फोरलेन के जर्जर ब्रिज को गिराने के बजाए किया गया रफ़ू, PWD ने साधी चुप्पी | New India Times

नरेंद्र कुमार, जामनेर/जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

फोरलेन के जर्जर ब्रिज को गिराने के बजाए किया गया रफ़ू, PWD ने साधी चुप्पी | New India Times

मंत्री गिरीश महाजन की ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत 8 करोड़ की लागत से बनाई गई फोरलेन सड़क के अंदर ठेकेदार द्वारा किए गए भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए PWD ने बड़े ही आत्मविश्वास के साथ जर्जर ब्रिज पर पड़े गड्ढों को सीमेंट कंक्रीट से रफ़ू कर दिया है. जलगांव राजमार्ग नं 41 बस स्टैंड के पास अंग्रेजों के जमाने में बना पत्थर का पुल जब धंसा तो उसको स्टील कांक्रीट की कोटिंग से दिनदहाड़े पोत दिया गया. PWD के इस अदभुत काम की सराहना करने के लिए ताली और थाली बजनी चाहिए थी जो नहीं बजी. फोरलेन बनाते समय ठेकेदार ने पुराना ब्रिज गिराने के बजाये उन्हें कायम रखकर उनका विस्तार कर दिया. कायदे से सभी पुराने ब्रिज गिरकर उनकी जगह नए बनाने चाहिए थे. इनमें से एक ब्रिज जब धराशायी होने को है तब PWD ठेकेदार की जांच करना छोड़ उसे संरक्षण देने में लग गया है. जब पुल को रफ़ू कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने की बात हो रही थी ये सब देखकर कार्टून सीरियल मोगली का टाइटल सॉन्ग “जंगल जंगल बात चली है पता चला है” रफ़ू करके पुल खिला है” याद आना लाजमी है. शहर के अंदर फोरलेन से इसका इस्तेमाल करने वाले वाहनधारक ब्रिजेस पर सतर्कता बरतें.

मंत्री महाजन को हाई कोर्ट का झटका: जलगांव जिला दूध फेडरेशन पर नियुक्त किए गए प्रशासक मंडल को औरंगाबाद हाई कोर्ट ने गैर कानूनी करार देते हुए फेडरेशन से आउट कर दिया है. न्यायाधीश मंगेश पाटील तथा न्यायाधीश संदीप कुमार मोरे की डिवीजन बेंच के समक्ष प्रस्तुत इस मुकदमे की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार के उस अनुरोध को ठुकरा दिया जिसमें सरकार ने कोर्ट से कहा की हाई कोर्ट अपने फैसले को दो हफ़्तों के लिए स्थगिति दे ताकि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रख सके. हाई कोर्ट के इस फैसले से शिंदे सरकार और मंत्री गिरीश महाजन को करारा झटका लगा है. विदित हो कि दूध फेडरेशन पर लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव के जरिये पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे का पैनल सत्ता में है. सितंबर 2022 में संस्था का आम चुनाव होना है जिसकी तमाम प्रक्रिया पूरी कर दी गई है. मंत्री महाजन ने CMO से आदेश पारित करवा कर 29 जुलाई 2022 को गैर कानूनी तरीके से संस्था पर जबरन 11 सदस्यों का प्रशासक मंडल लाद दिया. इसी मामले को वर्तमान संस्था अध्यक्ष मंदाकिनी खडसे ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. आम आदमी का न्याय व्यवस्था पर जो विश्वास है उसे मजबूती प्रदान करने वाले हाई कोर्ट के फैसले की खबर को चोटी के मराठी अखबारों ने तीसरे और चौथे पेज पर जगह दी है.


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading