अबरार अहमद खान/मुकीज़ खान, भोपाल (मप्र), NIT:
कोरोना वायरस को लेकर इन दिनों पूरे देश को लाॅकडाउन किया हुआ है जिससे ग़रीब, मज़दूर और असहाय लोगों के सामने खाने का संकट खड़ा हो गया है। ऐसे स्थिति में समाजसेवियों का एक तबका ऐसा भी है जिन्होंने मानव जीवन को बचाने के लिए अपने मदद के हाथ बढ़ाएं हैं। जहां सरकार नहीं पहुंच पा रही है वहां समाजसेवियों ने पहुंचकर राशन-पानी की समस्या से जूझ रहे ग़रीब, बेसहारा लोगों की मदद कर मानवता की नई मिसाल पेश की है। इसी क्रम में न्यू कबाड़ खाना की तायफा मनसूरह नामक सोसायटी भी बिना भेदभाव किए चावल, आटा, दाल, शक्कर, तेल, चाय पत्ती और नकम का किट बना कर जरुरतमंदों के घरों में पहुंचा रही है।
संस्था के अध्यक्ष सईद रहमान ने NIT सवांददाता से बात करते हुऐ कहा कि संस्था समाज की भलाई के लिए कार्य करती है जिसका मकसद जरूरतमंदों की सेवा करना है। इसके लिए संस्था के सदस्यों एवं पदाधिकारियों ने ऐसे जरूरतमंद लोगों की तलाश की है जो वाकई में इसके हकदार हैं।
संस्था के अध्यक्ष ने कहा कि समाज के लिए कुछ करना सौभाग्य की बात होती है। मज़हब इस्लाम हमें यह शिक्षा देता है कि बिना भेद भाव किए समाज सेवा करनी चाहिए। समाज सेवा करने में दिली सुकून मिलता है। संस्था की तरफ से समाज सेवा के क्षेत्र में आगे भी कार्य किए जाते रहेंगे। हर सबल व्यक्ति को ग़रीबों की सेवा में आगे आना चाहिये।
हमारी टीम के द्वारा लाॅक डाउन की वजह से परेशान गरीबों के घरों का सर्वे कर फौरी तौर पर चावल, आटा, दाल, शकर वगैरह का किट बना कर उनके घरों में पहुंचाया जा रहा है और हम कोशिश कर रहे हैं कि ज्यादा ज्यादा से मजबूर लोगों की मदद कर सकें।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts to your email.