रतलाम, झाबुआ संसदीय क्षेत्र 72.76% मतदान तय करेगा प्रत्याशी का भाग्य, कांग्रेस भाजपा कर रहे हैं जीत का दावा, जनता भी लगा रही है अनुमान | New India Times

रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:

लोकसभा निर्वाचन 2024 के लिये रतलाम झाबुआ जिले की सभी 8 विधानसभा क्षेत्रों के लिये मतदान सम्पन्न हुआ। प्रत्याशियों के भाग्य ईवीएम मशीन में बंद हो गया है।

झाबुआ ज़िलें की 3 विधानसभा के लिए जहाँ पॉलीटेक्निक कॉलेज झाबुआ में कम्युकिशेन सेंटर स्थापित किया गया है वही रतलाम ज़िले की 3 व अलीराजपुर ज़िले की शेष 2 विधानसभा की गणना जिला मुख्यालय पर तय स्थान पर की जाएगी। जिला निर्वाचन कम्युनिकेशन दल से प्राप्त जानकारी के अनुसार झाबुआ ज़िले के विधानसभा क्षेत्र झाबुआ में 68.35, थांदला में 74.40 व पेटलावद में 75.06 प्रतिशत मतदान हुआ।

वही अलीराजपुर में 68.79, जोबट में 65.06 तथा रतलाम ग्रामीण में 80.51, रतलाम शहरी 71.30 व सैलाना में सर्वाधिक 83.84 प्रतिशत मतदान हुआ। इस तरह संसदीय क्षेत्र का कुल औसत मतदान 72.76% प्रतिशत हुआ। हालांकि इस मतदान प्रतिशत में थोड़ा फेरबदल सम्भव है। मौसम के बदलते मिजाज के बीच आशातीत मतदान ने दोनों प्रमुख दलों की धड़कन बड़ा दी है। फिलहाल दबी जुबान से दोनों प्रमुख दल के प्रत्याशी, कार्यकर्ताओं व जनता के बीच अब जीत के दावें किये जा रहे थे।

सट्टा बाजार की बात करें तो उसमें भाजपा की तरफ पलड़ा जरूर झुका हुआ नजर आ रहा है जिसका कारण स्पष्ट है कि भाजपा ने पूरा चुनाव मोदी गारंटी व मोदी व राष्ट्रीहित के नाम पर वोट मांगें तो कांग्रेस लोकतंत्र बचाने की बात लेकर जनता के बीच गई वह स्थानीय मुद्दों के साथ 5 बड़ी गारंटी को जनता के बीच रखने में कितना सफल हो पाई यह आने वाली 4 जून को पता चल जाएगा।

लोकतांत्रिक देश में हर एक वोट का महत्व

निर्वाचन आयोग पूर्ण निष्पक्षता से देशभर में सभी 544 सीटों के लिए सात फेज में चुनाव करवा रहा है जिसमें चौथे चरण की 96 सीटों सहित अब तक 381 सीटों पर मतदान सम्पन्न हो गया है शेष 3 फेज में बची हुई 166 सीटों के लिए मतदान करवाये जाना है। 19 अप्रैल से शुरू हुआ यह सिलसिला 1 जून को आखिरी 7वें फेज की वोटिंग के साथ पूरा होगा उसके बाद 4 जून को सभी सीटों के एक साथ  नतीजे आएंगे। इस पूरी प्रक्रिया में आचार संहिता से लेकर नतीजे तक इसमें 80 दिन का समय लगेगा।

ऐसे में अनेक स्थानों पर पलायन एवं बारिश होने से मतदान कम हुआ है तो अनेक स्थानों पर महिलाओं व बुजुर्ग में खासा उत्साह दिखाई दिया है। 80 वर्ष से अधिक के बुजुर्ग व्हील चेयर पर वोट डालने आते हैं तो युवा पहला वोट कर उत्साहित नज़र आते हैं यह लोकतंत्र की खूब सूरती है। निर्वाचन आयोग मतदान की अहमियत बताने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है तो अनेक सामाजिक संगठनों ने भी मतदान की अपील कर जनता को एक एक वोट की अहमियत समझाई थी। पत्रकार रहीम शेरानी, एवं पवन नहार ने परिवार के साथ किया मताधिकार का उपयोग।


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