मेहलक़ा अंसारी, बुरहानपुर (मप्र), NIT:
अर्वाचीन इंडिया स्कूल के जनसंपर्क अधिकारी मिर्ज़ा राहत बेग ने बताया कि डायटेट्रिक्स एसोसिएशन के स्थापना दिवस के अवसर पर अर्वाचीन इंडिया स्कूल में संतुलित आहार संतुलित विचार विषय पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। संतुलित आहार संतुलित विचार विषय पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गय। साथ ही विद्यालय की सांस्कृतिक प्रभारी श्रीमती अंजलि पिंपलीकर एवं संगीत शिक्षक हर्षल पंडित के मार्गदर्शन में अर्वाचीन गायन वृंद ने सरस्वती वंदना कर कार्यशाला का आग़ाज़ किया। इस कार्यशाला को शहर की जानी-मानी डायटीशियन श्रीमती माया वैभव झॅवर एवं बाल मनोविज्ञान विशेषज्ञ मालविका दांगीवाला ने संबोधित किया।
मुख्य संबोधन के पूर्व संस्था अध्यक्ष श्रीमती राखी मिश्रा ने अतिथियों एवं अभिभावकों का स्वागत कर कार्यशाला की उपयोगिता एवं महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने अपने ओजस्वी वक्तव्य से विषय विशेषज्ञों का परिचय कराते हुए कहा कि वर्तमान पीढ़ी में जंक फूड और फास्ट फूड की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। इससे बच्चों को जिन पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, वे उन्हें नहीं मिल पाते और यही कारण है कि उनका शारीरिक, मानसिक, सामाजिक एवं बौद्धिक विकास अपेक्षाकृत धीमी गति से होता है। इन सभी समस्याओं से निपटने के लिए अर्वाचीन परिवार सदा से ही कटिबद्ध रहा है और सदा रहेगा। इस हेतु समय-समय पर हम विषय विशेषज्ञों का मार्गदर्शन भी लेते हैं। यह अभिभावक कार्यशाला भी उसी प्रयास का एक हिस्सा है।
वक्ता के रूप में अपने विचार रखते हुए आहार विशेषज्ञ श्रीमती माया वैभव झॅवर ने विभिन्न आयु वर्ग के लिए संतुलित आहार एवं कैलोरी आवश्यकता पर प्रकाश डाला। तत्पश्चात उन्होंने बच्चों में सामान्य रुप से व्याप्त लक्षणों के आधार पर उनमें होने वाली लौह तत्व की कमी को कैसे पहचाना जाए इस संदर्भ में अभिभावकों का मार्गदर्शन किया। उन्होंने विशेषकर माताओं को भोजन पकाने की उचित विधियों से परिचित कराया ताकि वे भोज्य पद्धार्थों के पोषक तत्वों को सुरक्षित रख सकें।
शहर की जानी मानी बाल मनोविज्ञान विशेषज्ञ मालविका दांगीवाला ने अभिभावकों की कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे आहार का सीधा संबंध हमारे विचारों और हमारे मन से होता है। अतः हम सबके लिए अति महत्वपूर्ण हो जाता है कि हम अपने शारीरिक आहार एवं मानसिक आहार का भी ध्यान रखें। हमारी इंद्रियों द्वारा हम अपने मन को पोषित करते हैं। अतः हम क्या देखते हैं, क्या सुनते हैं क्या महसूस करते हैं क्या और कितना किस माहौल में पढ़ते हैं इस पर ध्यान देना अतिआवश्यकता है। उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि अर्वाचीन इंडिया स्कूल में वह माहौल बच्चों को दिया जा रहा है।
समस्त अभिभावकों के लिए आयोजित इस कार्यशाला का सफल संचालन उपप्राचार्य श्रीमती प्रतिभा पटेल ने किया। संस्था निदेशक अमित मिश्रा ने इस अवसर पर शहर के सभी आहार विशेषज्ञों को शुभकामनाएं प्रेषित की। इस मौके पर विषय विशेषज्ञों ने अभिभावकों के प्रश्नों के उत्तर भी दिए। विद्यालय प्राचार्य उज्जवल दत्ता ने बड़ी संख्या में उपस्थित अभिभावकों की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें खुशी है कि अर्वाचीन इंडिया स्कूल में पढ़ रहे बच्चों के अभिभावकों का सहयोग सदा ही संस्था को मिलता रहा है। आभार प्रदर्शन करते हुए उन्होंने भविष्य में ऐंसे ही सहयोग की अपेक्षा की।
इस अवसर पर विद्यालय के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी विशाल गोजरे, अपर्णा नागर,सुनयना पटेल, मयूर ढावे, मनीष जोशी, संदीप श्रीवास्तव, नंदलाल पाटिल, गायत्री जायसवाल, सोनम झंवर, रेणुका चव्हाण, सुरभि शाह, रचना मोदी, सचिन जैन सहित सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित रहे।
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