गुलशन परूथी, ग्वालियर (मप्र), NIT:
प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय माउंटआबू से अंतर्राष्ट्रीय प्रेरक वक्ता राजयोगिनी बीके ऊषा दीदी 7, 8 एवं 9.फरवरी को सकारात्मक परिवर्तन का वर्ष थीम पर आयोजित हो रहे कार्यक्रम में शिरकत करने ग्वालियर में रहेंगी। 7 फरवरी को सुबह 8 से 10 बजे तक सकारात्मक चिंतन से सकारात्मक परिवर्तन, शाम 5 से 7 बजे तक खुशियों को अवसर दो, 8 फरवरी 2024 सुबह 8 से 10 बजे तक तनाव मुक्त जीवन, शाम 4 से 5 बजे तक ब्रह्माकुमारी बहनों का दिव्य समर्पण समारोह तथा 6 से 7:30 बजे तक आध्यात्मिक सशक्तिकरण विषय पर सभी को संबोधित करेंगी। यह सभी कार्यक्रम चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स के श्रीमंत विजयाराजे सिंधिया सभागार में होंगे। जबकि 9 फरवरी 2024 को प्रभु उपहार भवन माधौगंज में शाम को 4 से 5:30 बजे तक संस्थान से जुड़े श्रद्धालुयों के लिए तथा 6 से 7:30 बजे तक एक पब्लिक कार्यक्रम रहेगा जिसका विषय है। सफल जीवन का आधार गीता सार, हर मुश्किल का हल। तीनों ही दिन बीच के समय मे तीन अलग अलग नए भवनों में राजयोग ध्यान केंद्रों का उद्घाटन भी दीदी जी के द्वारा किया जायेगा इस अवसर पर जोनल निदेशिका राजयोगिनी बीके अवधेश दीदी भी साथ रहेंगी।
7 फरवरी को दिव्य धाम झुलेलाल कॉलोनी समाधिया कॉलोनी, 8 को वैकुण्ठ धाम मुरार सेवाकेंद्र (टप्पा तहसील के पास) तथा 9 को शक्ति भवन न्यू कलेक्ट्रेट के सामने विद्या विहार सिटी सेंटर सेवाकेंद्र ग्वालियर। साथ ही भोपाल ज़ोन म.प्र की समस्त बहनों से मालनपुर स्थित केंद्र पर स्नेह मुलाकात करेंगी। राजयोगिनी बीके उषा दीदी जी के बारे में ब्रह्माकुमारी उषा दीदी का जन्म अफ्रीका में हुआ। सन 1974 में उनका परिचय ब्रह्माकुमारियों से हुआ। ब्रह्माकुमारियों के आध्यात्मिक दर्शन और व्यावहारिक मेडिटेशन से प्रभावित होकर, उन्होंने इन शिक्षाओं का अभ्यास किया और उन्हें अपने जीवन में धारण किया। इस क्रम में उन्होंने महान आंतरिक परिवर्तन का अनुभव करते हुए इसकी उपयोगिता को समझा और सन् 1980 में विश्व की आध्यात्मिक सेवा के लिए सम्पूर्ण समर्पित कर दिया। वर्तमान समय राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी उषा दीदी भारत में राजस्थान के माउंट आबू में ब्रह्माकुमारीज के वैश्विक मुख्यालय पर सेवारत हैं। आप एक वरिष्ठ राजयोग मैडिटेशन शिक्षिका, स्व-प्रबंधन प्रशिक्षिका, आध्यात्मिक सलाहकार और प्रेरक वक्ता के रूप में अपनी सेवाएँ दे रहीं है।
आपके द्वार दो पुस्तके भी लिखीं गयीं है
1. ‘सेल्फ मैनेजिंग लीडरशिप’ – हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओँ में। 2. ‘अध्यात्म की ओर’- हिंदी में। दो अन्य पुस्तकें प्रकाशित होने की प्रक्रिया में हैं।
आप भारतीय टी.वी. चैनलों और वेब चैनलों में एक प्रतिष्ठित व्यक्तित्व के रूप में जानी जाती हैं। उनके व्याख्यान यूट्यूब पर लाखों की तादाद में देखे जाते हैं। परमपिता परमात्मा के वरदानों से उन्होंने अपनी समस्त ऊर्जा और विशेषताओं को एक सार्थक और सकारात्मक स्वरूप प्रदान किया है। 1980 से 1992 के बीच वे मुंबई और हैदराबाद केंद्रों से जुड़ी रहीं। संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय युवा वर्ष 1985 में इन्होने “भारत एकता युवा पदयात्रा ” के अंतर्गत मुंबई से दिल्ली पैदल मार्च करते हुए दूर-दराज के गाँवों से लेकर कस्बों और शहरों तक आध्यात्मिक ज्ञान का संदेश जन जन तक पहुँचाने का पुण्य कार्य किया है।
आपको भारत के कई औद्धयोगिक समूहों द्वारा उच्च रैंकिंग अधिकारियों और प्रबंधन कर्मचारियों के लिए व्यवस्थित स्व-प्रबंधन नेतृत्व पाठ्यक्रम प्रदान करने के लिए आमंत्रित किया गया। आपने विभिन्न कॉर्पोरेट क्षेत्रों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, चिकित्सा संघों, सामाजिक संगठनों और प्रबंधन संघों में हजारों प्रस्तुतियां दी हैं। आपको 2012 में भारतीय जनसंपर्क परिषद द्वारा “हॉल ऑफ फेम” जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों के साथ विभिन्न संगठनों और संघों द्वारा सम्मानित किया गया है। आपको थाईलैंड सरकार द्वारा आमंत्रित किया गया है और “नैतिक पुरस्कार 2019” एवं एक शांति पदक से सम्मानित किया गया है। सितंबर 2019 में उन्हें यू .एस. ए. के लॉस एंजिल्स में आध्यात्मिक कल्याण के राजदूत के रूप में सम्मानित किया। फिलीपींस की राजकुमारी द्वारा इन्हें प्रतिष्ठित पुरस्कार G.O.D (The Global Order Of Dignitaries) से सम्मानित किया गया। हाल ही में उन्हें विक्रमशीला हिंदी विद्यापीठ भागलपुर बिहार के द्वारा विद्यावाचस्पति के रूप में डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई है।
बी.के. उषा की वाक्पटुता और आध्यात्मिक उपलब्धियों के लिए उनके सरल और स्पष्ट दृष्टिकोण ने उन्हें राजयोग पर व्याख्यान और टिप्पणियों को रिकॉर्ड करने के लिए प्रेरित किया है। आपके व्याख्यान भारत और विदेशों में विभिन्न टीवी चैनलों पर प्रसारित किए जाते हैं। उनके लोकप्रिय व्याख्यान यूट्यूब पर हिंदी और अंग्रेजी में सुने गए। अनेकानेक कार्यशालाओं, सेमिनारों और टीवी कार्यक्रमों ने सैकड़ों पेशेवरों, युवाओं और यहां तक कि बच्चों को भी प्रेरणा दी है। इससे अध्यात्म, ध्यान और जीने के तरीके के प्रति उनके दृष्टिकोण को आकार देने में मदद मिली है। साथ ही आपने मानसिक तनाव, अवसाद, चिंता, व्यसनों, कम आत्मसम्मान और कई अन्य मानसिक मुद्दों पर काबू पाने के लिए लोगो को प्रोत्साहित किया है।
आपने आध्यात्मिक मूल्यों के महत्व पर बल देते हुए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई सम्मेलनों और सेमिनारों में भाग लिया है। आपने भारत के महान महाकाव्यों- रामायण और श्रीमद्भगवद्गीता पर शोध किया है और एक अनूठी प्रस्तुतियों का निर्माण किया है। यह प्रस्तुतियाँ भारत और विदेशों में इसके आध्यात्मिक महत्व और आधुनिक जीवन शैली में व्यावहारिक अनुप्रयोग से संबंधित दिखाई गई हैं। जिसने पूरी तरह से अलग नजरिए से लोगों को आकर्षित किया है और इसके महत्व का एहसास कराया है।
ब्रहमाकुमारी उषा दीदी दुनिया भर में कई लोगों के लिए एक दोस्त, दार्शनिक और मार्गदर्शक हैं।
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