फराज अंसारी, बहराइच ( यूपी ), NIT; बहराइच महिला चिकित्सालय एवं जिला अस्पताल में आक्सीजन एवं दवाओं की उपलब्धता सहित अन्य आवश्यक सुविधाओं का जायजा लेने के लिए मण्डलायुक्त देवीपाटन मण्डल एसवीएस रंगाराव ने जिला महिला अस्पताल एवं पुरूष अस्पताल का औचक निरीक्षण किया और अस्पताल में मरीजों को दी जा रही एक-एक सुविधाओं का गहन निरीक्षण किया और स्पष्ट निर्देश दिए कि दवाओं अथवा आक्सीजन की उपलब्धता किसी भी दशा में पर्याप्त मात्रा में सुनिश्चित की जाय।
महिला चिकित्सालय में पहुंचकर आयुक्त ने सबसे पहले नवजात शिशुओं के इलाज के लिए स्थापित एसएनसीयू कक्ष का निरीक्षण किया। वहां पर उन्होंने भर्ती नवजात बच्चों के लिए अस्पताल प्रशासन द्वारा कराए गए आक्सीजन सिलेण्डरों के बारे में जानकारी ली। सीएमओ द्वारा बताया गया कि एसएनसीयू कक्ष में प्रतिदिन लगभग पांच-छः आक्सीजन सिलेण्डरों की खपत होती है परन्तु सेन्ट्रलाइज्ड आक्सीजन सप्लाई न होने के कारण परेशानी होती है। मण्डलायुक्त ने तत्काल पत्र लिखवाकर शासन को संदर्भित कराने के आदेश सीएमओ को दिए। सीएमएस महिला अस्पताल द्वारा बताया गया कि अस्पताल में एक भी शिशु की मौत आक्सीजन की कमी के कारण नहीं हुई है और अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन उपलब्ध हैै। उन्होंने सीएमएस को स्पष्ट निर्देश दिए कि हर हाल में बच्चों व अन्य मरीजों को सभी प्रदत्त स्वास्थ्य सेवाएं दी जाएं तथा किसी भी प्रकार की कमी को तत्काल डीएम व उनके संज्ञान में लाते हुए पत्राचार करें जिससे दवा या आक्सीजन की कमी के कारण कोई भी व्यक्ति इलाज से वंचित न रह जाये। एसएनसीयू कक्ष से निकलकर मण्डलायुक्त सीधे महिला वार्ड में पहुंचे। वहां पर उन्होंने भर्ती महिला मरीजों से उन्हें दी जा रही सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। वार्ड में ही भर्ती महिला मीनू पत्नी रामानन्द द्वारा मण्डलायुक्त को अवगत कराया गया कि डॉक्टर द्वारा कुछ दवाइयां बाहर से लाने के लिए पर्चा लिखा गया है। आयुक्त ने वहीं पर सम्बन्धित डॉक्टर को तलब किया तथा मामले में सीएमएस महिला अस्पताल से शाम तक रिपोर्ट मांगी है। सीएमएस ने मण्डलायुक्त को अवगत कराया अस्पताल में सिर्फ दो ही बाल रोग विशेषज्ञ हैं। आयुक्त ने एक और बाल रोग विशेषज्ञ की तैनाती के लिए अपने माध्यम से शासन को पत्र लिखवाने के निर्देश सीएमएस को दिए हैं। इसके बाद मण्डलायुक्त सीधे पुरूष जिला अस्पताल पहुंचे। वहां पर सबसे पहले रोगी सहायता केन्द्र का निरीक्षण किया। तत्पश्चात ट्रामा वार्ड, सर्जिकल वार्ड, बच्चा वार्ड, शौचालय, डॉक्टरों के कक्ष, मेडिसिन स्टोर रूम, दवा वितरण काउन्टर, निर्माणाधीन बच्चा आईसीयू यूनिट आदि का निरीक्षण किया। स्टोर रूम में आयुक्त ने स्टाॅक का भौतिक सत्यापन दवाओं का मिलान करके किया। हेल्प डेस्क पर एक महिला द्वारा बच्चे को एनआरसी वार्ड में न भर्ती करने तथा बाहर से दवाइयां लिखने की शिकायत की गई जिस पर मण्डलायुक्त ने सीएमओ से रिपोर्ट मांगी है।
निरीक्षण के दौरान सीएमओ डॉ संतोष श्रीवास्तव, सीएमएस महिला अस्पताल सहित अन्य डॉक्टर उपस्थित रहे।
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