सरकारी योजनाओं को ग्रामीणों तक पहुंचाने वाले वीएलई/सख़ी (कंप्यूटर ऑपरेटर) को 36 माह बीत जाने के बाद भी नहीं मिला मानदेय तो विरोध प्रदर्शन के लिए हुए मजबूर | New India Times

अबरार अहमद खान/मुकीज खान, भोपाल (मप्र), NIT:

सरकारी योजनाओं को ग्रामीणों तक पहुंचाने वाले वीएलई/सख़ी (कंप्यूटर ऑपरेटर) को 36 माह बीत जाने के बाद भी नहीं मिला मानदेय तो विरोध प्रदर्शन के लिए हुए मजबूर | New India Times

महात्मा गांधी ग्राम सेवा केन्द्र (एमजीजीएसके) वीएलई संघर्ष समिति के तत्वधान में सरकारी योजनाओं को ग्रामीणों तक पहुंचाने वाले वीएलई/सख़ी (कंप्यूटर ऑपरेटर) ने भोपाल के नीलम पार्क में अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। इस मैके पर स्टेट कोर कमेटी सदस्य मनोज रजक ने अपने प्रेस बयान में कहा कि मध्यप्रदेश की 2500 से ऊपर जनसंख्या वाली 5018 ग्राम पंचायतो में महात्मा गाँधी ग्राम सेवा केन्द्र CSC 2.0 में संचालित किये जाने हेतु कार्यादेश जारी किया गया था। वीएलई की नियुक्ति कुशल कम्प्यूटर आपरेटर होने के कारण की गई और हमारी नियुक्ति पर ग्राम पंचायतों के MG GSK केन्द्रों में CSC VLE’s के मोबाइल पर GPS सिस्टम एवं साफ्टवेयर के माध्यम से कार्य स्थल पर उपस्थिति ली गई। शासन की जन कल्याणकारी योजनाओं को जिनमे पंचायत दर्पण, ई-ग्राम साफ्ट एवं इंटरनेट के माध्यम से ग्राम पंचायत में पंचायत के 11 प्रकार के प्रमाण पत्रों की सुविधा, आयुष्मान कार्ड, प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना, किसान सम्मान निधि, बैंकिंग सुविधाएँ, B2B G2B, G2C, G2G की सुविधायें, प्रधान मंत्री डिजिटल साक्षरता मिशन के अलावा अन्य ऑनलाइन सेवाओं की सुविधा का लाभ ग्रामीण जनों तक पहुचाते हुये डिजिटल इण्डिया के सपने को साकार करने का कार्य महात्मा गाँधी ग्राम सेवा केन्द्र CSC 2.0 के माध्यम से किया गया। लेकिन आज दिनांक तक 1 भी0रुपये का मानदेय का भुगतान MGGSK VLE/सख़ी को नहीं किया गया। इस परियोजना के लिये रखे ब्लॉक/जिला समन्वयक का वेतन भी बकाया है।

सरकारी योजनाओं को ग्रामीणों तक पहुंचाने वाले वीएलई/सख़ी (कंप्यूटर ऑपरेटर) को 36 माह बीत जाने के बाद भी नहीं मिला मानदेय तो विरोध प्रदर्शन के लिए हुए मजबूर | New India Times

जबकि ज़मीनी स्तर पर कोविड काल की विपरीत परिस्थितियों में भी सरकारी योजनाओं को हम ने ग्रामीणों तक पहुँचाया जिस से सरकार ने वाहवाही लूटी लेकिन आज 36माह बीत जाने का बाद भी वीएलई/सख़ी को अपने जायज मानदेय के लिए मोहताज होना पड़ रहा है।
इस अन्याय के खिलाफ पूरे प्रदेशभर के MGGSK वीएलई/सख़ी को बड़ी संख्या में भोपाल पहुँच कर अपनी हक़ की आवाज़ को बुलंद किया है। हम चेतावनी देते हैं।अगर हमारी मांगों पर सरकार विधानसभा सभा चुनावों से पूर्व कोई निर्णय नहीं लेती है तो हम प्रदेश की 5000 ग्राम पंचायतों में चुनावों का बहिष्कार करेंगे धरने में बड़ी संख्या में “सखी” (महिला कंप्यूटर ऑपरेटर) भी शामिल हुई। एक तरफ प्रदेश के मुखिया महिलाएं को लाड़ली बहना योजना के नाम पर पैसा बाटने का काम कर रहे हैं । तो वहीं दूसरी तरफ हजारों महिला कंप्यूटर ऑपरेटरों को 36 माह बीत जाने के बाद भी अपने जायज़ मानदेय को लेकर जूझना पड़ रहा है।

सरकारी योजनाओं को ग्रामीणों तक पहुंचाने वाले वीएलई/सख़ी (कंप्यूटर ऑपरेटर) को 36 माह बीत जाने के बाद भी नहीं मिला मानदेय तो विरोध प्रदर्शन के लिए हुए मजबूर | New India Times

सरकार की यह योजना मात्र चुनावी एजेंडा है। धरने में विभन्न जिलों के प्रतिनिधियों ने अपनी बात रखी वीएलई से जुड़े हज़ारों/लाखों लोग विधानसभा चुनावों में सरकार का डटकर विरोध करने का फैसला किया।

सरकारी योजनाओं को ग्रामीणों तक पहुंचाने वाले वीएलई/सख़ी (कंप्यूटर ऑपरेटर) को 36 माह बीत जाने के बाद भी नहीं मिला मानदेय तो विरोध प्रदर्शन के लिए हुए मजबूर | New India Times

प्रमुख मांगें-
1. एमजीजीएसके परियोजना में कार्यरत सभी बीआई/डीआई का बकाया वेतन व वीएलई/सख़ी का
37 माह का मानदेय अबिलम्ब दिया जाये।
2. VLE को उच्च कुशल श्रमिक कलेक्टर रेट दिया जाये।
3. शेष सभी 18000 पंचायतों में भी VLE की स्थायी नियुक्ति की जाएं
4. MGGSK परियोजना के Egramsoft व ERP पोर्टल का पुनः संचालित किया जाए।
5. पंचायत सचिव औऱ सहायक सचिव भर्ती में रोजगार सहायक(GRS) की तरह 50% आरक्षण दिया जाये।


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By nit

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