति की जानकारी प्राप्त की गई साथ ही आदिवासी सभ्यता और संस्कृति के बारे में भी जानकारी दी गई डॉक्टर वाशिंगटन द्वारा दिल्ली सराय रोहिल्ला स्टेशन तक जाने वाली ट्रेन पातालकोट एक्सप्रेस का नामकरण इस क्षेत्र के नाम पर किए जाने की जानकारी भी विद्यार्थियों को दी गई विद्यार्थियों द्वारा समस्त प्रकार की भौगोलिक सांस्कृतिक साहित्यिक एवं अन्य जानकारियों को संग्रह कर दल शाम के समय जुन्नारदेव पहुंचा भ्रमण कार्यक्रम के दौरान महा विद्यालय के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी राधेश्याम बंदे वार का विशेष सहयोग रहा इस भ्रमण कार्यक्रम में महाविद्यालय के विद्यार्थी आयशा खान, भारतीय नागले, रूपा टेकाम, पूजा सरेयाम, लक्ष्मी बोनिया, आरती साहू, पूजा साहू, रामगोपाल हानवंशी, मुकेश इवनाती, ओमकार धुर्वे, मधुर उईके, राकेश यदुवंशी, दीपक नर्रे, हेमंत सिंगारे, शत्रुधन भारती उपस्थित रहे।
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