रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:
माहे रमज़ान के मुक़द्दस एवं पवित्र महीने में मुस्लिम बस्तियों में रौनक एवं मस्जिदों में काफी भीड़ उमड़ रही है माहे रमजान के मुक़द्दस रहमतों और बरकतों वाले महीने में रोज़े नमाज और कुरान की तिलावत का दौरा लगातार ज़ारी है। इसी के चलते समाज के मासूम बच्चे भी रोज़े रख खुदा की इबादत में मशगूल हैं। तपती धूप की परवाह किये बिना नन्हें मुन्ने बच्चों ने रोज़ा रखा अल्लाह और उसके रसूल की रजा हासिल करने के लिए भुख-प्यास की शिद्दत बर्दाश्त कर मासूम बच्चे मोहम्मद अल्तमश से रोजे नमाज तरावीह के लिए चर्चा की गई तो बताया गया के पुरे रोज़े चल रहे हैं ओर आगे भी इंशाल्लाह पूरे रोज़े रखूंगा। मोहम्मद अल्तमश डाक्टर सरफराज उम्र 8 वर्ष शेरानीपुरा मेघनगर ने रोजे रखने के साथ साथ मस्जिद जाकर पांचों टाइम की नमाज़ अदा की जा रही है।
रोज़े रखने पर घर में खास पकवान बनाए गये और खुदा और उसके रसूल की खुशी के लिए अपनी ज़िन्दगी का पहला रोज़ा रखा ये बच्चे नमाज़ पढ़ने के साथ ही शाम को रोज़ा इफ्तार के दौरान अपने मनपसंद के लजीज खाने का लुत्फ उठाया। मम्मी पापा ने भी बच्चों की पसंद का पुरा पुरा ख्याल रखकर उनके पसंद का लज़ीज़ पकवान बनाए गये।
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