जन उत्थान न्यास द्वारा 1900 शिक्षकों का किया गया सम्मान  | New India Times

संदीप शुक्ला,ग्वालियर ( मप्र ), NIT; ​जन उत्थान न्यास द्वारा 1900 शिक्षकों का किया गया सम्मान  | New India Timesभारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य प्रभात झा ने कहा कि गुरू-शिष्य परम्परा सिर्फ भारत में जीवित है। अन्य देशों मे हेलो-हाय का सिस्टम चलता है। शिक्षक ही राष्ट्र व समाज का निर्माण करता है। यह विचार झा ने मंगलवार को डाॅ. भगवत सहाय सभागार में जन उत्थान न्यास द्वारा 1900 (उन्नीस सौ) शिक्षकों के सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि की आंसदी से व्यक्त किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता संत कृपाल सिंह महाराज ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में सुमावली विधायक सत्यपाल सिंह सिकरवार (नीटू) मौजूद रहे।  स्वागत भाषण भाजपा नेता, पार्षद एवं जन उत्थान न्यास के अध्यक्ष डाॅ. सतीष सिंह सिकरवार ने दिया और कार्यक्रम की रूपरेखा रखते हुए कहा कि यह छठवां आयोजन है और पूर्ण गरिमा के साथ षिक्षकों का सम्मान किया है। न्यास के सचिव चन्द्रप्रकाश गुप्ता, संयुक्त सचिव अवधेश कौरव, कोषाध्यक्ष अवध सिंह धाकरे ने अतिथियों का स्वागत किया। इससे पहले अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। शिक्षक सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद प्रभात झा ने अपने उदबोधन में कहा कि एकलव्य और द्रोणाचार्य ने गुरू-शिष्य परम्परा का निर्वाह किया है और भारत ही एक मात्र देश है जहां आज भी गुरू शिष्य परम्परा जीवित है। उन्होंने कहा कि शिक्षक समाज व देश का निर्माण करता है और गुरू का अधिकार है कि व अपने शिष्य को डांट सकता है, मगर आज हालात बदले हैं, लोग शिक्षक के खिलाफ एफ.आई.आर. करवा देते है। उन्होंने कहा कि षिक्षक का दायित्व है कि वह अपने सबसे श्रेष्ठ कार्य करना बच्चों को शिक्षित करना है। उन्होने कहा कि समाज में शिक्षक का और बार्डर पर सैनिक का बड़ा रोल रहता है। सैनिक सरहद पर रहकर जिंदगी व्यतीत करता है। 

सांसद झा ने कहा कि शिक्षक ही है जिसका सम्मान सबसे ज्यादा होता हैं, जब कहीं मत्था कोई टेकता है, वो गुरू ही होता है। उन्होंने डाॅ. सतीष सिकरवार की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि समाज सेवा के क्षेत्र में जो कार्य वह कर रहे हैं, वह अनुकरणीय है जितनी तारीफ की जाए कम है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संत कृपाल सिंह महाराज ने कहा कि पहले माता-पिता गुरू होते हैं। इसके बाद पाठशाला। उन्होंने कहा कि लक्ष्य प्राप्त करने के लिए परिश्रम करना पडे़गा। उन्होंने कहा कि डाॅ. सतीष सिकरवार गरीबों की सेवा कर समाज व राजनीति में अलग पहचान बनाई है। गरीबों की मदद, शिक्षकों का सम्मान करना ईश्वर की सेवा से बड़ी इवादत है। सुमावली विधायक सत्यपाल सिंह सिकरवार (नीटू) ने कहा कि जन उत्थान न्यास द्वारा गरिमा पूर्ण तरीके से शिक्षकों का सम्मान किया गया है, हम अगले वर्ष दुगनी संख्या में शिक्षकों का सम्मान करेंगे। कार्यक्रम के दौरान सहभोज का आयोजन किया गया। शिक्षक सम्मान समारोह का संचालन महेन्द्र शुक्लाएवं आभार प्रदर्शन अवधेश कौरव ने व्यक्त किया।


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