वी.के. त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT:
जनमानस को बेहतर और आधुनिक चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ईसीआरपी-2 के अंतर्गत ई सुश्रुत प्लेटफार्म के अंतर्गत अस्पताल जिला पुरुष चिकित्सालय ओयल व फरधान सीएचसी पर का शुभारंभ किया गया। जिला पुरुष चिकित्सालय में सीएमएस डॉ. हर्षवर्धन द्वारा योजना का शुभारंभ किया गया। वहीं इस दौरान एसीएमओ डॉ. बीसी पंत और बीपीएम अनिल कुमार यादव मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
जानकारी देते हुए एसीएमओ डॉ. बीसी पंत ने बताया कि शासन द्वारा ई-हॉस्पिटल व्यवस्था लागू की जा रही है। जिसके अंतर्गत जिला पुरुष अस्पताल और जिला महिला अस्पताल सहित अन्य 7 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को इस योजना से जोड़ा जाएगा। जिनमें फरधान सहित गोला, पलिया, धौरहरा मोहम्मदी, मितौली और निघासन सीएचसी शामिल हैं। जिससे मरीजों को आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं मिल सकें। इसके अंतर्गत गुरुवार को जिला पुरुष अस्पताल में सीएमएस डॉ. हर्षवर्धन द्वारा ई-हॉस्पिटल का शुभारंभ किया गया और इस दौरान डीपीएमयू द्वारा चिकित्सकों सहित पर्चा काउंटर व अन्य को कंप्यूटर के माध्यम से जोड़ा गया है। जिससे पर्चा बनने से लेकर इलाज तक सब कुछ ऑनलाइन देखा जा सकेगा। वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फरधान में भी ई-हॉस्पिटल योजना का शुभारंभ हुआ है। जल्द ही अन्य सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को भी इस योजना से जोड़कर शासन की मंशा के अनुरूप लोगों को लाभान्वित किया जाएगा। इसके लिए सीएमओ डॉ. अरुणेंद्र कुमार त्रिपाठी के नेतृत्व में पूरी कार्ययोजना बनाई गई है।
प्रौद्योगिकियों को अपनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण पहल
डीपीएम अनिल कुमार यादव ने बताया कि इस दौरान शासन की मंशा के अनुरूप ई-सुश्रुत, उत्तर प्रदेश-अस्पताल प्रबंधन सूचना प्रणाली (एच.एम.आई.एस.) अब जिले में के 2 जिला अस्पतालों और 7 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में नैदानिक और बैक ऑफिस कार्य प्रवाह के डिजिटलीकरण के लिए एक सल्यूशन (समाधान) के रूप में शुरू की जा रही है। स्वास्थ्य सेवा में सुधार करने के लिए प्रौद्योगिकियों को अपनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण पहल है। एच.एम.आई.एस. बेहतर अस्पताल प्रशासन और रोगी स्वास्थ्य देखभाग के लिए एक एकीकृत कंप्यूटरीकृत नैदानिक जानकारी उपलब्ध कराता है। यह रोगी का एक सटीक, इलेक्ट्रॉनिक रुप से संग्रहित मेडीकल रिकार्ड भी प्रदान करेगा। इस तरह के रिकार्ड के डेटा वेयरहाउस का उपयोग सांख्यिकी आवश्यकताओं और उत्तर प्रदेश राज्य के लिए अनुसंधान हेतु किया जा सकता है। एच.एम.आई.एस. एप्लिकेशन रोगियों के उपचार प्रवाह को सुव्यवस्थित करेगा और साथ ही कार्यबल को उनकी अधिकतम क्षमता के लिए अनुकूलित और कुशल तरीके से प्रदर्शित करने के लिए सक्षम बनाएगा । एच.एम.आई.एस. को एक्सेस करने के लिए प्रयोक्ता (यूजर) आई.डी. भी बनाई जाएगी और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) उत्तर प्रदेश के सुझावों के अनुसार उपयोगकर्ता को संबंधित एक्सेस भूमिकाएं (रोल) भी दी जाएंगी।
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