अतिश दीपंकर, पटना ( बिहार ), NIT;
कल रात एक ओवरलोड ट्रैक्टर ने खडी मोटरसाइकिल को धक्का मारा जिससे मोटरसाइकिल छतिग्स्त हो गया एवं मोटरसाइकिल मालिक जो रोड किनारे खड़े थे उन्हें भी रौंदा लेकिन उन्होंने ने कूद कर अपनी जान बचाई और ट्रैक्टर की चपेट में आने से बच गए। बाद में युवक दौड़कर उस ट्रैक्टर के टायर का हवा निकाल दी जिससे ट्रैक्टर वहीं खड़ी हो गई। घटना बिहार के भागलपुर जिले के कहलगांवा थाना क्षेत्र के कोआ पुल की बताई जा रही है। इस संबंध में कहलगांवा थाना प्रभारी से बात की तो उन्होंने बताया इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। वहीं डीएसपी रामानंद कुमार कौशल से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि माघी पूर्णिमा को लेकर के ब्यस्त हूं और उन्होंने कोई जानकारी नहीं है। आरोप है कि आए दिन ओवरलोड गाड़यां यहां चलती हैं। जिससे आए दिन घटनाएं- दुर्घटना होती रहती है एवं कई की जान भी जा चुकी है। आरोप लगाया जाता है कि पुलिस पैसे लेकर के नो इंट्री में भी ओवरलोड गाड़ी को चलवाती है। लोगों का कहना है कि पुलिस के अवैध वसूली से वाहन चालक निडर होकर के तेज रफ्तार में गाड़ी चलाते हैं जिससे घटनाएं होती हैं। एनआइटी की खबर से कुछ ऐसे लोगों को सच हजम नहीं हो रही है। बुरा लग रहा है कि उसकी खबर सच्चाई के साथ क्यों छप रही है, लेकिन एनआईटी सच्चाई को सामने लाने में पीछे हटने वाली नहीं है। ज्ञात हो कि कुछ दिन पहले एक मोटरसाइकिल सवार को एक ट्रैक्टर ने रौंद दिया था जिससे विगत रात उसकी मौत होईगई थी। इसकी पुष्टि थाना प्रभारी राजेश कुमार ने भी कर दी है। लोग जानना चाह रहे हैं ओवरलोड गाड़ी का नो एंट्री में अवैध वसूली में चलना और लोगों का आए दिन गाड़ी की चपेट में आने से मरना, घायल हो जाना कब तक चलेगा? लोगों में इन दुर्घटनाओं को लेकर के आक्रोश देखा जा रहा है। अगर यह घटना नहीं रुकी तो, एक बड़ा जन आंदोलन हो जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। प्रशासन को समय रहते सचेत हो जागरूकता का परिचय देना चाहिए। यदि कोई बड़ा आंदोलन होता है तो उस की जिम्मेदारी प्रशासन की होगी ऐसी चर्चा लोगों में चल रही है।
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