बाल-विवाह और दहेज प्रथा है समाज के लिए अभिशाप: विधायक वीरसिंह भूरिया | New India Times

रहीम शेरानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:बाल-विवाह और दहेज प्रथा है समाज के लिए अभिशाप: विधायक वीरसिंह भूरिया | New India Times

झाबुआ जिले के मेघनगर तहसील कार्यालय के सामने शिक्षा विभाग के सभा हाल में तड़वी पटेल सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में मेघनगर विकासखंड के ग्रामीण अंचल के तड़वी पटेल बड़ी संख्या में उपस्थित हुए। तड़वी पटेल सम्मेलन में लोकप्रिय विधायक वीरसिंग भूरिया, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पराग जैन, एसडीओपी मनोहरलाल गवली, तहसीलदार राजेश सोरते, सीएमओ विकास डावर, थाना प्रभारी हीरालाल मालीवाड़ तथा खंड शिक्षा अधिकारी देवहरे बीआरसी नायक सहीय कई अधिकारी तथा जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
इस अवसर पर विधायक वीरसिंग भूरिया ने अपने उद्बोधन में कहा की आदिवासी समाज पिछड़ेपन से आगे आकर उन्नति करें इसलिए शासन और प्रशासन दोनों यहां जुटे हैं।
यूं तो यह दायित्व समाज के लोगों का है की कुरीतियां दूर करें लेकिन शासन और प्रशासन के लोग इसमें सहयोग दे रहे हैं यह हमारे समाज के लिए बहुत बड़ी बात है।
पटेल व तड़वी प्रशासन और नागरिकों के बीच एक मध्यस्थ है। इनके सहयोग से ही शासन की हर बात जन-जन तक प्रभावी रूप से पहुंचाई जा सकती है।
इस अवसर पर अनुविभागीय अधिकारी पराग जैन ने कहा कि आदिवासी समाज में कई अच्छाइयां भी हैं जैसे संपूर्ण समाज के लोग हलमा जैसी प्रथा के चलते एक दूसरे का सहयोग करते हुए अपना बड़ा काम भी आसानी से कर लेते हैं वहीं कुछ बुराईयां भी हैं जैसे बाल विवाह, दहेज प्रथा आदि, दहेज प्रथा के कारण समाज में कई बुराइयां पनप रही हैं तथा समाज के लोग कर्ज में डूबे रहे हैं।
समाज में दो से तीन लाख रूपये का दहेज वर पक्ष से लेना आम बात है और यह राशि वर पक्ष द्वारा बाजार से कर्ज लेकर दी जाती है। इतना भारी भरकम कर्ज उतारने के लिए शादी के बाद ही दूल्हा तथा दुल्हन दोनों ही गुजरात, राजस्थान काम की तलाश में पलायन कर जाते हैं।
कई दिनों तक काम करने के बाद भी वे कर्ज नहीं उतार पाते हैं जिसे कर्जदार उन्हें परेशान करते हैं।बाल-विवाह और दहेज प्रथा है समाज के लिए अभिशाप: विधायक वीरसिंह भूरिया | New India Times

समाज के सभी लोग मिलकर इन बुराइयों को दूर करें साथ ही बच्चों की उचित शिक्षा पर भी जोर देते हुए कहा कि परिवार के लोग अगर रोजगार की तलाश में पलायन करते हो तो साथ में गए हुए बच्चों को वहां पर भी शिक्षा दें या यहीं होस्टल में रखें।
एसडीओपी मनोहरलाल गवली ने संबोधित करते हुए कहा कि पटेल तड़वी तथा सरपंच तीनों मिलकर कार्य करें तो कई कुप्रथाएं दूर हो सकती है।तहसीलदार राजेश सोरते ने संबोधित करते हुए कहा की दहेज प्रथा तथा बाल विवाह जैसी कुप्रथा को समाप्त करने के लिए प्रशासन भी समाज के साथ सदैव तत्पर है।
ये कुप्रथा कई बुराइयों को जन्म देती है अतः समाज के सजग प्रहरी बनकर सभी लोगों को जागरूक करें।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूरका भाई ने आदिवासी समाज में मृत्युभोज में बलि प्रथा का भी विरोध किया तथा यह प्रथा शीघ्र ही बंद कराने का आह्वान किया।

समाज में नव निर्माण के लिए समाज में व्याप्त सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन हेतु सदैव तत्पर रहने के लिए संकल्प लिया गया इन सामाजिक कुरिर्तिया जैसे दहेज दापा नशाखोरी आदी से दुर रहने के लिए भी संकल्प दिलाया गया।
इस अवसर पर सीएमओ विकास डावर, थाना प्रभारी हीरालाल मालीवाड़, खंड शिक्षा अधिकारी देवहरे, रोटरी कल्ब अपना के भरत मिस्त्री, विपणन संस्था के अध्यक्ष कालूसिंह नलवाया,वरिष्ठ कांग्रेस नेता युसूफ नन्हे खां, सरपंच प्रताप ताहेड अरुण आहोरी, वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश भंडारी, निलेश भानपुरिया, रहीम शेरानी, मनीष जैन,
भूपेंद्र बरमंडलिया, फारुख शेरानी, जाकिर शेख, दशरथ सिंह कट्टा, आदि भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का सफल संचालन एस एस पालावत ने किया तथा आभार व्यक्त तहसीलदार राजेश सोरते ने किया।


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