गोपाल किरन समाजसेवी सेवी संस्था ने की एक नई पहल, एक गरीब मुस्लिम परिवार की बेटी की कराई शादी | New India Times

संदीप शुक्ला, ब्यूरो चीफ, ग्वालियर (मप्र), NIT:

गोपाल किरन समाजसेवी सेवी संस्था ने की एक नई पहल, एक गरीब मुस्लिम परिवार की बेटी की कराई शादी | New India Times

गोपाल किरन समाजसेवी संस्था एक अलाभकारी गैर राजनीतिक स्वैचिछिक संस्था है जिसका मुख्यालय ग्वालियर में है जिसके अध्यक्ष श्रीप्रकाश सिंह निमराजे, मुख्य संरक्षक श्रीमति संगीता शाक्य, के.सी. मीणा, इंजीनियर आर.एस. वर्मा, डॉ. प्रवीण गौतम, विषय विशेषज्ञ वितीय साक्षरता श्री निहाल चन्द्र शिवहरे जी और सचिव जहाँआरा हैं। जो कि स्थायित्व विकास मानवता के लिये समर्पित रहा है जिसका मुख्य ध्येय सशक्त समता मूलक समाज की स्थापना है।
प्रारभ में उतनी दिशाएं स्पष्ट नहीं थी जो अब हैं। कोई बताने वाले वाला और जानकारी देने वाला नहीं होने के बाबजूद आज पहचान की मोहताज नहीं है. राष्टीय व अंतर्राष्टीय स्तर पटल पर पहचान बन गई है। जिसकी 9 अप्रैल 1985 स्थापना हुई. गोपाल किरन समाजसेवी संस्था ने बच्चों के लिए स्कूल आरंभ कर विकास के क्षेत्र में कदम रखते हुए 28 जनवरी 1986 को संस्था पंजीकृत हुई. गृह मंत्रालय से 23 जुलाई 1998 को पंजीकृत, आयकर अधिनियम के तहत 12AA एवं 80G के तहत 10 अगस्त 2010 में हुई।
संस्था की प्रमुख उपलब्धि रही है जिसमें कि सतत् विकास लक्ष्य की स्थापना के कार्यक्रम को एक दिवस न मनाकर पूरे सप्ताह मनाया जाये इसका कांन्सेप्ट यूनाइटेड नेशन (UN) को दिया. पहले गोपाल किरन समाजसेवी संस्था ने वर्ष 2018 सितम्बर दिनांक 18-25 तक किया उसके बाद इसको सहमति मिली अब वर्ष 2019 से प्रति वर्ष मनाया जाता है जिसके लिए कोई सहायता नहीं मिली। ग्वालियर में पहली बार सं विधान दिवस पर रन फॉर कॉन्स्टिट्यूशन का आयोजन 26 नवंबर 2018 जिसमे डेनमार्क से पधारे लोगों ने अतिथि के रूप भाग लिया.
3 जनवरी 2018 को पहली बार सावित्री बाई फूले की जयंती शिक्षक दिवस पर कॉलेज में मनाई गई जहाँ का अनुभव रहा कि पहली बार नाम और उनके बारे तथा उनके फोटो को पहली बार देखा, प्राध्यापक और छात्राओं ने।
राम नगर गांव, सिरोली पचायत, मुरार विकास खंड में आता है उस गांव की महिलाओं को किसी न किसी स्व सहायता समूह से जोड़ा और स्व सहायता का गठन भी कराया जिससे कोई परचित नहीं रहा पूर्व से। क्षेत्र में कोई भी स्व सहायता समूह की अवधारणा को बैंक तक नही जानता वहाँ पहचान दिलाई और सहभागिता का मॉडल भी खड़ा किया। यहां तक कि डॉ. बी. आर. अम्बेडकर जल सरक्षण के क्षेत्र में उनके योगदान को स्वीकार करने को तैयार नहीं उस चुनौती को स्वीकारते हुए शोधार्थियों के लिए एक नया रिसर्च क्षेत्र खोला आदि कई उपलब्धि रही।
संस्था की गतिविधियों में शादी अन्य प्राथमिकता का विषय नहीं रहा है।

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इस्लाम पुरा जो की आगरा-मुंबई रोड पर स्लम एरिया है वहाँ की पहले से ही एक गरीब परिवार और ऊपर से कोविड़ के कारण हालत बदहाल हो गये हैं एक किराये के मकान में बबलू शाह जिनकी चार पुत्री और 2 पुत्र हैं जिसमें से दो लड़कियों की शादी कर दी है। वह पत्थर भरने का काम और उनकी पत्नी घरों पर चौका बर्तन करने का काम करने जाती है वह भी इस कोरोना महामारी ने बंद करा दिया।

हुसना बानो से जो कि लड़की की मां थी वह काफी परेशानी और चेहरे पर शिकन और चिंता में डूबी हुई मायूस थी कि उनकी बिटिया की शादी कैसे होगी क्योंकि वह कलेक्टर से लेकर क्षेत्र के विधायक जी की मध्य प्रेदेश मंत्री मण्डल में कैबीनेट मंत्री हैं वहाँ पर भी उनको मदद नहीं मिली. सरकार द्वारा चलाई जा रही सामूहिक विवाह व अन्य योजना कहीं से भी उसको सहायता नहीं मिली, थक हारकर घर में बैठने की बजाये अपने प्रयास नहीं छोड़े, दर दर भटकने से पैरों में दर्द होने लगा और वह सूज गये तभी वहीं की एक आनलाइन चलाने वाली कार्यकर्ता शबनम खान से मुलाकात हुई जो कि गोपाल किरन समाजसेवी संस्था और अध्यक्ष श्रीप्रकाश सिंह निमराजे को जानती थी और उनको पूरी बात बताई. विषय की गंभीरता को समझा और उनके घर पर एक टीम जहाँआरा के मार्गदर्शन में वास्तविकता को जानने के लिए तैयार कराई और राधा सेनी को भेजा गया, उन्होंने बात कर वस्तु स्थिति को रखते हुए तत्काल सहयोग उल्लेख किया.

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सरंक्षक मण्डल /पदाधिकारी/सहयोगियों से विचार कर सहयोग करना आरंभ किया. गभीरता को देखते हुए सरंक्षक इंजीनियर आर. एस. वर्मा जी ने सहयोग करते हुए केंद्रीय लोक निर्माण विभाग पुणे के चीफ इंजीनियर कमाल अहमद जी से बात की और उन्होंने मदद की उसके बाद जहांआरा, श्रीप्रकाश सिंह निमराजे, कैलाश चंद्र मीणा, मण्डलाधिकारी वन धौलपुर, आर.एस. मित्तल, राधा सेनी, जयभीम अनुसूचित अनुसूचित जनजाति समिति ने अपनी बैठक आयोजित की, उनकी सहमति बनी। श्रीमती सुनीता गौतम, निर्मला पारस, सीमा पांडोरिया, पार्वती बंसल, काजल कदम जी ने प्रेशर कुकर, बिछिया, सूट और गोपाल किरन संस्था की ओर से बर्तन, पलंग, श्रिंगारदानी, गदा, तकिया, आटा, प्लेट, हल्दी हेतु पीला सूट आदि प्रदान किया और खाने की व्यवस्था में सहयोग जहाँआरा और राधा सेनी ने गेस चुला प्रदान किया। हल्दी की रस्म अदायगी कर आग्रह किया कि उसको आशिर्वाद प्रदान करें।


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