वित्तीय घाटे से जूझ रही फडणवीस सरकार क्या धुले मनपा को 100 करोड़ रुपये की निधि उपलब्ध करा पाएगी??? | New India Times

अब्दुल वाहिद काकर, ब्यूरो चीफ धुले/नंदुरबार (महाराष्ट्र), NIT:

वित्तीय घाटे से जूझ रही फडणवीस सरकार क्या धुले मनपा को 100 करोड़ रुपये की निधि उपलब्ध करा पाएगी??? | New India Times

वित्तीय घाटे से जूझ रही फडणवीस सरकार क्या धुले मनपा को 100 करोड़ रुपये की निधि उपलब्ध करा पाएगी, यह सवाल धुलिया शहर के जागरूकता व्यक्त कर रहे हैं, और विपक्ष को तो यह मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का केवल जुमला लग रहा है।

“आप लोग भाजपा को सत्ता सौंपीए मैं सीधे मुख्यमंत्री जी से शहर के समग्र विकास के लिए फला फला करोड (100 या उससे ज्यादा) का निधी निकाय में डाल देता हूं।” जलसंपदा मंत्री श्री गिरिश महाजन की जनसभाओ के दौरान दिए इन आश्वासनों से नासिक से लेकर जलगांव, सांगली, धुले, अहमदनगर महापालिकाओं के निकाय चुनाव भाजपा ने सफ़ाई से जीत तो ली लेकिन जिस नासिक से करोड़ों के निधि वाला वादा महाजन ने मतदाताओं को किया था वहां अब तक भी विकास का निधी पहुंच नहीं पाया है, अलबत्ता नासिक से लेकर धूलिया तक चुनाव हार चुका विपक्ष EVM और महाजन को जनादेश का वोट (जेब) कतरा बताकर सडकों पर उतर रहा है।

वित्तीय घाटे से जूझ रही फडणवीस सरकार क्या धुले मनपा को 100 करोड़ रुपये की निधि उपलब्ध करा पाएगी??? | New India Times

विदीत हो कि 2016 में आयी CAG (केंद्रीय महालेखापाल) की रिपोर्ट में महाराष्ट्र का वित्तीय घाटा करीब 50 हजार करोड़ और कर्ज का बोझ साढे तीन लाख करोड दर्ज किया गया था जिसके बाद खुद मुख्यमंत्री फडनवीस ने विकासकार्यो की वित्तीय लागत में खर्च पर कई सुझाव दिए थे। सिंचाई के बारे में स्वयं मंत्री महाजन ने नए प्रकल्पों के बजाए पुरानी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए केंद्र से पैसा मांगा था। यही नहीं टाटा, बिर्ला जैसे उद्योगपतियों से भी वित्तीय साझेदारी के लिए अनुरोध किया था और अभी तो अकाल निवारण के लिए सरकार ने शिर्डी संस्थान से 500 करोड़ रुपये कर्ज लिया है। इस तरह वित्तीय प्रबंधन से जुडे सैकड़ों पहलु हैं जिसमें राज्य सरकार की विकास नीति बुरी तरह फंसती दिखाई पड़ रही है बावजुद इसके अपनी राजनीतिक साम्राज्यवादी नीति को चलाते हुए भाजपा ने उक्त निकाय चुनावों में करोड़ों रुपये के निधि के वादे जुमलों की तरह जनता के बीच उछाल दिए हैं जिसे बुद्धिजिवीयों में भाजपा द्वारा शहरी और ग्रामीण वोटर्स में दरार के तौर पर बताया जा रहा है। बहरहाल धुलिया मनपा चुनाव के बाद मुंह मांगे पार्षदों के साथ मुंबई पहुंचे मंत्री महाजन ने सीएम देवेंद्र फडनवीस से मुलाकात कर अपनी 100 करोड़ निधि वाले आश्वासक गेंद को मुख्यमंत्री के पाले में डाल दिया है। अब यह देखना रोचक होगा कि वित्तीय घाटे के बीच मुख्यमंत्री महोदय फंड कहां से और किस स्थिति में उपलब्ध कराते है।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading