पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशुचिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान संस्थान के 12वें दीक्षांत समारोह में महामहिम राज्यपाल ने 24 छात्रों को गोल्ड, सिल्वर एवं ब्रांज मेडल व 131 छात्र छात्राओं को प्रदान की डिग्री | New India Times

अली अब्बास, ब्यूरो चीफ, मथुरा (यूपी), NIT:

पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशुचिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान संस्थान के 12वें दीक्षांत समारोह में महामहिम राज्यपाल ने 24 छात्रों को गोल्ड, सिल्वर एवं ब्रांज मेडल व 131 छात्र छात्राओं को प्रदान की डिग्री | New India Times

उत्तर प्रदेश की महामहिम राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने उ0प्र0 पं0 दीनदयाल उपाध्याय पशुचिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान संस्थान (दुवासु) के 12वें दीक्षांत समारोह में प्रतिभाग किया। महामहिम राज्यपाल ने मथुरा वासियों को होली की शुभकामनायें दी और कहा कि यह ब्रजभूमि है, जिसमें श्रीराधा कृष्ण जी की आलौकिक जीवन का सौन्दर्य देखने को मिलता है। ब्रज की होली पूरे विश्व में प्रसिद्ध है तथा ब्रज में होली कई दिनों तक मनायी जाती है। मथुरा नगरी को सूरदास, स्वामी हरिदास तथा रसखान जैसे महानकवियों की जन्मस्थली होने का गौरव है।
किसी भी देश की प्रगति तथा उपलब्धियां उस देश के नागरिकों के शैक्षिक स्तर, शिक्षा एवं शोध की गुणवत्ता, स्वच्छता तथा सामाजिक उन्नति से आंकी जाती है। उ0प्र0 पं0 दीनदयाल उपाध्याय पशुचिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान संस्थान (दुवासु) के पूर्व छात्र डाॅ0 महेन्द्र पाल को अभियांत्रिकी एवं विज्ञान के क्षेत्र में सराहनीय योगदान हेतु भारत सरकार द्वारा पदमश्री की उपाधि से सम्मानित किया गया है, अधिष्ठाता प्रोफेसर पीके शुक्ला व डाॅ0 मुकुल आनंद का चयन भारत सरकार के मत्स्य पशु पालन एवं डेयरी मंत्रालय द्वारा दुग्ध क्षेत्र की राष्ट्रीय सलाहकार समिति में नामित होना इस विश्वविद्यालय की गुणवत्ता को प्रदर्शित करता है।
पशुपालन किसी भी राष्ट्र की एक बड़ी सम्पत्ति होती है। पशुपालन हमारे देश की कृषि अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। पशुपालन के विकास हेतु केन्द्र एवं राज्य सरकार निरंतर कार्य कर रही है, जिसका उदाहरण राष्ट्रीय कामधेनु आयोग है, जो गाय और गोवंशों की देखभाल व उससे जुड़े नियमों को प्रभावी तरीके से लागू करवाने के लिए तत्पर है।
दीक्षांत समारोह में प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को बुलाने का एक उददेश्य है कि हमारी शिक्षा व्यवस्था जो टुकड़ों में बांटी गई है, जिसमें हायर एजुकेशन वालों को यह नहीं पता कि आंगनबाड़ी में क्या चल रहा है तथा आंगनबाड़ी को यह नहीं पता की विश्वविद्यालय में क्या चल रहा है। इसलिए दोनों में समन्वय, विचारों का आदान प्रदान होना अतिआवश्यक है। उन्होंने कहा कि बच्चों को रूचि के अनुसार अपना भविष्य तय करना चाहिए।
12वें दीक्षांत समारोह में महामहिम राज्यपाल जी ने 24 छात्रों को गोल्ड, सिल्वर एवं ब्रांज मेडल प्रदान किये। 131 छात्र छात्राओं को डिग्री प्रदान की,
जिसमें बीबीएससी एण्ड एएच के कुल 78 छात्र छात्राएं हैं, जिसमें 53 छात्र एवं 25 छात्राऐं हैं। बीएससी बायोटेक्नोलोजी/इंडस्ट्रीयल माइक्रोबायोलोजी के 30 छात्र छात्राऐं हैं, जिसमें 14 छात्र एवं 16 छात्राऐं हैं। एमवीएससी में कुल 20 अभ्यर्थी हैं, जिसमें 06 छात्र एवं 14 छात्राऐं हैं। पीएचडी में 01 छात्र एवं 02 छात्राओं को डिग्री प्रदान की गई है। इसी क्रम में 10 आंगनबाड़ी केन्द्रों को संसाधन किट प्रदान की है। परिषदीय विद्यालय के 30 विद्यार्थियों को फल एवं पुस्तक भेंट की।
कार्यक्रम में पशुपालन आयुक्त, पशुपालन एवं डेयरी विभाग डाॅ0 अभिजीत मित्रा, कुलपति दुवासु प्रोफेसर अनिल कुमार श्रीवास्तव, कुलसचिव दुवासु प्रोफेसर अरूण कुमार मदन मंच पर रहे।


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