200 करोड़ रुपए की लागत से बन रही भावसा मध्यम सिंचाई परियोजना से 3750 हेक्टेयर भूमि होगी सिंचित: पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस | New India Times

मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, बुरहानपुर (मप्र), NIT:

200 करोड़ रुपए की लागत से बन रही भावसा मध्यम सिंचाई परियोजना से 3750 हेक्टेयर भूमि होगी सिंचित: पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस | New India Times

मध्यप्रदेश की पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) के अथक प्रयासों एवं सतत् मानीटरिंग के परिणाम स्वरूप करीब 200 करोड़ की लागत की बुरहानपुर जिले की प्रथम भावसा मध्यम स्वदबाव सिंचाई परियोजना धरातल पर उतर रही है। परियोजना का निर्माण कार्य तीव्रगति से जारी है। इससे करीब 3750 हेक्टेयर भूमि सिंचित हो सकेंगी। श्रीमती चिटनिस के साथ जनप्रतिनिधियों, निर्माण एजेंसी एवं अधिकारियों ने कार्यस्थल का निरीक्षण कर कहा कि मेरा और सबका स्वप्न साकार हो रहा है।

15 माह की कांग्रेस की सरकार में पूर्ण रूप से बंद पड़ा था कार्य

ज्ञात हो कि अनेक रूकावटों के बाद इस सिंचाई परियोजना का निर्माण शुरू हो सका था। प्रदेश में 15 माह की कांग्रेस की सरकार के कारण इसका निर्माण कार्य पूरी तरह से ठप्प हो गया था। पुनः भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने से ही भावसा जिले की पहली मध्यम सिंचाई परियोजना जमीन पर उतर सकी है।

सतत मॉनीटरिंग के कारण धरातल पर उतरी योजना
पूर्व मंत्री श्रीमती चिटनिस ने अथक प्रयासों एवं सतत् मानीटरिंग के परिणामों से 104.45 करोड़ रूपए की बुरहानपुर जिले की प्रथम भावसा मध्यम स्वदबाव सिंचाई परियोजना बुरहानपुर जिले के ग्राम भावसा के समीप अमरावती नदी पर निर्माण हेतु प्रशासकीय स्वीकृति एक फरवरी 2017 में प्राप्त हुई थी। परन्तु 275.04 हेक्टेयर वन भूमि प्रभावित होने के चलते केन्द्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय नईदिल्ली भारत सरकार से भी जरूरी थी। पर्यावरणीय स्वीकृति को लेकर पूर्व मंत्री श्रीमती चिटनिस ने 25 अक्टूबर 2017 को तत्कालीन केन्द्रीय वन, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन, मंत्री विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ.हर्षवर्धन से नई दिल्ली में भेंट की थी। परियोजना की साइट इन्सपेक्शन रिपोर्ट हेतु क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल को निर्देश जारी किए। उसकी रिपोर्ट प्राप्त होते ही आगामी फारेस्ट एडवाजरी कमेटी की बैठक में विचारार्थ रखा गया। केन्द्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय नईदिल्ली भारत सरकार से सैद्धांतिक/प्रथम स्तरीय पर्यावरणीय स्वीकृति जारी की थी। केन्द्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय नईदिल्ली भारत सरकार द्वारा वन विभाग की मांग अनुसार नेट प्रजेंट वेल्यू, एण्ड वैकल्पिक वृक्षारोपण तथा पट्टाधारियों को मुआवजा राशि इत्यादि के लिए 68 करोड़ रूपए की राशि वन विभाग को प्रदान की। 275.04 हेक्टेयर भूमि जो डूब में आ रही थी उसे वन विभाग को अन्य स्थान पर भूमि उपलब्ध कराकर इसका क्लियररेंस कराया गया। साथ ही प्रोजेक्ट में फेरबदल के परिणाम स्वरूप 11 हेक्टेयर किसानों की भूमि डूब में नहीं आ सकी। डूब में आ रहे ग्राम चौंडी के रहवासियों को मुआवजा राशि का वितरण किया गया। 1402 मीटर लंबाई, 28 मीटर हाईट तथा 140 बैस हेडवर्क (पाल) के निर्माण कार्य से इस कार्य की शुरूआत की गई थी, अब परियोजना का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर जारी है।

इस प्रकार व्यय होंगी 200 करोड़ की राशि
पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने बताया कि परियोजना की लागत 200 करोड़ एवं सिंचाई क्षमता 3750 हेक्टेयर से अधिक है। भावसा मध्यम सिचाई परियोजना में प्रस्तावित मुख्य बांध स्थल पर 75 प्रतिशत निर्भरता पर जल की आवक 16.38 मि.घ.मी. है। बांध की कुल उपयोगी जल भराव क्षमता 13.64 मि.घ.मी. रूपांकित है। परियोजना की रूपांकित रबी सिंचाई 3750 हेक्टेयर है। बांध का डूब क्षेत्र लगभग 271.76 हेक्टेयर होगा, जिसमें 129.60 हेक्टेयर वनभूमि कृषि पट्टाधारी एवं वनभूमि 142.16 हेक्टेयर बांध के डूब क्षेत्र में अन्य शासकीय भूमि, निजी भूमि अथवा परिवार प्रभावित नहीं हो रही है। परियोजना के जलाशय के दायें पार्श्व से स्वदबाव से जल भूमिगत पाईप लाईन से सूक्ष्म सिंचाई (स्प्रिंकलर) पद्धति से बुरहानपुर जिले के 20-25 ग्रामों में 3750 हेक्टेयर से क्षेत्र में सिंचाई हो सकेंगी। परियोजना के अंतर्गत बांध कार्य हेतु 32 करोड़ रूपए, भू-अर्जन एवं पुनर्वास कार्य हेतु 68 करोड़ रूपए, पाईप लाईन वितरण प्रणाली 1 हेक्टेयर तक के कार्य हेतु 45 करोड़ रूपए तथा 10.60 करोड़ रुपए की लागत से जम्बूपानी पहुंच मार्ग हेतु स्वीकृति दिलाई गई। इस प्रकार योजना की कुल लागत 200 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है।

करीब 5 हजार किसान होंगे लाभान्वित
भावसा मध्यम सिंचाई परियोजना के निर्माण से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से 20-25 ग्रामों के करीब 5 हजार से अधिक किसानों की 3750 हेक्टेयर से ज्यादा भूमि सिंचित हो सकेंगी। योजना की साध्यता पिछले कार्यकाल में श्रीमती चिटनिस द्वारा लगातार प्रयासरत् रहते हुए वर्ष 2011 में प्राप्त की गई थी। इसके निर्माण में सबसे बड़ी बाधा योजना के डूब में आ रही 276 हेक्टेयर वन भूमि के बदले राजस्व की भूमि कटनी जिले में 69.68 हेक्टेयर तथा बुरहानपुर जिले में 208.77 हेक्टेयर वन विभाग को उपलब्ध कराई गई है। राजस्व, वन, जल संसाधन सभी विभागों का समन्वय कराकर वन प्रकरण को भारत सरकार को प्रस्तुत किया गया था।

20-25 से अधिक गांव होंगे लाभान्वित
इस बहुप्रतिक्षित सिंचाई के निर्माण से ग्राम भावसा, खामनी, मोहद, बंभाड़ा, बड़सिंगी, तुरकगुराड़ा, पिपरी, खारी, मालवीर, चौंदी, दहीहंडी, फोफनार, रायगांव, नीमगांव, संग्रामपुर एवं बख्खारी सहित 20 से 25 गांवों के भूजल स्तर में वृद्धि होकर लगभग 3750 हेक्टयर से अधिक क्षेत्र में सिंचाई हो सकेगी। जिससे कृषि क्षेत्र में खुशहाली और कृषकों के लिए यह योजना वरदान सिद्ध हो सकेगी।

ग्राम जम्बूपानी के लिए नवीन पहुंच मार्ग हेतु 10.60 करोड़ रुपए स्वीकृत
पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने बताया कि परियोजना निर्माण से जम्बूपानी का पहुंच मार्ग डूब में आ रहा था। इसके लिए नवीन पहुंच मार्ग बनाया जा रहा है। इसके लिए भी 10.60 करोड़ रुपए की स्वीकृति जारी की जाकर टेंडर की प्रक्रियारत है। अतिशीघ्र टेंडर जारी कर इसका भी कार्य प्रारंभ किया जाएगा। इसके पूर्व वैकल्पिक रूप से मार्ग का निर्माण कराया जा रहा है।

श्रीमती चिटनिस के साथ अन्य जनप्रतिनिधियों ने किया निरीक्षण
इस दौरान श्रीमती चिटनिस के साथ पूर्व विधायक रामदास शिवहरे, गुलचंद्रसिंह बर्ने, बलराज नावानी, विनोद चौधरी, इंदरसिंह रामदास, किशोर पाटिल खामनी, नितिन महाजन, अजहर-उल-हक, गफ्फार मंसूरी, ईश्वर चौधरी, हेमेंद्र नारायण पाटिल, रामभाऊ गुलाबसिंह मालवीय, विजय राठौड़, नारायण चौहान, फूलसिंह बारेला, प्रमोद महाजन, श्रीकांत सोनवणे, शांतिलाल भाउलाल पाटिल, पुंडलिक रामभाऊ चौधरी सहित अन्य जनप्रतिनिधियों एवं गणमान्य नागरिकों ने निरीक्षण कर श्रीमती चिटनिस के प्रयासों एवं कार्यों की सराहना की।


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