NIT Exclusive: बुलढाणा-अजंता मार्ग के निर्माण में अब तक हुआ हज़ारों ब्रास चोरी के मुरुम का इस्तेमाल, शासन प्रशासन पर अनदेखी करने का आरोप | New India Times

कासिम खलील, ब्यूरो चीफ बुलढाणा (महाराष्ट्र), NIT:

NIT Exclusive: बुलढाणा-अजंता मार्ग के निर्माण में अब तक हुआ हज़ारों ब्रास चोरी के मुरुम का इस्तेमाल, शासन प्रशासन पर अनदेखी करने का आरोप | New India Times

बुलढाणा से अजंता को जोड़ने वाले राज्य मार्ग क्र.24 को राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण ने राष्ट्रीय महामार्ग का दर्जा प्रदान किया है, जिसके बाद से इस मार्ग को सिमेंट कॉन्क्रीट का बनाया जा रहा है। यहां चौकाने वाली बात यह सामने आई है कि ठेकेदार द्वारा मार्ग के निर्माण में अवैध गौण खनिज मुरुम का उपयोग धड़ल्ले से किया गया है। बिरसिंहपुर शिवार में शासकीय भूखंड से अवैध तरीके से खुदाई कर अब तक हज़ारों ब्रास मुरुम चुराया गया है।
तीन जिलों की सीमा से हो कर गुजरने वाले बुलढाणा अजंता इस 50 किलो मीटर के मार्ग को राष्ट्रीय महामार्ग का दर्जा मिलने पर पिछले एक साल से इस मार्ग के चौड़ाईकरण का निर्माण कार्य बड़ी ही धीमी गति से चल है। इस दो लेन सीमेंट कॉन्क्रीट मार्ग के निर्माण का ठेका “सुनील हाइटेक, बांद्रा, मुंबई” ने लिया है। विदर्भ-मराठवाड़ा व खानदेश को जोड़ने वाला यह मार्ग बड़ा महत्वपूर्ण माना जाता है। मार्ग के निर्माण के लिए बड़ी मात्रा में गिट्टी, मुरुम का इस्तेमाल हो रहा है। सूत्रों की मानें तो करीब 350 करोड़ रुपए की लागत के इस मार्ग का ठेका लेने वाली कंपनी “सुनील हाईटेक” का दिवाला निकलने के कारण इसका असर मार्ग निर्माण की गति पर पड़ा है। विगत 28 दिसेंबर को बुलढाणा एसडीओ कु. सुहासिनी गोनेवार ने मुरूम ले जा रहे दो टिप्परों को पकड़ा था, इन दोनों टिप्परों में इसी मार्ग के निर्माण के लिए मुरूम ले जाया जा रहा था। एसडीओ की इस कार्रवाई के बाद में यह बात सामने आई कि ठेकेदार द्वारा अवैध रूप से गौण खनिज की खुदाई कर मार्ग के निर्माण कार्य मे इस्तेमाल किया जा रहा है। इस मामले में संबंधित ठेकेदार को 4 लाख 34 हजार रुपए के जुर्माने का नोटिस तहसील प्रशासन ने जारी किया है। ये मुरुम कहां से खोदकर लाया जा रहा है, जब इस बात की मीडिया टीम ने पड़ताल की तो मालूम हुआ कि, बुलढाणा तहसील अंतर्गत के ग्राम बिरसिंहपुर शिवार के गट नंबर 135 शासकीय ई क्लास की ज़मीन से मुरुम की खुदाई की गई है, ये खुदाई सभी नियमों को ताक पर रख कर की गई है। पोकलैंड द्वारा ठेकेदार ने मुरुम के लिए 30 से 35 फिट गहरी मानो खंदक तैयार कर दी है। अनुमान है कि इस स्थान से ठेकेदार ने अब तक करीब 15 सौ से 2 हज़ार ब्रास मुरुम की खुदाई की होगी। एक तरफ ठेकेदार ने शासकीय राजस्व को चुना लगाते हुए ज़मीन को बुरी तरह से चीर कर रख दिया है, वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण एवं राजस्व विभाग शासकीय मुरुम की इस चोरी की तरफ अनदेखी किए हुए है। अब देखना ये होगा कि,सरकार को लाखों रुपए का चूना लगाते हुए हज़ारों ब्रास के मुरुम की चोरी करने वाले इस ठेकेदार पर प्रशासन क्या कार्रवाई करता है?

“सुनील हाईटेक” ने गौणखनिज की नहीं ली अनुमति

राज्य भर में निर्माण हो रहे महामार्गों को लगने वाले गौण खनिज के लिए नदी, नाले, तालाब से गाद, मुरुम, पत्थर की खुदाई की अनुमती ज़रूरी कागज़ी खानापूरी करने के बाद संबंधित ठेकेदार ढुलाई कर सकता है। इस से नदी, नाले और तालाबों की जल क्षमता को बढ़ाना ये शासन का उद्देश है। बुलढाणा जिले में भी कई स्थान पर जल क्षमता बढ़ाने के लिए सुझाए गए हैं किंतु अमरावती से चिखली (मलकापुर) महामार्ग का निर्माणकार्य कर रही मे. ओरिएंटल स्ट्रक्चर लि. नई दिल्ली इस कंपनी ने 19, शेगांव-खामगांव मार्ग का काम कर रही मे. ईगल इंफ्रास्ट्रक्चर लि. उल्हासनगर ने 1 स्थान से तथा खामगांव से चिखली इस मार्ग का काम कर रही मे. आयरन ट्रेंगल लि. अहमदाबाद ने 1 शासकीय जमीन से गौण खनिज के लिए जिला खनिकर्म विभाग से ली है जबकि दूसरी तरफ बुलढाणा-अजंता मार्ग का काम कर रही सुनील हाईटेक ने गौणखनिज की एक भी अधिकृत अनुमति नहीं ली है। अब सवाल ये खड़ा हो रहा है कि, मार्ग निर्माण में अब तक इस्तेमाल किया गया लाखों ब्रास का गौणखनिज कहां से आया है इसकी बारीकी से जांच होना ज़रूरी है।


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