राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) के अधिकारियों में मुस्लिम समुदाय का घटता प्रतिनिधित्व, बीस साल में सीधे RAS चयनित केवल 10 व RPS मात्र दो मुस्लिम | New India Times

अशफाक कायमखानी, जयपुर (राजस्थान), NIT:

राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) के अधिकारियों में मुस्लिम समुदाय का घटता प्रतिनिधित्व, बीस साल में सीधे RAS चयनित केवल 10 व RPS मात्र दो मुस्लिम | New India Times

भारत के प्रत्येक प्रदेश में सरकारी नीतियों व योजनाओं को क्रियान्वयन करते हुये उनको जनता तक पहुंचाने के अलावा अपने क्षेत्र की कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिये प्रदेश स्तर पर प्रशासनिक सेवाओं के अधिकारियों का अपना एक केडर होता है। राजस्थान में राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) अधिकारियों का भी केडर कायम है। राजस्थान में कुल 1050 राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) के अधिकारियों का केडर है। जिनमें 2/3 अधिकारी सीधे तौर पर राजस्थान लोकसेवा आयोग के मार्फत चयन होकर आते हैं एवं 1/3 तहसीलदार सेवा से पद्दोनत होकर आते हैं। वर्तमान में 1050 में से 851 अधिकारी कार्यरत हैं।
राजस्थान लोकसेवा आयोग के मार्फत चयनित होकर आने वाले राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की सूची में मुस्लिम प्रतिनिधित्व मामूली है पर तहसीलदार सेवा से पद्दोनत होकर आने वाले अधिकारियों को शामिल करने पर मोजुदा समय में कुल 816 के केडर में मात्र 23 मुस्लिम अधिकारियों का नाम शामिल पाया जाता है। समुदाय के उक्त सेवा में बनी चिंताजनक हालात के जिम्मेदार कोई अन्य कतई नहीं है बल्कि स्वयं समुदाय की उक्त सेवाओं के प्रति उदासीनता व शिक्षा पाने के प्रति ललक का अभाव मात्र है।

राजस्थान प्रशासनिक सेवा RAS के मुस्लिम अधिकारियों की सूची:

1-असलम शैर खान: 31/5/36
2-असलम मेहर: 31/8/20
3-अकील खान: 30/6/36
4-अय्यूब खान: 3/04/31
5-अबू सुफियान: 31/7/34
6-अंजुम ताहिर शम्मा: 31/8/42
7-अमानुल्लाह खान: 30/6/26
8-अजीजुल हसन गौरी: 30/9/25
9-इकबाल खान: 28/2/29
10-हाकम खान: 30/5/34
11-जमील अहमद कुरैशी: 31/12/21
12-जावेद अली: 31/8/35
13-मोहम्मद अबू बक्र: 31/8/39
14-मोहम्मद सलीम: 30/6/41
15-नसीम खान: 30/4/45
16-रुबी अंसार: 28/2/51
17-सना सिद्दीकी। 31/7/45
18-शीराज जैदी: 28/2/45
19-सतार खान: 31/7/23
20-सैय्यद मुकर्मशाह: 31/8/29
21-शौकत अली: 30/6/22
22-शाहीन अली खान: 31/7/32
23- मोहम्मद ताहिर: 30/6/29

किसी समय जयपुर के मोतीडूंगरी रोड़ पर नानाजी की हवेली में सर्विस गाईडेंस ब्यूरो चला करता था। मौजूदा अधिकारियों में से अधीकांश उसी गाईडेंस ब्यूरो की उपज बताते हैं। उसके बंद होने के बाद प्रदेश भर में उक्त तरह का किसी भी स्तर पर कहीं भी गाईडेंस ब्यूरो नहीं चलना भी घटते प्रतिनिधित्व का प्रमुख कारण बताया जाता है। साथ ही पीछले 25-30 साल से समुदाय की जकात व इमदाद पर कुछ लोग अन्य प्रदेशों के यहां आकर अपने यहां से भेजकर प्रदेश में अलग अलग रुप से अपने हिसाब से जमाये ऐजेंट के मार्फत जमा करके उसको अपने हिसाब से खुर्द बूर्द करने के कारण राजस्थान में ढंग का गाईडेंस ब्यूरो कायम नहीं हो पाया है।
तहसीलदार सेवा में भी मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधित्व ना के बराबर है। 2006 में चार मुस्लिम तहसीलदार बने जिनमें से मोहम्मद सलीम फिर परीक्ष देकर राजस्थान प्रशासनिक सेवा में चयनित हुये। इसके बाद 2019 में चार मुस्लिम तहसीलदार बने हैं यानि बीस साल में मात्र आठ मुस्लिम तहसीलदार चयनित हुये हैं। इसके अतिरिक्त राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) सीधी भर्ती में मात्र दस मुस्लिम चयनित होकर आये हैं। यानी बीस साल में मात्र दस आरएएस सीधी भर्ती से आये। जिनमें अजरा परवीन इंतकाल फरमा चुकी हैं। इसी तरह पिछले बीस साल में मात्र दो मुस्लिम राजस्थान पुलिस सेवा (RPS) में सीधे तौर पर चयनित होकर आये हैं।
कुल मिलाकर यह है कि दिल्ली में रिटायर्ड राजस्व सेवा के अधिकारी जफर महमूद द्वारा कायम जकात फाऊण्डेशन द्वारा जिस तरह से भारतीय सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कराने का इंतजाम करके बेहतरीन रिजल्ट दे रहे हैं उसी तर्ज पर राजस्थान में भी जकात फाऊंडेशन बनाकर उसके मार्फत उक्त फिल्ड में काम किया जाये तो सुखद परिणाम आ सकते हैं। इसके लिए किसी ना किसी को पहल करनी होगी अन्यथा भविष्य पर छाई घटाघोप विकराल रुप धारण कर सकती है।


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