अशफाक कायमखानी, जयपुर (राजस्थान), NIT:
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार के लिए प्रदेशवासियों के जीवन की रक्षा सर्वोपरि है। इसी को ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार लॉकडाउन के संबंध में उचित कदम उठाएगी। कोराना महामारी से निपटने तथा लॉकडाउन में आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई चैन को सुचारू बनाए रखने में उद्यमियों तथा कारोबारियों ने सरकार का आगे बढ़कर सहयोग किया है। कोरोना से लड़ाई जारी बताते हुये गहलोत ने उम्मीद जताई है कि। आगे भी सभी से इसी तरह का सहयोग मिलता रहेगा। सरकार संकट की इस घडी में उद्यमियों के साथ खड़ी है। आवश्यक वस्तुओं से संबंधित ऎसे उद्योग जो लॉकडाउन में खोलने के लिए अनुमत थे, उन्हें अपना कार्य सुचारू रूप से संचालित करने में किसी प्रकार की अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी।
मुख्यमंत्री वीडियो कांफ्रेंस के जरिए प्रदेश के औद्योगिक संगठनों, खाद्य पदार्थ एवं किराना संघों, सब्जी विक्रेता संघ, दवा एसोसिएशन, आढ़तिया व्यापार संघ, डेयरी संघ, होटल, खनन एवं ज्वैलरी व्यवसायी तथा बिल्डर्स आदि से चर्चा की। इन सभी से आवश्यक वस्तुओं की सुचारू आपूर्ति, इसमें आ रही बाधाओं को दूर करने तथा लॉकडाउन खोलने को लेकर उनके सुझाव लिए। आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति में ‘पास‘ को लेकर आ रही परेशानियों का समाधान भी जल्द कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से लड़ाई में राजस्थान सरकार ने आगे बढ़कर निर्णय किए हैं। ‘कोई भी भूखा नहीं सोए‘ यह हमारा मूलमंत्र रहा है। इस संकल्प को पूरा करने में सामाजिक कार्यकर्ताओं, भामाशाहों के अलावा उद्यमियों एवं व्यापारी वर्ग सहित सभी लोगों ने खुले मन से सरकार को सहयोग किया है। जिन उद्योगों में उत्पादन चल रहा है, वहां श्रमिकों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग और हैल्थ प्रोटोकॉल की पूरी पालना सुनिश्चित की जाए। फैक्टि्रयों में मास्क एवं सेनेटाइजर उपलब्ध कराए जाएं। साथ ही मंडियों में भी भीड़ एकत्र न हो। स्वच्छता का पूरा ध्यान रखा जाए।
वीडियो कांफ्रेंस के दौरान उद्यमियों एवं व्यापारियों ने राजस्थान में कोरोना संक्रमण को रोकने तथा जरूरतमंदों को राहत देने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की मुक्तकंठ से सराहना की। देश और दुनिया में भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा हो रही है और कई राज्यों ने इसे अपनाया है। यह पूरे प्रदेश के लिए गौरव की बात है। उद्यमियों एवं सभी संगठनों ने एक स्वर में कहा कि कोई भी निर्णय हो, जीवन की रक्षा पहली प्राथमिकता है। लॉकडाउन के संबंध में सरकार जो भी निर्णय करेगी, हम सभी उसकी पूरी पालना सुनिश्चित करेंगे।
नगरीय विकास मंत्री श्री शांति धारीवाल ने कहा कि राजस्थान ने सबसे पहले लॉकडाउन कर इस महामारी की रोकथाम की दिशा में जो पहल की उसी का परिणाम है कि हम इसकी कम्यूनिटी स्प्रेडिंग रोकने में काफी हद तक कामयाब रहे हैं। लोगों की जीवन की रक्षा सर्वोपरि है।
चर्चा के दौरान उद्योग मंत्री श्री परसादीलाल मीणा ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान आपूर्ति श्रृंखला सुचारू रहने के कारण लोगों को आवश्यक वस्तुओं के लिए किसी तरह की परेशानी नहीं आने दी गई। पर्यटन मंत्री श्री विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए लॉकडाउन को चरणबद्ध रूप से खोलने की दिशा में विचार किया जा सकता है।
खाद्य मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप विभाग ने एनएफएसए के तहत लाभार्थियों को निशुल्क गेहूं का रिकॉर्ड समय में वितरण किया है। मास्क एवं सेनेटाइजर को पीडीएस श्रेणी के तहत बेचने के लिए अनुमत किया गया है। कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए कटाई एवं थ्रेशिंग कार्यों के लिए किराए पर निशुल्क उपकरण उपलब्ध करवाने, बिजली के बिल स्थगित करने सहित कई कदम उठाए हैं।
गौपालन मंत्री प्रमोद भाया ने कहा कि वे पंजीकृत गौशालाएं जिन्होंने सत्यापन प्रक्रिया पूरी कर ली है, उन्हें तीन माह का तथा जिन पंजीकृत गौशालाओं ने सत्यापन नहीं कराया है, उन्हें एक माह का अनुदान उपलब्ध कराया गया है। सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा कि 15 अप्रेल से मण्डियों में चरणबद्ध रूप से कृषि जिन्सों की खरीद शुरू होगी। खरीद कार्य में सक्षम ग्राम सेवा सहकारी समितियों का भी सहयोग लिया जाएगा। उद्योग राज्यमंत्री अर्जुन सिंह बामनिया ने भी विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग सुबोध अग्रवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य रोहित कुमार सिंह सहित अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
कोराना वायरस को लेकर राजस्थान सरकार का बडा ऐलान, कोरोना संक्रमण के कारण आकस्मिक मृत्यु होने पर राज्य के कर्मचारियों के परिवार मिलेगी 50 लाख रुपये की सहायता राशि
राज्य सरकार के सभी कर्मचारियों के कोरोना अभियान से संबंधित ड्यूटी पर रहते हुए कोरोना संक्रमण की वजह से असामयिक मृत्यु होने पर 50 लाख रुपये की सहायता आश्रित/परिवार को देने की घोषणा की है।
भारत सरकार द्वारा कोरोना-महाप्रकोप में ड्यूटी के दौरान मृत्यु हो जाने पर सिर्फ स्वास्थ्य कर्मियों का 50 लाख रुपये का बीमा करने की घोषणा की है, इसका दायरा बढ़ाते हुए राज्य सरकार द्वारा उक्त स्वास्थ्य कर्मियों के अलावा अन्य सभी राज्य कर्मचारियों (पटवारी, ग्राम सेवक, कानिस्टेबल इत्यादि), संविदा कर्मचारी (सफाई कर्मचारी, स्वास्थ्य कर्मचारी इत्यादि) एवं मानदेय कर्मचारी (होम गार्ड, सिविल डिफेंस, आशा सहयोगिनी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सहायिका, मिनी आशा इत्यादि) को कोरोना अभियान की ड्यूटी पर रहते हुए कोरोना संक्रमण की वजह से असामयिक मृत्यु होने पर 50 लाख रुपये की सहायता दी जायेगी।
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