नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश सरकार की तापी मेगा रिचार्ज प्रोजेक्ट का भूमिपूजन लोकसभा चुनाव के ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों किया जाएगा। पाठक कृपया नोट कर लें कि केवल भूमिपूजन समारोह होगा योजना का लोकार्पण या देश की सेवा में समर्पण वग़ैरह नहीं होगा। प्रोजेक्ट को लेकर New India Times की ओर से प्रकाशित इस दूसरी रिपोर्ट में हम योजना के तकनीकी तथा प्रशासनिक बिंदुओं पर नजर डालेंगे। योजना के लिए मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र के 500 किमी परिधि का सर्वे किया जा चुका है। वेबकॉप्स कंपनी ने सातपुडा पहाड़ी को काटकर बनाए जाने वाली 26 किमी टनल का सर्वे पूरा कर लिया है। सरकार ने दावा किया है कि प्रोजेक्ट में एक भी गांव विस्थापित नहीं होगा। 10 हजार करोड़ रुपए की लागत से 20 हजार मिलियन क्यूबिक फिट पानी उपलब्ध होगा। महाराष्ट्र सरकार की ओर से नौ साल में अब तक तीन बार प्रोजेक्ट का DPR तैयार किया गया जिसके लिए 76 करोड़ 65 लाख रुपये खर्च किये गये। इसी साल विधानसभा सत्र के दौरान राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक एकनाथ खडसे द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में सिंचाई मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि तापी मेगा रिचार्ज का नया बजट बनाने का काम पूरा कर लिया गया है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 2009 में इसी प्रोजेक्ट के लिए बुरहानपुर में 4500 करोड़ रुपए की घोषणा की थी लेकिन अब अर्चना चिटनिस प्रधानमंत्री को खत लिखकर फंड के लिए अनुरोध कर रही हैं।
आखिर इस योजना के लिए कौन सी सरकार कितना फंड देगी यही साफ़ तौर पर किसी को पता नहीं है। भाजपा मेगा रिचार्ज योजना के बहाने मतदाताओं को फुसलाकर इस अंचल से आने वाली मध्य प्रदेश विधानसभा की 40 सीटों का जुगाड बिठाने में लगी है। भारत के संविधान को दरकिनार कर दिल्ली के आशीर्वाद से महाराष्ट्र में सवा साल से चलाई जा रही गैरकानूनी एकनाथ शिंदे सरकार का कोलाहल पूरे देश में सुनाई दे रहा है जिसमें मेगा रिचार्ज की आवाज़ को कोई जगह नहीं हैं। अगली रिपोर्ट में हम इस योजना के आर्थिक तथ्यों और गतिरोधों से जनता को अवगत कराने की कोशिश करेंगे।
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