अबरार अहमद खान /मुकीज खान, भोपाल (मप्र), NIT:
जमीअत उलमा ए हिंद की राज्य एवं क्षेत्रीय यूनिटों के अध्यक्षों व महासचिवों का दो दिवसीय वार्ता सम्मेलन फॉर्चून रिजॉर्ट एंड गार्डन भोपाल में संपन्न हुआ। जिसकी अध्यक्षता जमीयत उलमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने की।
इस सम्मेलन में जमीयत उलमा ए हिंद की राष्ट्र व्यापी कार्यों और गतिविधियों का आंकलन किया गया। इसके अलावा जमीयत उलमा ए हिंद के 10 सूत्रीय सुधारात्मक प्रोग्राम को ज़िला व स्थानीय स्तर पर लागू करने, मिल्लत फंड, सीरत उन नबी क्विज,समाज सुधार और दीनी शैक्षिक अभियान इत्यादि पर विस्तार से विचार विमर्श हुआ।
इस अवसर पर अपने विचार प्रकट करते हुए मौलाना महमूद असद मदनी अध्यक्ष जमीअत उलमा ए हिंद ने कहा कि उनके लिए जमीअत उलमा ही उनका परिवार है और इसके लिए पूरी तरह समर्पित हैं उन्होंने कहा कि मेरा रिश्तेदार वही होगा जिसने खुद को जमीयत के काम से जोड़ा है। मौलाना मदनी ने जमीयत के ज़िम्मेदारों को अख़लाक, सद व्यवहार और एकजुटता के साथ दीन, व मिल्लत तथा मानवता की सेवा के लिए समर्पित करने का निमंत्रण दिया और कहा कि सदव्यवहार के बगैर अल्लाह की तौफीक व सहायता प्राप्त नहीं होती। जमीयत पूरी मिल्लत इस्लामिया की संरक्षण और मार्गदर्शक जमात है। हज़रत शाह वालीउल्लाह मोहददिस देहलवी की तहरीक़ यानि आंदोलन के बाद जमीयत उलमा ही मिल्लत की इज्ज़त है। जब भी कोई घटना होती है। उम्मत के ज़्यादातर लोगों की उम्मीदें हमसे जुड़ जाती हैं। इसी कारण जब हम आशा के अनुरूप काम नहीं कर पाते तो वह टीका टिप्पणी और आलोचना करते हैं। मौलाना मदनी ने जमीयत में लोकतांत्रिक व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाने पर ज़ोर दिया और घोषणा की कि जमीयत संस्था की बढ़ोतरी और सुदृढ़ता के उद्देश्य से राज्य स्तर पर ऑर्गेनाइज़र नियुक्त किए जाएंगे। मौलाना मदनी ने कहा कि अगर हम क़ौम के लिए कुछ करना चाहते हैं तो हमें मोहल्ला स्तर तक जमीयत के प्रतिनिधि बनाने होंगे। तभी जाकर बेदिनी और अधार्मिकता का मुकाबला किया जा सकता है। उन्होंने दावा किया कि 42% नौजवान अधार्मिकता अज्ञानता में हैं। वह गांव में भी रहते हैं और शहर में भी। हम उनका सुधार तभी कर सकते हैं जब जमीयत के प्रतिनिधि हर जगह मौजूद हों। उन्होंने जमात के ज़िम्मेदारों से प्रण लिया कि जिन स्थानों पर अब तक जमीयत की यूनिटें न बनी हैं वहां ज़िला ब्लाक और स्थानीय स्तर तक जमीयत की यूनिटें स्थापित की जाएं। उन्होंने मिल्लत के मौजूदा हालात पर चिंता प्रकट की और कहा कि हमारे पास अब मंजिल के दौरान रुककर सुस्ताने का समय नहीं है बल्कि हर हाल में आगे कदम बढ़ाना होगा। उन्होंने पूर्व में बुजुर्गों की कुर्बानियों का हवाला देते हुए कहा कि आज जो भी दीनी यानी धार्मिक मामलात चल रहे हैं वह जमीअत उलमा की कुर्बानियों का ही परिणाम हैं। मौलाना मदनी ने सीरत ए तैयबा हुज़ूर स.अ.व. के मानवता वाले वास्तविक संदेश को सार्वजनिक करने पर काम करने का की घोषणा की और कहा कि सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम के अपमान के मामलों में विश्व स्तर पर काम करने की आवश्यकता है। कई बार ऐसा होता है कि अज्ञानता की वजह से अपमान की घटनाएं होती हैं इसलिए हुजूर सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम की जिंदगी को सार्वजनिक किया जाए। इसके लिए सर्वप्रथम इस्लामिक क्विज़ शुरू करने का भी प्रस्ताव पारित हुआ। विशेष सम्मेलन में महिलाओं को जमीयत के कार्यों से जोड़ने का प्रस्ताव आया जिसके संबंध में गौर करने के लिए एक कमेटी गठित कर दी गई है। जिसमें मौलाना बदरुद्दीन अजमल क़ासमी, मौलाना सददीक उल्ला चौधरी, मौलाना कलीम उल्लाह फैजाबादी, मौलाना इफ्तिखार क़ासमी और मौलाना हकीमुद्दीन क़ासमी कन्वीनर के रूप में शामिल हैं। इसके अलावा जमीयत उलेमा ए हिंद की राज्य स्तरीय यूनिटों की कार्रवाई, गतिविधियों के कार्यक्षेत्र को बढ़ाने के लिए पूरे देश को 5 जोन्स में बांटा गया है और उनके कन्वीनर और जिम्मेदार निर्धारित किए गए हैं। इस अवसर पर अपने संबोधन में जमीयत उलमा ए हिंद के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन क़ासमी ने कहा के जमीअत उलमा ए हिंद इस देश के लिए वरदान है। अध्यक्ष जमीअत उलमा हिंद का यह प्रण है कि गांव-गांव तक जमीयत उलमा स्थापित हो, जो जमीयत की राज्य स्तरीय यूनिटों के बगैर संभव नहीं है। इसीलिए आप सभी पूरे इरादे के साथ जमीयत को सुदृढ़ बनाएं। उन्होंने सम्मेलन के प्रबंधक प्रदेश अध्यक्ष जमीयत उलमा मध्यप्रदेश हाजी मोहम्मद हारून और उनकी टीम की अत्यधिक प्रशंसा और शुक्रिया अदा किया। मौलाना बदरुद्दीन अजमल अध्यक्ष जमीयत उलेमा आसाम ने कहा कि अपने कार्यों पर ध्यान देने के अलावा ज़िक्र अल्लाह की मजलिस भी क़ायम करनी चाहिए ताकि कबूलियत आम हासिल हो। इनके अलावा मौलाना नियाज़ अहमद फारूकी सचिव जमीयत उलमा ए हिंद, हाजी मोहम्मद हारुन अध्यक्ष जमीयत उलेमा मध्य प्रदेश, मौलाना सद्दीकउल्ला चौधरी अध्यक्ष जमीयत उलेमा पश्चिमी बंगाल, मौलाना अब्दुल रब आज़मी अध्यक्ष जमीयत उलेमा उत्तर प्रदेश, मौलाना नदीम अहमद सिद्दीकी अध्यक्ष जमीयत उलेमा महाराष्ट्र, मौलाना मुफ्ती इफतखार अहमद क़ासमी अध्यक्ष जमीयत उलेमा कर्नाटक, मौलाना शमसुद्दीन बिजली, महासचिव जमीयत उलेमा कर्नाटक, प्रोफेसर निसार अहमद अंसारी महासचिव जमीयत उलेमा गुजरात, मुफ्ती जावेद इकबाल क़ासमी अध्यक्ष जमीयत उलेमा बिहार, मौलाना ज़करिया केरल, मौलाना सईद अहमद मणिपुर, मौलाना मोहम्मद आकील अध्यक्ष जमीयत पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हाफ़िज़ अब्दुल अध्यक्ष जमीयत उलेमा पूर्वी जोन उत्तर प्रदेश, मौलाना अरशद क़ासमी अध्यक्ष जमीयत उलेमा मध्य जोन उत्तर प्रदेश और मौलाना आबिद क़ासमी अध्यक्ष जमीयत उलमा दिल्ली इत्यादि ने भी अपने अपने विचारों को प्रकट किया जो 5 ज़ोन बनाए गए हैं इसके अनुसार ज़ोन एक में कर्नाटक, तमिलनाडु केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना अंडमान व निकोबार गोवा शामिल हैं। जिनके कन्वीनर मुफ्ती शमसुद्दीन बिजली और ज़िम्मेदार मौलाना बदरुद्दीन अजमल हैं।
ज़ोन 2 में महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान शामिल हैं, जबकि कन्वीनर व ज़िम्मेदार मौलाना हाफ़िज़ नदीम सिद्दीकी होंगे।
ज़ोन 3 में पश्चिमी बंगाल, आसाम, मणिपुर त्रिपुरा, मेघालय, उड़ीसा ,नागालैंड, शामिल हैं इसके कन्वीनर मौलाना अब्दुल कादिर आसाम, मुफ्ती अब्दुल सलाम और ज़िम्मेदार मुफ्ती इफतखार क़ासमी हैं।
जोन नंबर 4 में बिहार, झारखंड ,पश्चिमी ज़ोन व मध्य उत्तर प्रदेश शामिल हैं। इसके कन्वीनर मौलाना कलीम उल्लाह खां क़ासमी और ज़िम्मेदार मौलाना सफीकउल्ला चौधरी हैं ।
ज़ोन पांच में पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली हरियाणा, पंजाब ,हिमाचल ,उत्तराखंड शामिल हैं। इस के कन्वीनर मौलाना मोहम्मद आकिल गढ़ी दौलत और ज़िम्मेदार हाजी मोहम्मद हारुन भोपाल हैं । उपरोक्त शख्सियतों के अतिरिक्त सम्मेलन में निम्नलिखित लोग भी 2 दिनों तक लगातार सम्मेलन में शामिल रहे और अपनी अपनी गतिविधियां पेश कीं। मौलाना मोहम्मद मदनी, हाजी मोहम्मद हसन तमिलनाडु,मौलाना मोहम्मद इब्राहिम केरल, मौलाना मुजीबउर रहमान केरल, मुफ्ती शरफुद्दीन अंडमान निकोबार, मौलाना अब्दुल समी गोवा, मौलाना मोहम्मद रफीक गुजरात, असलम कुरेशी गुजरात, कारी मोहम्मद अमीन राजस्थान, एडवोकेट मोहम्मद कलीम भोपाल, मुफ्ती अब्दुल सलाम बंगाल, मौलाना अब्दुल कादिर आसाम, मौलाना महबूब हसन असम,मौलाना शफीउल्लाह मणिपुर, मुफ्ती अब्दुल मोमिन त्रिपुरा, मौलाना गुफरान क़ासमी उड़ीसा, मौलाना अकरम तकी उड़ीसा, मौलाना मोहम्मद नाजि़म पटना, मौलाना खालिद पूर्नवी पटना, मौलाना कलीम उल्लाह खान क़ासमी यूपी, हाफ़िज़ अब्दुल हई मिफ़ताही खैराबाद मऊ, हाफ़िज़ उबैदुल्लाह बनारस ,मौलाना मुफ्ती ज़फ़र क़ासमी फर्रुखाबाद, क़ारी मोहम्मद यामीन अमरोहा, मौलाना इस्लामुद्दीन दिल्ली, मौलाना अली हसन मजाहीरी।
सम्मेलन का समापन मौलाना मोहम्मद रफीक़ मज़ाहिरी की दुआ पर हुआ।
इस सम्मेलन में केंद्रीय कार्यालय से मौलाना नजीबुल्लाह क़ासमी, मौलाना खालिद गयावी, मौलाना अज़ीम उल्लाह क़ासमी, मौलाना मोहम्मद यासीन जहाजी, मौलाना मोअज्जम आरफी, मौलाना शफीक अहमद क़ासमी, मौलाना अबुल हसन और हाजी मोहम्मद मुबशशिर इत्यादि भी शामिल रहे और बैठक में जमीअत उलमा मध्यप्रदेश की टीम ने अपनी सेवाएं दी हाजी मोहम्मद इमरान हारून आदि उपस्थित थे।
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