अब्दुल वाहिद काकर, ब्यूरो चीफ, धुले (महाराष्ट्र), NIT:

धुलिया शहर की सड़कों घूम रहे आवारा पशुओं के कारण नगर की यातायात व्यवस्था लगातार चरमराती जा रही है फिर भी मनपा प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
नगर की मुख्य सड़कों पर आवारा पशुओं का पूरे समय डेरा जमा रहता है। आवारा पशुओं को हटाने का काम नगरपालिका का है लेकिन सड़क पर कोई भी अपनी जिम्मेदारी संभालने को तैयार नहीं है। वर्तमान में नगर के किसी भी मार्ग पर देखें हर सड़क पर आवारा पशु आराम करते नजर जरूर आ जाएंगे। इन सड़कों पर जमे आवारा पशुओं के कारण आए दिन कोई न कोई घायल हो रहा है। वहीं नगर पालिका प्रशासन द्वारा इन पशुओं को सड़कों से हटाने की दिशा में बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
गुरुवार की दोपहर को तहसील कचहरी स्थित तालुका पुलिस स्टेशन के सामने आवारा पशुओं ने अपना डेरा जमा लिया जिसके कारण यातायात प्रभावित रही और घंटों सड़क पर जाम की स्थिति बनी रही।

नगर के वाशिंदे मनोज, संजय, राजेश, मनीष ने बताया कि सबसे खराब हालत तो बारह पत्थर सड़क से नगर निगम तक, पांच कंदील आगरा रोड, पारोला रोड, मोगलाई तक है जहां चौबीसों घंटे गाय एवं आवारा सांड़ सड़कों पर बैठे रहते हैं। इनको बचाने के चक्कर में कई बार वाहन चालक लोगों को टक्कर मार देते हैं जिससे आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। दूसरी ओर नगर की कई गलियां ऐसी हैं जहां पर पशु मालिकों ने सड़कों पर पशु बांधना अपना अधिकार समझ लिया है जिससे मोहल्ला वासी एवं आने जाने वाले लोग काफी परेशान रहते हैं, वहीं दूसरी ओर गोबर एवं अन्य गंदगी फैली होने के कारण बीमारियों का खतरा बना रहता है।
यातायात पुलिस कर्मी की लापरवाही के कारण शहर के विभिन्न चौराहों पर आवारा पशुओं के कारण सड़क जाम की समस्याओं से वाहन चालकों को सामना करना पड़ रहा है, जिसके चलते कोई भी कार्य समय पर नहीं हो रहे हैं।
नागरिकों ने नगर निगम प्रशासन से आवारा पशुओं के स्वामियों पर आर्थिक जुर्माना लगाने की मांग की है साथ ही पुलिस अधीक्षक श्री पांढरे से मांग की है कि यातायात पुलिस को शहर के प्रमुख चौराहे पर समय सारणी अनुसार ड्यूटी करने के आदेश जारी करें क्योंकि अनेक पुलिस कर्मी निर्धारित स्थान पर ड्यूटी न करते हुए महामार्ग पर वाहन चालकों को नियमों की धौंस दिखाकर अपनी जेब गर्म कर रहे हैं।
