नरेंद्र इंगले, ब्यूरो चीफ, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
देश में CAA, NRC, NPR को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। JNU, AMU, जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटीज में छात्रों के साथ की गई पुलिसिया बर्बरता के बाद विदेशों में अनिवासी भारतीय समुदाय समेत वैश्विक संगठन भी सड़कों पर उतरकर भारत सरकार द्वारा उठाए गए इस अमानवीय कदम को वापिस लेने के लिए अलग-अलग तरीकों से अपना विरोध दर्ज कर रहे हैं। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी इन आंदोलनों को लोकतंत्र की जड़ें मजबुत बनाने वाले आंदोलन कहकर इनकी सराहना करते हैं। 9 जनवरी को पुनीत कौर ढांडा की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया शरद बोबडे अपनी टिप्पणी में कहते हैं कि CAA को लेकर जारी विरोध प्रदर्शनों के चलते देश आज कठिन दौर से गुजर रहा है, शांति के लिए प्रयास होना चाहिए, हिंसा रुकेगी तब कानून की संवैधानिकता पर सुनवाई करेंगे। नए साल के पहले महीने में गणमान्यों की यह कुछ अहम टिप्पणियां इस लिए अहम हो जाती हैं क्योंकि इन्हीं टिप्पणियों से आगे की स्थिति के बारे में बहुत कुछ चीजें साफ हो जाती हैं।
वाकई देश कठिन दौर से गुजर रहा है, बीते 6 -7 सालों में संविधान की रक्षा को लेकर जितने प्रोटेस्ट हुए या हो रहे हैं शायद उतने तब भी नहीं हुए होंगे जब भारत में आधिकारिक आपातकाल लगाया गया था। इन सबके बीच हमने हमारा 71 वां गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया। इसी कड़ी में 26 जनवरी को जामनेर के मदनी नगर स्थित जखरिया मदरसे में आयोजित शैक्षणिक समारोह में छात्रों ने अनूठे तरीके से अपनी प्रस्तुतियां पेश कीं व नाटिकाओं का मंचन किया। कुरान शरीफ की शिक्षा ग्रहण करने वाले मदरसे के छात्रों को इस समारोह में सम्मानित किया जाता है। आयोजन में छात्रों ने बेहतरीन राष्ट्रीय झांकियां प्रस्तुत की जिसके बाद पुलिस प्रमुख प्रताप इंगले के हाथों भरतीय संविधान की प्रतियां वितरित की गई। आयोजकों ने बुद्धिजीवियों में कुरान शरीफ की कापियां भी प्रसारित की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता मौलाना शकील रहमानी ने की। गणमान्यों में मौलाना इरफान, मौलाना शब्बीर, मौलाना इमरान, मौलाना अरिक, मौलाना अजहर, मौलाना अंसार की उपस्थिति महत्वपूर्ण रही। जामनेर पुलिस प्रमुख प्रताप इंगले ने अपने संबोधन में कहा कि मुस्लिम समाज में सभी अभिभावकों की अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए शिक्षा के प्रति जबाबदेही आवश्यक है। इस समारोह में तमाम वक्ताओं ने मुस्लिम समाज के वर्तमान समस्याओं पर बेबाकी से अपनी राय रखी। CAA, NRC और ट्रिपल तलाक को लेकर वैचारिक परामर्श किया गया।
मंच पर कालीचरण बिराडे, प्रल्हाद बोरसे, किशोर तायड़े, ललित पाटिल, प्रल्हाद धनगर, हिम्मत राजपुत, अभिषेक बिराडे मौजूद रहे। समारोह की सफलता के लिए वहाब शेख, नदीम खान, अफजल रहीम खान, रिजवान खान, लतीफ खान, अजहर अली, नूर अली, शेख कलीम समेत अन्य समाजसेवियों ने योगदान दिया।
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