फर्जी मेडिकल रिपोर्ट: आखिर किसकी शह पर बेगुनाहों को फर्जी मेडिकल रिपोर्ट बनाकर भेजा जा रहा है जेल, कौन है इस गैंग का सरगना??? | New India Times

स्पेशल रिपोर्ट:

फराज़ अंसारी, ब्यूरो चीफ बहराइच (यूपी), NIT:

फर्जी मेडिकल रिपोर्ट: आखिर किसकी शह पर बेगुनाहों को फर्जी मेडिकल रिपोर्ट बनाकर भेजा जा रहा है जेल, कौन है इस गैंग का सरगना??? | New India Times

भ्रष्टाचार और अपराधियों के लिये पनाहगाह बना जिला अस्पताल बहराइच के एक्सरे विभाग का एक और संगीन मामला उजागर हुआ है। आमतौर पर किसी आपराधिक मामलों की जांच में सांप का रस्सी करना या फिर रस्सी का सांप करने का श्रेय अब तक पुलिस विभाग को ही मिलता था मगर अब डॉक्टरी पेशे से जुड़े कुछ लोगों ने भी यह कला सीख ली है। नतीजा पहले जहां पीड़ित पुलिस जांच पर संदेह करता था वहीं अब डॉक्टरी जांच रिपोर्ट पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। डॉक्टरी जांच रिपोर्ट पुलिस विवेचना में पुख्ता साक्ष्य के तौर पर माना जाता है, ऐसे में अपराधिक मामलों के चिकित्सीय परीक्षण में निष्पक्षता व पारदर्शिता का अभाव होने से किसी पीड़ित को मिलने वाले इंसाफ में रोड़ा अटकाने जैसा गम्भीर मामला सामने आया है। सूबे के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिये भले ही प्रदेश के अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश देने का दम्भ भर रहे हैं लेकिन बहराइच जिला अस्पताल में मारपीट, दुष्कर्म, जानलेवा हमले में घायल व अन्य मामलों के पीड़ितों को न्याय से दूर कर अपराधियों और दबंगों को बचाने का खुला खेल फरुक्खाबादी चल रहा है। जिला अस्पताल में ही फर्जी एक्सरे और फर्जी मेडिकल रिपोर्ट बनाने का गिरोह सक्रिय है जो मोटी रकम वसूल कर कानूनी मुकदमे में फंसने वालों को बचाने का ठेका ले रहा है। यहां तैनात मठाधीश अपनी पहुंच और रसूख के बलबूते पर ही जमकर उगाही कर रहे हैं। उगाही का आलम यह है कि टूटी हड्डी को अपराधियों को बचाने के लिये मोटी रकम वसूल कर रिपोर्ट में हड्डी जुड़ी दिखायी जा रही है, वहीं अगर हड्डी जुड़ी है तो निर्दोषों को फंसाने के लिये पैसों के बल पर टूटी हूई हड्डी की रिपोर्ट बनायी जा रही है। ये बात हम नहीं कह रहे हैं बल्कि पयागपुर विधानसभा क्षेत्र से सत्ता पक्ष के भाजपा विधायक सुभाष त्रिपाठी कह रहे हैं। यही नहीं भाजपा विधायक ने जिला अस्पताल में चल रही इस धांधली के मामले को मुख्यमंत्री तक पहुंचाने की भी बात कही है। वहीं इस गरमाये मुद्दे पर एक बार फिर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर डी0के0 सिंह लीपापोती करते नजर आ रहे हैं। बताते दें कि यह कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी जिला अस्पताल के एक्सरे विभाग का घालमेल उजागर हुआ है और शिकायत जिलाधिकारी तक भी पहुंची है लेकिन ऊंची पहुंच और सफेद पोशाकी रसूख के चलते मामला ठण्डे बस्ते में डाल दिया गया।

ज्ञात हो कि बहराइच जिला अस्पताल के एक्सरे विभाग का एक और फर्जी रिपोर्टिंग का भंड़ाफोड़ हुआ है। अस्पताल के एक्सरे विभाग ने एक बार फिर चन्द कागज़ के टुकड़े लेकर मार्ग दुर्घटना में घायल युवक की टूटी हड्डी की अपनी एक्सरे रिपोर्ट में हड्डी जुड़ी होने की फर्जी रिपोर्ट तैयार की है यह आरोप खुद भाजपा विधायक ने लगाया है। बताते चलें कि रिपोर्ट में घायल युवक के पैर में फ्रैक्चर नहीं दर्शाया गया लेकिन गम्भीर युवक के पैर में संक्रमण फैलने पर परिजनों ने जब निजी चिकित्सक के परामर्श पर निजी सेंटर में जांच कराई तो उसमें फ्रैक्चर निकला। मामले ने तूल पकड़ा तो सीएमएस ने दोबारा एक्सरे कराया। क्योंकि मामला तूल पकड़ चुका था और मीडिया की सुर्खियों में था तो इस बार रिपोर्ट में घालमेल नहीं किया जा सका और जिस पैर में पहले जुड़ी हड्डी की रिपोर्ट बनायी गयी थी उसी पैर में दोबारा की जांच में उसी अस्पताल के उसी एक्सरे विभाग में फ्रैक्चर निकल आया। इसके बाद से एक्सरे कर्मी के अपराधियों को कानूनी शिकंजे से बचाने के खेल के खुलासे पर सीएमएस भी हैरान हैं। मामले को पयागपुर विधायक सुभाष त्रिपाठी ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने पूरे मामले को मुख्यमंत्री के पटल पर रखने की बात कही है।

मिली जानकारी के अनुसार विशेश्वरगंज थाना क्षेत्र के ग्राम फत्तेपुरवा निवासी विमल तिवारी 30 वर्षीय का दिसंबर माह में गन्ने से लदे वाहन की चपेट में आने से पैर टूट गया था। पीड़ित के बड़े भाई राम नरायन का आरोप है कि डॉ. आरके वर्मा ने एक्सरे का सुझाव दिया था। जिसके बाद जिला अस्पताल में घायल का एक्सरे कराया गया। एक्सरे रिपोर्ट में फ्रैक्चर नहीं दर्शाया गया। कई दिन बीत गए, लेकिन पैर ठीक न होने पर चिकित्सक ने निजी सेंटर से एक्सरे कराया तो उसमें फैक्वर पाया गया। अस्पताल की फाल्स रिपोर्टिंग से न केवल उनके भाई का पैर संक्रमित हो गया। बल्कि आरोपित पर गंभीर मुकदमा नहीं दर्ज किया गया। पीड़ित का कहना है कि जिम्मेदार पर कार्यवाही नहीं हूई तो वह कोर्ट का सहारा लेगा। यह कोई पहला वाकया नहीं बल्कि एक्सरे रिपोर्ट को लेकर आए दिन पीड़ित पक्ष अपराधियों से कर्मियों के सांठगांठ का आरोप लगाता रहा है। अब इस खुलासे के बाद पयागपुर विधायक ने कार्रवाई न होने पर मुख्यमंत्री के पटल पर मामला रखने की बात कही।
जिला अस्पताल के एक्सरे विभाग का यह कोई पहला मामला नहीं है। थाना कोतवाली देहात क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम मटियारनपुरवा मौजा गजपतिपुर निवासी बहादुर पुत्र बाबू ने भी गम्भीर आरोप लगाते हुए बताया कि बीती नवम्बर माह में उसकी जमीन पर अवैध कब्जा करने आये दबंगों ने उसे गम्भीर रूप से चोटहिल किया था लेकिन जिला अस्पताल के एक्सरे विभाग ने उनकी भी फर्जी रिपोर्ट तैयार कर मामूली चोट ही दर्शा दिया। वहीं मई माह भी एक फर्जी एक्सरे रिपोर्ट का मामला उजागर हुआ था और जिलाधिकारी के दरबार तक पहुंचा था। जिसमें पीड़ित नजम अली पुत्र जाफर अली निवासी सत्तीकुवाँ थाना नगर कोतवाली ने जिलाधिकारी को सम्बोधित एल शिकायती प्रार्थना पत्र सौंपा गुहार लगाई थी कि पीड़ित के साथ 4 लोगों ने जमकर मारपीट की थी। जिससे उसके बाएं हाथ में गंभीर चोटे आई थीं और उसका हाथ फ्रैक्च हो गया था। पीड़ित का आरोप है कि एक्सरे विभाग में कार्यरत एक्सरे टेक्नीशियन ने किसी की सिफारिश पर जानबूझकर पीड़ित की एक्सरे प्लेट बदल दी। जिसके बाद डॉक्टर ने उसे उसी के आधार पर पीड़ित को बताया कि उसके हाथ की हड्डी नहीं टूटी है और बिना हाथ में प्लास्टर बांधे ही उसे वापस भेज दिया था। घर आने के पश्चात भी जब उसके हाथ का दर्द कम नहीं हुआ तो उसने एक प्रतिष्ठित हड्डी रोग विशेषज्ञ को दिखाया जहां पर पीड़ित के हाथ का दोबारा एक्स रे निकाला गया उस एक्सरे रिपोर्ट में पीड़ित के बाएं हाथ की कोहनी की हड्डी को टूटी हुई बताई जाती है । जिला अस्पताल के एक्सरे विभाग द्वारा किए गए ऐसे अनैतिक कृत्य से आहत पीड़ित ने जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव से इसकी शिकायत कर मांग भी की थी कि उसका पुनः मेडिकल जांच कराई जाए साथ ही गलत मेडिकल रिपोर्ट देने वाले एक्सरे विभाग के जिम्मेदारों पर भी कार्रवाई की जाए। जिसके बाद डीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को सौंप दिया था। लेकिन ऊंची पहुंच और खादी गठजोड़ के चलते जांच आजतक पूरी न हो सकी। वहीं मौजूदा मामले के सम्बंध में भी एक जांच कुछ जिम्मेदारों को सौंप शायद फिर मामले को ठण्डे बस्ते की बेहतर कोशिश की गयी है। हालांकि पीड़ित व उसके परिजनों में प्रकरण में जांच बैठने पर जश्न का माहौल है लेकिन देखने वाली बात होगी कि क्या इस जांच की आंच इन धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों की छवि धूमिल कर इसे कलंकित करने वाले मठाधीशों के विरुद्ध कोई ठोंस कानूनी कार्यवाही योगी सरकार के जिम्मेदार कर सकेंगे या फिर मामला धीरे से ठण्डे बस्ते में डाल दिया जायेगा।


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By nit

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