एनटीपीसी बाढ़ से 660 मेगावाट की चौथी इकाई से वाणिज्यिक उत्पादन शुरू, बिहार को आज से मिलने लगा 396 मेगावाट अतिरिक्त बिजली | New India Times

अतीश दीपंकर, ब्यूरो चीफ, पटना (बिहार), NIT:

एनटीपीसी बाढ़ से 660 मेगावाट की चौथी इकाई से वाणिज्यिक उत्पादन शुरू, बिहार को आज से मिलने लगा 396 मेगावाट अतिरिक्त बिजली | New India Times

एनटीपीसी बाढ़ सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट के स्टेज-1 के 660 मेगावाट की दूसरी इकाई से वाणिज्यि प्रचालन की उद्घोषणा के साथ ही इस प्लांट की चौथी इकाई से विद्युत उत्पाीदन आज मध्य रात्रि (00:00 बजे) से शुरू हो गया ।

परिणामस्वरूप भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के तय आवंटन के हिसाब से इस यूनिट से 60 प्रतिशत यानि 396 मेगावाट की अतिरिक्त बिजली की आपूर्ति गृह राज्य बिहार को होने लगी है।

शेष बिजली झारखंड, ओड़िशा और सिक्किम राज्यों को दी जा रही है।

क्या है वाणिज्यिक उत्पादन की उद्घोषणा:

बिजली संयंत्र के किसी इकाई का वाणिज्यिक प्रचालन की उद्घोषणा करना अर्थात संबन्धित इकाई से विद्युत उत्पादित कर संबन्धित लाभार्थी राज्य को विद्युत आपूर्ति शुरू करना, जिसे भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय ने तय आवंटन दे रखा हो।

उल्लेखनीय है कि बाढ़ स्टेज-1 की पहली इकाई का वाणिज्यिक प्रचालन का लोकार्पण नवंबर 2021 में ही बिहार के मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार ने केन्द्रीय विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री, आर.के. सिंह की अध्यक्षता में किया था, जिससे बिहार को वर्तमान में तय आवंटन के हिसाब से 396 मेगावाट से भी अधिक बिजली की निरंतर आपूर्ति की जा रही है।

इसके साथ ही कुल अनुमानित 21000 करोड़ रूपये से भी अधिक की लागत से बनने वाले बाढ़ संयंत्र की कुल वाणिज्यिक उत्पादन क्षमता 1980 मेगावाट से बढ़कर आज 2640 मेगावाट हो गई है।

पटना जिले के बाढ़ अनुमंडल में स्थित बाढ़ सुपर थर्मल पावर प्लांट की अब 660 मेगावाट की अपनी 4 इकाइयों के माध्यम से कुल 2640 मेगावाट का वाणिज्यिक विद्युत उत्पादन करने लगा है, तथा बिहार को अब इस संयंत्र से 1922 मेगावाट बिजली मिलने लगा है।

एनटीपीसी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में एनटीपीसी के प्रवक्ता विश्वनाथ चंदन ने बताया कि “आज से बाढ़ स्टेज- I की इस दूसरी यूनिट से वाणिज्यिक उत्पादन शुरू होने से इससे उत्पादित बिजली का 60% हिस्सा, यानी 396 मेगावाट, बिहार को मिलने लगा है, शेष बिजली तय आवंटन के हिसाब से झारखंड, ओडिशा और सिक्किम को दिया जा रहा है।

उन्होंने आगे बताया कि, बाढ़ प्लांट की 660 मेगावाट पर्यावरण अनुकूल सुपर क्रिटिकल प्रौद्योगिकी आधारित यह चौथी इकाई है, विगत 30 जून को इसका सफल ट्रायल ऑपरेशन (टीओ) के साथ ही जरूरी कमीशनिंग गतिविधियां को पूरा किया गया था।

गौरतलब है कि, बाढ़ सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट के दूसरे स्टेज की 660 मेगावाट की दो इकाइयां ( यूनिट 4 और 5) क्रमश: 15 नवंबर, 2014 और 18 फरवरी, 2016 से बिजली का लगातार उत्पादन कर रही हैं। स्टेज I की पहली 660 मेगावाट इकाई नवंबर 2021 से बिजली का वाणिज्यिक उत्पादन कर रही है।

बाढ़ संयंत्र के स्टेज I की इस दूसरी यूनिट से आज बिजली के वाणिज्यिक उत्पादन शुरू होने के साथ ही बिहार की बिजली आवंटन सीमा में 396 मेगावाट की वृद्धि हो गई है, अर्थात बाढ़ संयंत्र से बिहार को मिलने वाली कुल बिजली का कोटा भी 1526 मेगावाट से बढ़कर 1922 मेगावाट तक पहुंच गया है ।

चंदन ने आगे बताया कि, “एनटीपीसी से बिहार के 6 उत्पादन संयंत्रों सहित एनटीपीसी से बिहार का वर्तमान बिजली आवंटन भी 6891 मेगावाट जिसमें 300 मेगावाट की सौर ऊर्जा भी शामिल हैं, जिससे बढ़कर 7287 मेगावाट हो गया।“

बाढ़ स्टेज I की दूसरी इकाई के वाणिज्यिक प्रचालन शुरू होने पर, एनटीपीसी के क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक (पूर्व-1), डीएसजीएसएस बाबजी ने कहा कि ” टीम बाढ़ ने जिस लगन और दृढ़ता के साथ इस यूनिट के इंजीनियरिंग चुनौतियों का सामना कर इसे सफलतापूर्वक कमिशनिंग करने के बाद आज इसका वाणिज्यिक प्रचालन शुरू किया है, वह निश्चित तौर पर भविष्य में उत्कृष्ट परियोजना-प्रबंधन के मिशाल के तौर पर एक मार्गदर्शक का काम करेगा। इस उपलब्धि के लिए टीम बाढ़ और सभी लाभार्थी राज्यों को ढ़ेर सारी बधाई ।“ बाबजी ने आगे बताया कि, “ वर्तमान में एनटीपीसी की बिहार राज्य में लगभग 80 हज़ार करोड़ की निवेश के साथ कुल 6 परियोजनाओं में 9730 मेगावाट बिजली की वाणिज्यिक उत्पादन क्षमता है, जबकि 660 मेगावाट की क्षमता निर्माणाधीन है।“

बाढ़ परियोजना के कार्यकारी निदेशक, असित दत्ता ने वाणिज्यिक प्रचालन शुरू होने पर उपस्थित अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा, “टीम बाढ़ ने रिकॉर्ड समय में काफी चुनौतियों के बीच सभी सम्बंधित एजेंसियों के सहयोग से इस कठिन लक्ष्य को सफलतापूर्वक प्राप्त किया है।” दत्ता ने कहा, ”बाढ़ स्टेज-1 की तीसरी और अंतिम इकाई का काम प्रगति पर है और इसके अगले साल तक पूरा होने की संभावना है।“

इस उपलब्धि के साक्षी बनने के लिए एनटीपीसी और मेसर्स दुसान के वरिष्ठ अधिकारी भी बड़ी संख्या में बाढ़ प्लांट के यूनिट कंट्रोल रूम में उपस्थित थे।

गौरतलब है कि एनटीपीसी बिहार की औसत दैनिक बिजली मांग के 90% से भी अधिक बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करता है, जो 6,000 से 6,500 मेगावाट के आस-पास रहता है। बाढ़ प्लांट के स्टेज -I की दूसरी यूनिट के 660 मेगावाट अतिरिक्त उत्पादन क्षमता के जुड़ने के साथ ही, एनटीपीसी समूह की देश में कुल स्थापित क्षमता 73,024 मेगावाट से अधिक हो गयी, जिसमें 43 अक्षय और जल विद्युत परियोजनाओं सहित 89 विद्युत स्टेशन शामिल हैं।

एनटीपीसी समूह के पास 17 गीगावाट (जीडब्ल्यू) से अधिक की विद्युत उत्पादन क्षमता निर्माणाधीन है, जिसमें 5.9 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं भी शामिल हैं। देश में काफी समय से सस्ती दरों पर पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा परियोजनाओं के माध्यम से बिजली उत्पादित कर इसकी निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करना ही एनटीपीसी की प्रमुख ताकत रही है।


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