विश्व दृष्टि दिवस के उपलक्ष पर जिला पुरुष अस्पताल में हुई जागरूकता गोष्ठी | New India Times

वी.के. त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT:

विश्व दृष्टि दिवस के उपलक्ष पर जिला पुरुष अस्पताल में हुई जागरूकता गोष्ठी | New India Times

जिला पुरुष अस्पताल एमसीएच विंग में विश्व दृष्टि दिवस के उपलक्ष में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें इस वर्ष की थीम अपनी आंखों से प्यार करें पर विस्तार से स्वास्थ्य कर्मियों और जनमानस को जानकारी दी गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता सीएमएस डॉ आईके रामचंदानी ने की।

सीएमएस डॉ आईके रामचंदानी ने कहा कि लोगों को नियमित जांच करानी चाहिए। खिड़कियों एवं लाइट द्वारा कंप्यूटर पर पड़ने वाली चकाचौंध से बचने की कोशिश करनी चाहिए। यदि आवश्यक हों, तो एंटी ग्लेयर स्क्रीन का उपयोग करें। कांटेक्ट लेंस का प्रयोग करें। यदि आप कॉन्टेक्ट लेंस पहनते हैं, तो उन्हें लंबी अवधि तक पहनने से बचें। तैराकी करने और सोने के समय इसका प्रयोग करने से बचें। साथ ही उन्होंने कहा कि अपनी आँखों को आराम देने के लिए हर बीस मिनट में बीस फीट की दूरी पर बीस सेकंड के लिए देखें”। साथ ही उन्होंने नेत्रदान करने के लिए और लोगों को इसके लिए प्रेरित करने की भी बात कही।

इस दौरान नेत्र चिकित्सक पूनम वर्मा ने कहा कि इस दिवस का केंद्रीय बिंदु अंधेपन की रोकथाम के बारे में लक्षित दर्शकों को शिक्षित तथा विज़न 2023 एवं विज़न 2023 कार्यक्रम की गतिविधियों के बारे में सहयोग उत्पन्न करना हैं। इस वर्ष विश्व दृष्टि दिवस का विषय कार्यस्थल पर अपनी आंखों से प्यार करें है। विश्व में नेत्रहीनता की स्थिति पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे बहुत से सरकारी और गैर सरकारी संस्थान हैं, जो शहरों और गांवों में लोगों को आंखों की समस्याओं से लेकर नेत्र जागरूकता के लिए प्रेरित करते रहे हैं। जगह-जगह पर आंखों की चिकित्सा और जांच शिविर भी लगाये जाते है। इसके बावजूद आंखों की बीमारियों की संख्या विश्व भर की जनसंख्या के साथ-साथ तेज़ी से बढ़ रही हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के एक अनुमान के अनुसार, विश्वभर में लगभग 285 मिलियन लोग नेत्रहीन हैं। इनमें से 39 लाख लोग अंधे और 246 मिलियन लोग मध्यम या गंभीर दृष्टि दोष वाले है। दृश्य दोष के प्रमुख कारणों में असंशोधित अपवर्तक कमियां 43 प्रतिशत और मोतियाबिंद 33 प्रतिशत हैं। अधिकांश अंधेपन लगभग 80 प्रतिशत का बचाव यानि कि उपचार या रोकथाम की जा सकती है।

नेत्र चिकित्सक डॉ कृतिका ने कहा कि विश्व दृष्टि दिवस विज़न 2023 के अंतर्गत अंधेपन की रोकथाम सभी स्वास्थ्य हस्तक्षेप में सबसे सस्ती-सुलभ एवं सफल हस्तक्षेप हैं। विश्व दृष्टि दिवस विज़न 2023 एक वैश्विक पहल है, जिसका उद्देश्य वर्ष 2023 तक टालने योग्य अंधेपन को समाप्त करना है। इसका शुभारंभ 18 फरवरी 1999 में 20 से ज़्यादा अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी नेत्र देखभाल संगठनों के साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा दृष्टिहीनता रोकथाम के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसी, आईएपीबी के तौर पर किया गया था।

जिरियाट्रिक फिजिशियन डॉ. शिखर बाजपेई ने कहा कि आंखें अनमोल हैं, इनका मोल समझने की आवश्यकता है। आँखों को सुंदर व स्वस्थ बनाए रखने के उपाय करने चाहिए। अच्छी दृष्टि के लिए स्वस्थ और संतुलित आहार का सेवन करें। अपने आहार में हरी पत्तेदार सब्जियों, अंडे, फलियों एवं गाजर को अधिक से अधिक मात्रा में शामिल करें।

बाल रोग विशेषज्ञ डॉ आरपी वर्मा ने कहा कि आंखों की बीमारियों का बच्चों में भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। कुछ ऐसी समस्याएं होती हैं जिनको शुरुआती दौर में पहचान कर सिर्फ थेरेपी से उनका इलाज किया जाता है जबकि अधिक समय तक समस्या को बढ़ाते देने पर फिर अन्य प्रक्रिया को और सर्जरी को डॉक्टर को मजबूरन अपनाना पड़ता है ऐसे में नवजात बच्चों में किसी भी तरह की समस्या देखने पर तत्काल चिकित्सक से परामर्श करें।

नाक कान गला रोग विशेषज्ञ डॉ मनोज शर्मा ने कहा कि धूम्रपान भी बेहद खतरनाक है। धूम्रपान, मोतियाबिंद, ऑप्टिक एवं तंत्रिका क्षति के साथ-साथ दृष्टि से संबंधित कई तरह की समस्याओं को पैदा कर सकता है।

वरिष्ठ नेत्र परीक्षण अधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा ने कहा कि सूर्य की रोशनी के प्रत्यक्ष प्रभाव को रोकने के लिए यूवी संरक्षित धूप का चश्मा पहनें जो कि आपकी आंखों की सुरक्षा के लिए बेहत्तर है। इस दौरान डॉ सतीश कुमार, डॉ दीपेंद्र गौतम, डॉ एके द्विवेदी, मैट्रन रजनी मसीह, प्रीति श्रीवास्तव, महंत सिंह, शिवपाल मिश्रा, डॉ परवेज खान, मनोज मौर्य, काउंसलर देवनंदन श्रीवास्तव, सुरेंद्र कश्यप, पंकज शुक्ला, बसंत गुप्ता और मंजू कनौजिया सहित बड़ी संख्या में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी और ट्रेनी बच्चे उपस्थित रहे।

सुरक्षा चश्मा पहनें:- यदि आप कार्यस्थल पर ख़तरनाक पदार्थों से काम करते हैं, तो आपको अपनी आंखों की रक्षा करने के लिए सुरक्षा चश्मा अवश्य पहनना चाहिए।

पलकों को बार बार झपकी दें:- यदि आप लंबी अवधि तक कंप्यूटर पर काम करते हैं, तो यह सुनिश्चित करें, कि आप अक्सर बीच-बीच में उठकर आँखों का सूखापन कम करने के लिए आँखों को अधिक से अधिक बार झपकायें।

एंटी ग्लेयर चश्में का प्रयोग करें:- टेलीविजन देखते या कंप्यूटर पर काम करते हुए एंटी ग्लेयर चश्मा पहनने की सलाह दी जाती है।

मंद प्रकाश में न पढ़ें:- यह आँखों को होने वाली परेशानियों के प्रमुख कारणों में से एक है।


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By nit

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